हस्ताक्षर से जानें भविष्य

हस्ताक्षर से जानें भविष्य  

भगवान सहाय श्रीवास्तव
व्यूस : 13421 | जनवरी 2011

दादाराव के लेख में विभिन्न प्रकार के हस्ताक्षरों के स्वरूप तथा उनके प्रतिफल का विवरण दिया गया है। हस्ताक्षर एक दर्पण है जिससे व्यक्ति का व्यक्तित्व अवश्य झलकता है। हस्ताक्षरों में कुछ विशेष चिन्ह देखने को मिलते हैं, जिससे आप भविष्य के बारे में बता सकते हैं। जैसे हस्ताक्षर के नीचे आड़ी अथवा तिरछी रेखा खींचना, बिंदु लगाना, काॅमा लगाना, डैस देना, गोल बिंदू लगाना। इस प्रकार के चिन्हों से हस्ताक्षर कत्र्ता की विशिष्ट मनोवृत्ति का पता चलता है। यदि हस्ताक्षर के नीचे एक रेखा खींची जाए तो यह प्रदर्शित होता है कि वह व्यक्ति अपने कार्य, कर्तव्य एवं व्यवहार के प्रति सजग है, उनकी विचारधारा प्रगतिशील एवं सामयिक होती है, वे अपने कार्यों के द्वारा दूसरे व्यक्तियों को प्रभावित करने में सक्षम रहते हैं।

यदि हस्ताक्षर के नीचे दो रेखाएं बनाई गई हों, वह व्यक्ति विशिष्ट मनोवृत्ति, ख्याति प्राप्त करने की अभिलाषा रखने वाला एवं खोजी प्रवृत्ति का होता है। ऐसे व्यक्ति हमेशा कुछ नया करने एवं जानने को उत्सुक रहते हैं, अगर उन्हें अवसर मिले तो उच्च स्तरीय सफलता प्राप्त कर सकते हैं। यदि हस्ताक्षर के नीचे दो रेखाएं बराबर लम्बाई की हों, तो ऐसे व्यक्ति विशाल हृदय के स्वामी होते हैं अपने उदार स्वभाव एवं परोपकारी प्रवृत्ति के कारण ये सामाजिक कार्यों में अग्रणी रहकर ख्याति प्राप्त करते हैं। यदि एक रेखा छोटी एवं एक रेखा बड़ी हो तो ऐसे व्यक्ति के आदर्श ऊंचे होते हैं, किंतु विपरीत परिस्थितियों में अपना धैर्य खो बैठते हैं तथा अपने लक्ष्य से भटक जाते हैं।

यदि हस्ताक्षर के नीचे एक पंक्ति गोलाकार स्वरूप लिए हुए हो, तो ऐसे व्यक्तियों का जीवन परिवर्तनशील होता है, वे कलात्मक क्षेत्र में विशेष उन्नति करते हैं यदि उनका पारिवारिक जीवन सुखद हो तो वे सफलता की ऊंचाईयां छूते हैं। यदि हस्ताक्षर में बिंदु देखने को मिलते हैं प्रायः हस्ताक्षर करने के बाद नीचे बिंदू लगाने की प्रवृत्ति होती है ऐसे व्यक्ति अपने कार्यों के द्वारा अपनी विशिष्ट पहचान बनाते हैं यदि यह बिंदू एक से अधिक हो तो अभिलाषा तीव्र हो जाती है। ऐसे व्यक्ति धुन के पक्के होते हैं। यदि हस्ताक्षर में मात्राओं में बिंदु गोलाकार रूप में हो तो ऐसे व्यक्ति अच्छे चिंतक एवं विचारक होते हैं।

उनके अंदर त्याग की प्रवृत्ति होती है। वे आदर्शों के प्रति समर्पित रहकर जीवन व्यतीत करते हैं। यदि गोलाकार बिंदु जरूरत से ज्यादा बड़े हो, तो वे व्यक्ति को अव्यवहारिक बना देते हैं ऐसे व्यक्ति योग्य होते हैं परंतु उन्हें रुकावटों का सामना करना पड़ता है। यदि हस्ताक्षर में डैस (-) का चिन्ह हो तो ऐसे व्यक्ति स्वभाव से उग्र एवं पृथकताकारी प्रवृत्ति के होते हैं। इनका पारिवारिक जीवन भी उनकी इस आदत से परेशान रहता है। यदि हस्ताक्षर में एक से अधिक अतिरिक्त चिन्ह हो (जो कि बिंदु या अन्य हो सकते हैं) ऐसे व्यक्ति नकारात्मक सोच रखने वाले होते हैं। यदि हस्ताक्षर लयबद्ध नहीं हो, तो ये मानसिक रूप से अस्थिर एवं कुंठा से पीड़ित रहते हैं। यदि हस्ताक्षर में कोई अक्षर बार-बार कट रहा हो तो व्यक्तित्व में नकारात्मक प्रवृत्ति की ओर संकेत करता है। ऐसे व्यक्ति अपने ही कार्यों एवं विचारों के कारण अपने पारिवारक एवं सामाजिक जीवन में असफल होते हैं।

यदि हस्ताक्षर में समाप्ति पर एक लंबी रेखा अक्षर से मिली हुई खींची जाती है तो यह व्यक्ति के दूरदर्शिता, विवेकशीलता के साथ ही कूटनीति का परिचायक है। यदि हस्ताक्षर के अंत में लंबी घुमावदार रेखा बन जाय तथा हस्ताक्षर से दूर तथा नीचे की ओर जा रही हो तो ऐसे व्यक्ति की उन्नति में पारिवारिक एवं भावनात्मक कारणों से व्यवधान आते हैं।



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