चतुर्दिक विध्न विनाशन तथा संपन्नता प्राप्ति के उपाय

चतुर्दिक विध्न विनाशन तथा संपन्नता प्राप्ति के उपाय  

भगवान सहाय श्रीवास्तव
व्यूस : 29684 | आगस्त 2011

चमत्कारी तांत्रिक टोटको से करें भाग्य वृद्धि डॉ. पं. सीताराम त्रिपाठी शास्त्री तांत्रिक टोटकों में काम आने वाली चीजों में सियार सिंगी, हत्था जोड़ी, काले घोड़े की नाल और श्वेतार्क का अपना अलग ही महत्व है क्योंकि इनके विभिन्न प्रयोगों से चमत्कार घटित होते हैं। ऐसे ही कुछ उपायों की जानकारी भाग्य में चमत्कार उत्पन्न कर सकती है। लाभ की सीमा अनुभव करके जानी जा सकती है। तंत्र का टोटका-साधना भौतिक वस्तुओ पर आधारित होता है। विभिन्न प्रकार की चमत्कारी वनस्पतियों एवं प्रकृति की अनोखी वस्तुओ का विधि-विद्गोष के साथ प्रयोग ही व्यवाहारिक तंत्र का आधार है। तंत्र-टोटका केवल तन को सुख देने वाला होता है। साधना- क्रिया मे मंत्र की भी आवद्गयकता होती है। पर जिस प्रकार प्राण-धारण के लिए शरीर आवद्गयक है उसी प्रकार तंत्रटोटका मे अदुभुत दुर्लभ वस्तुओं की परम आवद्गयकता होती है। यहां अनुभव सिद्व तांत्रिक टोटका वस्तुओ की पूर्ण जानकारी के लिये तांत्रिक प्रयोग के बारे में विशेष सतर्कता आवश्यक है। आजकल बाजारों में नकली सियारसिंगी व हत्थाजोडी अधिक मिलती है अतः इनसे वांच्छित प्रभाव की आद्गाा नही की जा सकती। प्रामाणिक असली वस्तु परीक्षण कर सावधानी पूर्वक खरीदकर लाभ प्राप्त करें। उससे सफलता अवद्गय मिलती है। असली सामग्री सिद्ध होकर साधक का सभी कार्य पूर्ण करती है !

1. सिंयार सिंगी :

यह पद्गाु तंत्र शास्त्र की अमूल्य निधि है इसको गीदडसिंगी भी कहते है। वन्य-पद्गाुओं में नरसियार के सिर पर एक प्रकार की गांठ होती हैं उसे ही सिंयार सिंगी कहा जाता है। सियारसिंगी की गाठें तंत्र शास्त्र में अदुभुत शक्ति सम्पन्न बतायी गई है। सिंयारसिगी में सुरक्षा, सम्मोहन, वंद्गाीकरण, सम्पति वर्द्धन की दिव्य-शक्ति होती हैं। इसे किसी विद्गवसनीय तात्रिंक से ही प्राप्त कर निम्न मंत्र द्वारा 'सिद्व कुरू-कुरू नमः' मंत्र से शुभ मुहुर्त में एक आक के पते पर रखना चाहिए। पूर्व में मुख करके सिंयार सिंगी को रखना चाहिए। साधक 108 बार एक रूद्राक्ष माला से 11 दिन तक फूंक मारे। आक-पत्र को रोजाना बदलना चाहिए। ऐसा करने पर सियारसिंगी सिद्व होगी। सिद्व होने पर इसे चांदी या स्टील की डिब्बी के अन्दर रखना चाहिए, साथ मे सिंदूर, लौंग व इलायची रखनी चाहिए। जिस के पास गीदड सिंगी होती है उसे आने वाली दुर्घटना या शुभ घटना की सत्य सूचना स्वप्न में प्राप्त हो जाती है। ऐसे व्यक्ति के घर में सदैंव लक्ष्मी का वास रहता हैं, उसके नाम की विजय पताका फहराती हैं तथा कोई संकट भी उसे छू नही सकता।

