नैर्ऋत्य में द्वार के दुष्प्रभाव

नैर्ऋत्य में द्वार के दुष्प्रभाव  

गोपाल शर्मा
व्यूस : 3303 | जनवरी 2017

- पंडित जी को 3 और 4 नवम्बर 2016 को ठाणे (महाराष्ट्र) के एक विशाल शाॅपिंग काॅम्प्लेक्स परिसर की वास्तु देखने के लिए बुलाया गया। वहाँ पर विचार विमर्श करने पर पता लगा कि यह विशाल परिसर 2007 में बना था तथा 2012 तक इसमें लगभग सभी दुकानें, शोरूम, सिनेमाघर, रेस्टोरेंट, समारोह हाॅल आदि पूरी तरह पहले लीज पर उठ चुके थे एवं वहाँ ग्राहकों का आवागमन अनवरत बना रहता था, परन्तु पिछले कई सालों से यहाँ आनेवाले ग्राहकों की संख्या में भारी कमी के कारण बहुत से परिसर खाली हो गये हैं तथा मैनेजमेन्ट के लाभ में भारी कमी आ गई है। परिणाम है कि 2014 से यह परिसर घाटे में ही चल रहा है।

- पंडित जी द्वारा अपनी टीम के साथ कम्पास, डाउजर, एल राॅड, लेकर एंटीना व ऊर्जा स्कैनर द्वारा सूक्ष्म वास्तु अध्ययन/विश्लेषण के उपरांत दिये गये सुझावों का निष्कर्ष निम्नलिखित है:

प्रबंधन-कार्यालय:-

1. राजीव पारिख(सी.ई.ओ.):- डाउजर व एल-राॅड द्वारा पता चला कि वर्तमान एनर्जी का स्तर केवल 45ः है। इसे बढ़ाने के लिये टेबल के अनियमित आकार और दक्षिणमुखी कुर्सी की दिशा को भी बदलना आवश्यक है, क्योंकि पीठ पीछे शीशा स्थायित्व नहीं दे पा रहा है। इसके अलावा पलाश के तीन पौधे उत्तर दिशा में ग्लास की खिड़की के पास रखने चाहिए व उन्हें हर चैथे-पांचवें दिन सूर्य की रोशनी में रख दें जिससे वे ऊर्जित हो जाएंगे। इससे धन और व्यवसाय की वृद्धि होगी (क्योंकि अभी उत्तर की धनदायक कुबेर की दिशा बंद है)। - उत्कृष्ट धातुओं से बने प्लेट में मोतियों के मध्य श्री यंत्र लगाने से भी आश्चर्यजनक चहँुमुखी वृद्धि होगी और सकारात्मक ऊर्जा 88ः तक बढ़ सकती है।

2. एच. आर/लीगल/डिजाईन विभाग:- एचआर. प्रमुख के बैठने की दिशा में परिवर्तन करना चाहिए। अभी यह दक्षिणमुखी है, जो व्यक्ति के ध्यान को केन्द्रित करने में बाधा बन सकती है। बैठते समय उनका मुख आसानी से पश्चिम की तरफ हो सकता है। लीगल और डिजाईन सेक्शन के व्यक्तियों की बैठने की दिशा सही है। लीज/रिटेलः- उत्तम कार्य सम्पन्नता के लिए दक्षिण और नैर्ऋत्य दिशा में मुख नहीं होना चाहिए और पीठ के पीछे ग्लास न होकर दीवार अथवा पार्टीशन होना चाहिए।

3. लीज एरिया के पीछे सर्वर रूम:- यहाँ पर सफाई एवं अनावश्यक चीजों को हटाना अत्यंत आवश्यक है। ऐसा करने से रख-रखाव पर खर्च कम होगा और लीजिंग की अवधि बढ़ेगी।

धन वृद्धि के अन्य उपाय:-

1. प्रवेश द्वार व मार्गः- सामने से आने वाले मार्ग के टी-पाॅईन्ट पर होने से संस्थान मंे वर्तमान 30ः नकारात्मक ऊर्जा है। इसको बाहर रखने के लिए मुख्य सिक्योरिटी केबिन में देवी-देवताओं के चित्र लगायें, उन पर सफेद स्फटिक की माला पहनाएं और सिक्योरिटी केबिन की छत डोम/पिरामिड की तरह बनवाएं। ऐसा करने से 80ः सकारात्मक ऊर्जा हो जाएगी, इससे अधिक से अधिक लोग अन्दर आएंगे।

