अक्षय तृतीया का दिन एक सर्वमान्य
शुभ दिन है। इस दिन किसी भी शुभ
कार्य को करने के लिए किसी विशेष
समय या मुहूर्त की आवश्यकता
नहीं होती। आज के दिन किसी भी
व्यापार, उद्योग, नौकरी या पेशे को
आरम्भ कर सकते हैं।
अक्षय तृतीया वैशाख माह के शुक्ल
पक्ष की तीसरी तिथि को होती है।
इस वर्ष यह शुभ दिन 2 मई शुक्रवार
के दिन होगा। यह दिन पूर्ण २४
घंटे के लिए हर कार्य के लिए शुभ
होगा। सगाई, विवाह, पढ़ाई, जमीन
जायदाद, मोटर, वाहन, सोना-चांदी
आदि बहुमूल्य वस्तुएं खरीदने और
पूजा-पाठ और धार्मिक-आयोजन के
लिए इस दिन को विशेष लाभकारी
माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि
इस दिन निवेशित धन या दान पुण्य
सदा कायम रहता है।
अक्षय तृतीया एवं आपकी राशि
यहां फ्यूचर समाचार के पाठकों
के लिए इस शुभ अवसर पर पुण्य
कमाने के उपाय राशि के अनुसार
बताया जा रहा है जिससे सभी लोग
खुशहाल रहें, उन्हें हर प्रकार से धन,
सम्पत्ति एवं सुख-समृद्धि मिले और
वे स्वस्थ होकर राष्ट्र के विकास और
निर्माण में सहयोग दें और भारत में
आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक और
धार्मिक उन्नति हो सके।
मेष: सूर्य देव इस राशि में
विराजमान रहेंगे। इस राशि के
स्वामी मंगल अग्नि, विद्युत, शक्ति,
युद्ध, भूमि, होटल और ट्रांसपोर्ट के
कार्य में सफलता देने वाले हैं। इस
राशि के जातकों को आज के दिन
प्रातः नदी या समुद्र या बहते पानी में
स्नान कर सूर्य को जल देना चाहिए।
संपत्ति क्रय करने का योग भी इनको
प्राप्त हो सकता है।
वृषभ: वृषभ राशि के स्वामी शुक्र
हैं। इसके जातकों को चीनी, सफेद
वस्त्र ब्राह्मणों को या मंदिर में दान
कर पिता को उपहार देना चाहिए।
पत्नी या माता के लिए बहुमूल्य वस्तु
खरीदना लाभकारी निर्णय होगा।
मिथुन: मिथुन राशि के स्वामी बुध
हैं। इसके जातकों को हरे वस्त्र दान
कर गाय को पालक या हरी सब्जी
खिलानी चाहिए। इससे इन्हें पन्ना
खरीदने, खेती की जमीन खरीदने
का सौभाग्य प्राप्त होगा। बैंक से
लोन की प्राप्ति का अवसर भी प्राप्त
हो सकता है।
कर्क: कर्क राशि के स्वामी चन्द्रमा
हैं। इस राशि के जातकों को इस
दिन चीनी, सफेद वस्त्र ब्राह्मणों को
या मंदिर में दान करना और व्रत
रखना विशेष लाभकारी होगा। माता
को सोना चांदी आदि उपहार स्वरुप
देना चाहिए।
सिंह: इस राशि के स्वामी ग्रहों के
राजा सूर्य देव हैं जो इस समय वृषभ
राशि में विराजमान होकर विलासिता
की ओर प्रेरित कर रहे हैं। पिता एवं
दादा को सोना चांदी उपहार देने
से सरकारी नौकरी मिलने और रुके
काम निपटने का सौभाग्य प्राप्त हो
सकता है।
कन्या: राशि के स्वामी बुध हैं।
इसके जातकों के लिए यह पर्व
विशेष लाभदायी है। इस राशि की
कन्याओं के विवाह का योग बनेगा
इस दिन सूर्य पूजा, गणेश पूजा कर
पंडितों और घर की कन्याओं को
उपहार देना लाभदायी होगा।
तुला: इस राशि के स्वामी वैभव
और विलासिता के स्वामी शुक्र
देव हैं। पत्नी या प्रेमिका को हीरे,
सोना-चांदी के जेवर लेकर देने
चाहिए। इसके फलस्वरूप विदेश
यात्रा और नए वाहन खरीदने का
अवसर मिलने की उम्मीद होती है।
वृश्चिक: वृश्चिक राशि के स्वामी
मंगल हैं। इस राशि के जातकों को
इस दिन बड़े भाई को उपहारस्वरूप
तांबे के बर्तन व पत्नी को गहने
उपहार देना लाभदायी होगा।
अदालती कार्यवाही से मुक्त होने का
सुअवसर भी प्राप्त हो सकता है।
धनु: बृहस्पति इस राशि के स्वामी
हैं। इस राशि के जातकों को स्नान
और जल अर्पण के बाद अपने गुरु
को पहले वस्त्र, अरहर की दाल लड्डू
और माता को सोने की वस्तु उपहार
में देना चाहिए। शिक्षा और प्रकाशन
व्यवसाय में नए अवसर मिल सकते
हैं।
मकर: मकर राशि के स्वामी
न्यायाधीश शनि देव हैं। इस दिन
इस राशि वालों को अपने अधीनस्थ
कर्मचारियों को कलि दल, सरसों का
तेल, स्टील के बर्तन आदि उपहार
में देना चाहिए जिससे उनके पेंडिंग
मुकदमों का निपटारा शीघ्र हो सके।
कुंभ: मकर राशि के स्वामी भी
शनि देव ही हैं। उन्हें भी मकर राशि
की भांति पुण्य करना है लेकिन उन्हें
पिता और पत्नी को उपहार और
मान-सम्मान की जरूरत है, इन्हंे
नौकरी में पदोन्नति और व्यवसाय में
नवीन अवसर मिलेंगे।
मीन: मीन राशि के स्वामी बृहस्पति
हैं। इस राशि वालांे को शिवलिंग
पर जल चढ़ाना चाहिए और ऊँ
नमः शिवाय का जप करना चाहिए।
बहन, पत्नी और बेटी एवं माताश्री
को सोने, पीतल के गहने ,बरतन
इत्यादि उपहार स्वरुप देने चाहिए,
गरीब कन्याआंे को पुटके और स्कूल
बैग एवं शिक्षा की सामग्री दान देना
अत्यधिक शुभ एवं मंगलकारी रहेगा।
घर परिवार में कन्या के विवाह
का योग बनेगा, मकान दुकान या
फार्महाउस खरीदने का योग बनेगा।
परिवार के साथ विदेश यात्रा का सुख
भी प्राप्त हो सकता है।