सिंयारसिंगी के अन्य तंत्र-टोटकेः

1. वंद्गाीकरण प्रयोगः 'क्क नमः नर-मादा सिंयारसिगायः अमुक मम वद्गय कुरू-कुरू स्वाहाः। जिस स्त्री पुरूष को अपने वद्गा में करना हो तब अमुक के स्थान पर इच्छित व्यक्ति का नाम आक के पते पर लिखकर सिंयारसिगी को उसके ऊपर रखे। उपरोक्त मंत्र का जाप 108 बार कर के फूंक मारें। मंत्र जाप के समय अमुक के स्थान पर नाम का प्रयोग अवद्गय करें। सियारसिंगी को डिब्बी में बन्द करके लौंगइलायची के साथ रखें। दूसरे दिन सामने वाले व्यक्ति को डिब्बी में रखी लौंग इलायची खिला दिया जाय तो वह व्यक्ति चाहे वह स्त्री हो या पुरुष या सरकारी अधिकारी, या कितनी ही कठोर हृदय वाली स्त्री, पूर्णरूप से आपके वश में होगा। यह चमत्कारी प्रयोग पति-पत्नी पर, गृह क्लेद्गा से परेद्गाान परिवार पर कर के लाभ उठायें, तलाक एवं आत्म हत्या जैसी समस्याओं का गारण्टी से इलाज संभव है। योग्य व्यक्ति साक्षात्कार एंव प्रतियोगिता में भी प्रयोग करके उचित लाभ प्राप्त कर सकता हैं।

2. धनवृद्वि के लिएः-क्क नमः नर-मादा सिंयारसिगाय मम् घर धन वर्षा कुरू-कुरू स्वाहाः' इस मंत्र का प्रयोग ऋण-मुक्ति एंव धन वृद्धि करने में सक्षम होता है। पूजा स्थल पर डिब्बी का ढक्कन खोल कर आक के पते पर अपना नाम लिखकर रखें। दीपावली की रात्रि को जब तक नीदं आये तब तक उपरोक्त मंत्र का एक रूद्राक्ष माला से दक्षिणावर्ती शंख के सामने जाप कर फूंक मारें, ऐसा करने से लक्ष्मी की अपार कृपा होगी। साधक के घर धनवर्षा होने लगेगी, व्यापार स्थल पर रखने पर बन्द व्यापार भी चलने लग जाता है। स्थाई लक्ष्मी की चमत्कारी कृपा बनी रहती है। यह प्रयोग सभी साधक कर सकते है। रवि-पुष्य, गुरु-पुष्य नक्षत्र योग में भी यह प्रयोग सम्पन्न किया जा सकता है।

3. द्गारीर सुरक्षा के लिएः-नमः सियांरसिगाय मम् स्वरक्षा कुरू-कुरू स्वाहा इस मंत्र की साधना साधक को अपनी सुरक्षा हेतु करनी चाहिए। जंगल में किसी एकान्त स्थान पर जाकर उतरामुखी बैठकर 108 बार धूप-दीपक के साथ सियारसिंगी को अभिमंत्रित करे शत्रु एंव भुत-प्रेत भय, एक्सीडेन्ट और असाध्य रोग से सुरक्षा बनी रहती है। साधक की दीर्घायु होकर हमेद्गाा सुखी जीवन बना रहता है। यह शरीर के सुरक्षा कवच का काम करती है। उच्चाटन एंव तांत्रिक क्रियाओं का प्रकोप नही होता हैं, साधक को अनायास भय से तुरन्त मुक्ति मिलती है। यह प्रयोग स्त्री या पुरूष कोई भी साधक कर सकता है।

4. जिन स्त्रियों के पति कुसंगति के कारण किसी गलत स्त्री की चुंगल में फंस गये हो तो नर-मादा सिंयारसिगी के साथ वालें सिन्दूर से मांग भरे एवं मासिक धर्म के समय पत्नी रात को पति के बाल काट कर जलाकर भस्म को सिंदूर के साथ केले के रस मे तिलक करे तो सब ठीक हो जायेगा, नारी की कुसंगति उसी दिन से छूट जायेगी