2. पानी का प्रभावः- उत्तर दिशा में साफ पानी का लगातार चलते रहना धन के अनवरत आवागमन को दिखाता है। तालाब को साफ करके रखें और पानी भरा रखें और इसमें पानी का आवागमन भी रखें, ऐसा आप फव्वारा लगाकर भी कर सकते हैं। यदि हो सके तो मछलियां और कछुए रखने से भी चमत्कारी प्रभाव दिखाई देंगे। अगर जीवित रखना संभव न हो तो धातु, सेरामिक अथवा प्लास्टिक के कछुए और मछलियां भी सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाएंगे, जो वर्तमान में रूके हुए पानी में काई लगने से 15ः है।

- धन के आवागमन को बढ़ाने के लिए प्रवेश मार्ग की लम्बी पूर्वी दीवार के साथ पानी के फव्वारे लगायें जो हर समय चलता रहे। यह चलता हुआ पानी पाईप में भी हो सकता है और इसका बहाव दक्षिण से उत्तर की ओर होना चाहिए। ऐसा करने से ग्राहकों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि होगी।

3. पूर्वी-ईशानः- प्रवेश द्वार के समीप पूर्व की लम्बी दीवार पर शीशे अथवा एक्रेलिक के कन्केव मिरर लगवाएं। इससे धन का लाभ और अधिक से अधिक स्पेस-लीजिंग होगी। मिरर लगाने से इस क्षेत्र की शुभता में वृद्धि होगी और माल की शोहरत बढ़ेगी।

4. आरकेड 3 जोरा एण्ड ब्लू फ्रौग एरियाः- पानी के स्रोत को चलता रहने दें। इससे आस-पास के सभी रेस्टोरेन्ट में बहुत अधिक आर्थिक लाभ होगा। ईशान कोण में जल स्थल:- - यह क्षेत्र पानी की बोरिंग के लिए एवं भूतल जल भण्डारण के लिए अति उत्तम है। - यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वास्तु के नियमों के विरूद्ध इस स्थान पर बहुत बडे़-बड़े जेनरेटर बिजली सप्लाई करने के लिए यहाँ पर लगा रखे हैं। इस कारण से भारी खर्च होने का अंदेशा और योजनाओं को कार्यान्वित करने में देरी, आपसी मतभेद और मानसिक अशान्ति रहती है। वर्तमान में वहाँ

55ः नकारात्मक ऊर्जा पाई गई।

उपायः- वर्तमान में इन हैवी जेनरेटर को नैर्ऋत्य अथवा दक्षिण दिशा में स्थानांतरित करना लगभग असंभव है। जो गणेश जी की टूटी हुई मूर्ति पड़ी है उसे वहाँ से हटाकर विशाल बरगद के पेड़ के नीचे नई मूर्ति स्थापित की जाय, जिसके चारों तरफ चाँदी की पत्ती पर चारों तरफ पाँच किलो मोती लगा कर जमीन में गाड़ दिया जाय। ऐसा करने से समस्या का कुछ हद तक समाधान हो पायेगा।

रिटेल शाॅप:- जिन दुकानों का परिणाम अच्छा नहीं निकल रहा उन सबका मुख्य कारण यह है कि उन दुकानों के प्रवेश द्वार नैर्ऋत्य दिशाओं में हैं। इस कारण आर्थिक हानि भी हो रही है। यदि इनका प्रवेश द्वार वायव्य दिशा में कर दिया जाए तो इससे सकारात्मक ऊर्जा में आश्चर्यजनक वृद्धि होगी।

वेयर हाउस:-

1. इस अनियमित आयताकार जगह का दो भागों में विभाजन करें जिससे दो छोटे समचैरस स्टोर बन जायें। ऐसा करने से इनमंे करेंसी नोट जैसी समानता आ जाएगी और परिणाम भी अच्छे हांेगे।

2. अधिक आवागमन के लिए इनका प्रवेश द्वार वायव्य अथवा पश्चिम दिशा की ओर खोल देना चाहिए क्योंकि वर्तमान में इसका प्रवेश द्वार नैर्ऋत्य दिशा में है जिससे बिक्री में उतार-चढ़ाव होता है।

एंट्रेंस आर्केडः- जिस प्रकार मनुष्य की नाभि होती है उसी प्रकार प्लाॅट के मध्य स्थल को ब्रह्म स्थल कहते हैं। इस स्थान पर लिफ्ट और पानी का दबाव हानिकारक है। अतः इससे ग्राहकों को आने व बिक्री में कमी हो रही है। वर्तमान में यहाँ नकारात्मक ऊर्जा 45ः है।

उपायः-

भूतल पर जल संचालन को कुछ माह के लिए बंद करें। ऐसा करने से पानी का वजन कम हो जायेगा और सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि होगी। अधिक लाभ के लिए केवल केरल के नम्बोदरी ब्राह्मणों द्वारा छः घण्टे की विशेष पूजा सहित, ’’पंचशीर्ष स्थापना’’ द्वारा इस दोष को काफी हद तक दूर किया जा सकता है। इससे सकारात्मक ऊर्जा 90ः तक बढ़ायी जा सकती है।