5. अगर स्त्री अपनी माहवारी का रक्त एवं सिद्ध सिंयारसिगी के साथ के सिंदूर को मिलाकर पति को टीका लगा दे, तो पति निद्गिचत रूप से वद्गा मे रहता है। यह प्रयोग अन्य स्त्री-पुरुष भी कर सकते हैं

2. हत्था जोडीः

तंत्र विद्या में हत्थाजोडी अपना महत्वपूर्ण स्थान रखती है। वास्तव में यह एक पौधे की जड है। परन्तु अपनी अदभुत रूपाकृति और विचित्र संरचना के कारण साधको के मन को मोह लेती है। इसके निर्माण में बारीकी के साथ सौंदर्य का पूर्ण समावेद्गा है। यह वस्तु वनस्पति श्रेणी में आती है। इसकी उत्पति भारत, ईरान, इराक, फ्रांस, ्जर्मनी, पाकिस्तान, एद्गिाया महाद्वीप में सभी जगह होती है। वनस्पति होने के कारण यह औषधीय गुणो मे प्रभावकारी मानी गई है। परन्तु तांत्रिको द्धारा बहुत मान्यता प्राप्त तंत्र है। तंत्र शास्त्र में इसके अनेक अद्भुत् प्रयोग वर्णित है। हत्थाजोडी तंत्र जगत की शीघ््रा प्रभावी चमत्कारी विचित्र वस्तु है। जिस व्यक्ति के पास असली सिद्ध हाथाजोडी होती है उसके भाग्य को चमका देती है। उसके खिलाफ कोई भी व्यक्ति कुछ नही कर पाता है। कोर्ट के मुकदमे में विजय प्राप्ति तथा शत्रु को वशीभूत करने में कमाल दिखाती है। इसे पास रखने से राजा व अधिकारी भी वंद्गाीभूत हो जाते हैं। हाथाजोडी को स्टील की डिब्बी में लौंग, इलायची व सिन्दूर के साथ ही रखना चाहिए। असली प्रमाणिक हाथाजोडी प्राप्त कर प्रयोग करके लाभ उठावें। यदि किसी का बच्चा रोता अधिक है एवं जल्दी-जल्दी बीमार हो जाता है तो शाम के समय, हत्थाजोडी के साथ रखे लौंग-इलायची को लेकर धूप देना चाहिए। यह शनिवार के दिन अधिक लाभ देता है। हत्थाजोडी के तांत्रिक टोटका प्रयोग

1. क्क हत्थाजोडी मम् सर्व कार्य सिद्ध कुरू-कुरू स्वाहाः' मंत्र से पीपल के पते पर अपना नाम लिखकर हत्थाजोड़ी को पत्ते पर रखें। रुद्राक्ष - माला से रोजाना तीन माला पांच दिन तक जाप करें। इसे सिद्ध-अभिमंत्रित होने पर पूजा-स्थल पर रखें। साधक के सभी कार्य करने हेतु जागृत हो जाती है।

2. वद्गाीकरण के लिएः-क्क हत्थाजोड़ी अमुक मम् वद्गय कुरू-कुरू स्वाहाः' श्वेत आक के पते पर सामने वाले व्यक्ति का नाम लिख कर हत्थाजोड़ी को डिब्बी से निकाल कर पते पर रखना चाहिए। फिर उपरोक्त मंत्र 108 बार स्फटिक माला से जप कर फूंक मारें तथा उसी दिन वद्गाीकरण प्रयोग करने वाले व्यक्ति के पास जाना चाहिए एवं अपने काम की बात करनी चाहिए। निद्गचय ही कार्य सफल होगा, साघक के कहे अनुसार कार्य करेगा।

3. कन्या के शीध्र विवाह हेतुः-क्क नमः हत्थाजोडी मम् विवाह विलंब पतन कुरू-कुरू स्वाहाः' हर सोमवार को इस मंत्र के जाप से कन्या का विवाह शीध्र हो जाता है। इसके अलावा कन्या गायत्री मंत्र भी सिद्धकर सकती है। इसमें माता जी का वास होता है। आज कल तो माता-पिता अपनी कन्याओं को कार-बंगले की जगह हाथाजोडी दहेज में देते हैं जिससे पति व सास वद्गा में रहती हैं परिवारिक गृह क्लेद्गा भी नही होता हैं। दापत्यजीवन सफलतापूर्वक सम्पन्न होता है, तलाक व आत्महत्या जैसे महापापो से भी मुक्ति मिलती है।