गैस बैंक नियर ए4 जंक्शनः- वायव्य जोन का कोना बंद है। यह हवा का महत्वपूर्ण स्थान है तथा इस स्थान को बंद करना एक भयंकर वास्तुदोष है। इस समय यहाँ पर ऊर्जा -85ः है।

उपायः- कागजी कार्रवाई में शीघ्रता और बड़े ब्राण्ड को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए वायव्य कोण आसमान की तरफ खुला होना चाहिए।चूंकि यह डिजाइन सिनेमा के लाइसेंस के लिये पहले ही निगम अधिकारियों को दिया जा चुका है इसलिये इसका तुरंत खुलना जब तक लाइसेंस/निरीक्षण आदि की कार्यवाही पूरी न हो, असंभव है।

इसलिये तुरंत इस दोष को कम करने के लिये छत को लूवर्ड ;स्वनअमतमकद्ध रूफ अथवा स्टेप रूफ में बदल दें जिससे इसका कुछ हिस्सा आसमान की तरफ खुला रहे और अधिक लाभ के लिए 25 से 30 कैरेट के गोमेद इस कोने के दोनांे तरफ जमीन में दबा दें। इससे लाइसेन्स आदि सारी अड़चनें समाप्त हो जाएंगी। ग्राहकों के आगमन में वृद्धि होगी और लीजिंग का व्यापार बढे़गा।

आग्नेय एक्सटेंशन (प्लाॅट का आग्नेय कोण)ः- प्लाॅट के इस कोने में सीवेज पंप है। रेन वाटर हार्वेस्टिंग द्वारा भी कुछ दूर पर यहाँ पानी का भण्डारण हो रहा है।इस क्षेत्र के भूतल में तरल पदार्थ होने से नगदी की कमी रहती है क्योंकि यह अग्नि का क्षेत्र है।

उपायः- सीवेज पंप के कवर व रेन वाटर हार्वेस्टिंग के टाॅप पर पीला पेण्ट कर दें और कवर के नीचे लाल पेण्ट कर दें। ऐसा करने से कुछ फायदा अवश्य होगा।

आग्नेय काॅर्नर आॅफ बिल्डिंग (भवन का आग्नेय कोण) इस क्षेत्र में इंजीनियरिंग का आॅफिस और अग्नि शमन के लिए बहुत बड़ा पानी का तालाब है, जिस कारण इस क्षेत्र की जमीन का स्तर बहुत नीचा है।

उपायः- यह एक भयानक वास्तु दोष है जिस कारण खर्चे बराबरी पर नहीं रहते। इसी कारण इस प्रोजेक्ट के लिए फंड इकट्ठे करने मुश्किल हो जाते हैं। चूंकि यहाँ की स्थिति को किसी भी हालात में बदला नहीं जा सकता है अतः दक्षिण की दीवार पर पीला पेण्ट करें। कुछ मदद अवश्य मिलेगी।

नैर्ऋत्य कोण का खुला होनाः- इस स्थान पर द्वार होना कैंसर की तरह भयानक वास्तु दोष है जिसके कारण सकारात्मक ऊर्जा वहाँ से निकल रही है और कर्मचारियों का अथक परिश्रम उचित परिणाम प्रदर्शित नहीं कर पाता और अर्थिक स्थिति खराब होती चली जाती है। प्राचीन ग्रन्थों के अनुसार यह स्थिर लक्ष्मी का स्थान है और इस पर सकारात्मक ऊर्जा का निवास स्थान होता है। किसी भी द्वार का यहाँ होना कम्पनी (संस्थान) के लिए अत्यन्त हानिप्रद है। हमें बताया गया कि पहले यहाँ द्वार नहीं था। परन्तु पिछले हिस्से में आई. टी. टावर व स्टाफ क्वार्टर्स बनने के बाद 2013 में इसे खोला गया तथा लगभग तब से ही सब कार्य डगमगा गया।

उपायः- इस प्रवेश द्वार को अवश्य अविलम्ब बंद कर देना चाहिए। इसको पूर्ण समकोण बनाने के लिए एक दीवार का निर्माण करें, तुरंत चमत्कारिक आशातीत लाभ होगा। अपनी वास्तु संबंधी समस्या हेतु अपना नाम, पता व दिशा सहित मकान या कार्यालय का नक्शा निम्न पते पर भेजिए। फ्यूचर समाचार, x-35, ओखला इंडस्ट्रियल एरिया, फेज-2, नयी दिल्ली - 110020 फोन: 40541000&40 www.futuresamachar.com

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