4. जीवन में सफलता हेतुः-क्क ऐं हीं क्ली चामुण्डायै विच्चे इस मंत्र द्वारा सिद्ध की गई हाथाजोडी जीवन के विभिन्न क्षेत्रो में साधक को सफलता प्रदान करती है। जिस घर में विधिवत सिद्ध की गई असली हाथाजोडी की पूजा होती है, वह साघक सभी प्रकार से सुरक्षित और श्री सम्पन्न रहता है। इसका प्रभाव अचूक होता है। इसका प्रयोग कोई भी साधक स्त्री-पुरूष कर सकता है। यह जिसके पास भी होगी वह व्यक्ति अवश्य ही अद्भूत रूप से प्रभावद्गााली होगा। उसमे सम्मोहन, वशीकरण, सुरक्षा और सम्पत्तिवर्द्धन की चमत्कारी शक्ति आ जाती है। यात्रा, विवाद, प्रतियोगिता, साक्षात्कार, यु़द्ध क्षेत्र आदि मे साघक की रक्षा करके उसे विजय प्रदान करती है। भूत-प्रेत, वायव्य आत्माओं का कोई भय नही रहता है, धन सम्पति देने मे बहुत चमत्कारिक व प्रामाणिक सिद्ध हुई है। हत्थाजोडी के साथ चान्दी का सिक्का या एक नेपाली रुपया रख देना चाहिए। दैनिक पूजन-दर्द्गान करना बहुत ही लाभकारी होता है। इसकी शक्ति को उतरोतर बढाने के लिए नर-मादा सिंयारसिगी को सामने आक के पते पर रखकर उपरोक्त मंत्र से हवन करना चाहिए। होली, दीपावली ्नवरात्र को मंत्र जाप से तीव्र वंद्गाीकरण प्रयोग सम्पन्न किये जा सकते हैं!

5. पति को वद्गा में करने के लिएः-स्त्री अपनी माहवारी के रक्त के साथ तीन-तीन लौंग व इलायची, ्सियारसिगीं की डिब्बी से निकाल कर भस्म बनायें। महावारी के रक्त में मिलाकर पति को टीका लगाने से सब ठीक हो जाता है। पति दूसरी स्त्री का साथ छोड देता है, अपनी स्त्री को अघिक प्यार करना शुरू कर देगा। यह प्रयोग गारण्टी से लाभ देता है।

6. यदि किसी का बच्चा रोता अधिक है एवं जल्दी-जल्दी बीमार हो जाता है तो शाम के समय, हत्थाजोडी के साथ रखे लौंग-इलायची को लेकर धूप देना चाहिए। यह शनिवार के दिन अधिक लाभ देता है।

7. यदि घर में लडाई-झगडा व क्लेद्गा अधिक होता हैं तो शुक्ल पक्ष में परिवार में सभी सदस्यों के नाखून काटकर हाथाजोडी वाले लोग-इलायची को नाखून के साथ भवन कें ब्रह्यस्थान पर जलाकर भस्म बनाकर सभी को टीका लगायें एवं स्त्री मांग भरे तो परिवार मे सुख शान्ति होती है !

3. काले धोडे की नाल :

द्गानिवार के दिन काले घोडे की नाल को खुलवा कर घर लेजाने से पूर्व किसी चौराहे पर तीन बार नाल से मारे, तत्पश्चात नाल को गंगा जल व कच्चे दूध से स्नान कराकर अगरबत्ती, धूप व दीपक के साथ पूजन करना चाहिये। यह नाल पृथ्वी तत्व से भरपूर होती है क्योकि अद्गव जब दोड लगाता है तब बार-बार नाल पृथ्वी पर टकराने के कारण सकारात्मक उर्जा एकत्रित कर पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल एवं घर्षण के कारण चुम्बकीय प्रवाह के रुप मे काम करती है। शुद्ध-प्रामाणिक नाल प्राप्त कर तांत्रिक प्रयोग करें तो सफलता मिलती है।



Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.