उदर (पेट)
जिस व्यक्ति का पेट आगे को
निकला हुआ हो, यह शुभ लक्षण
नहीं है। जबकि ऐसा व्यक्ति जिसका
उदर बराबर सा हो, वह धन ऐश्वर्य
संपन्न होता है। जिसका पेट घड़े के
समान हो, यह निशानी दरिद्रता की
है। जिसका पेट व्याघ्र या सिंह की
तरह हो, वह व्यक्ति राजा होता है।
जिस व्यक्ति का पेट चारों ओर से
बराबर हो वह धनी होता है। मेढ़क
की तरह से पेट होने से व्यक्ति राजा,
बैल या मोर की तरह से पेट होने से
व्यक्ति भोगी होता है। गोल पेट होना
सुखी होने की निशानी है।
वक्ष (छाती)
जिस मनुष्य की छाती समतल
हो, वह मनुष्य धनी होता है। यदि
ऊंची-नीची हो तो शस्त्र से मृत्यु
होती है। यदि छाती पुष्ट और मोटी
हो तो मनुष्य बहादुर होता है। पतली
छाती वाला मनुष्य सदा रूपये पैसे
के लिए लालायित रहता है। छाती
पर खूब रोएं हों तो यह लक्षण शुभ
समझना चाहिए।
कंधे (स्कंध)
जिस व्यक्ति के कंधे ऊंचे, बड़े और
मांसल हों तो ऐसा व्यक्ति बहादुर
होता है। यदि हाथी, बैल, सुअर की
तरह कंधे हों तो वह मनुष्य महाभोगी,
महाधनी, उच्च पदाधिकारी होता है।
कंधों का मांसहीन होना या छोटा
गड्ढेदार होना अच्छा लक्षण नहीं है।
कंधे पर रोम होना भी दरिद्रता का
चिह्न है।
केले के स्तंभ की तरह या बकरे की
तरह जिसका कंधा हो, वे महाबलवान
और धनी होते हैं।
कांख (कक्षा)
यदि कांख उन्नत, बिना पसीने वाली,
पुष्ट, मांसल और सुगंधित हो तो वह
व्यक्ति राजा समान होता है। पीपल
के पत्ते के आकार की सुगंधित, मृदु
रोमयुक्त कांख, नेता, मंत्रियों और
उच्च पदों पर आसीन व्यक्तियों की
होती है। सम कांख भोगी की होती
है। नीची, गड्ढेदार कांख कपटी,
बेईमान व्यक्ति की होती है।
भुजा (बाहु)
कंधे से लेकर मध्यमा उंगली के अंत
तक के भाग को भुजा कहते हैं।
जिसकी भुजा, हाथी की सूंड़ की
तरह पुष्ट और गोल हो तथा घुटने
तक भुजा आये वह अपने भाग्य के
धनी होते हैं।
भुजाओं का लंबा होना एक अच्छा
गुण है। छोटी भुजा वाला व्यक्ति
दूसरे की सेवा करने वाला पराधीन
होता है।
पीठ (पृष्ठ)
जिस पुरुष की पीठ व्याघ्र के समान
हो वह सबका नायक होता है किंतु
शेर के समान पीठ हो तो बंधन को
प्राप्त होता है। कछुए के समान पीठ
होना, एक बेहद शुभ लक्षण है। ऐसे
व्यक्ति धनी और सौभाग्यशाली होते
हैं।
रोम
जिस मनुष्य के रोमकूप से एक ही
रोम निकले वह मनुष्य उच्च पद प्राप्त
करता है। एक रोमकूप से यदि एक
ही सिर का बाल भी निकले तो उसे
भी बेहद शुभ लक्षण माना जाता है।
यदि शरीर पर या सिर में से एक
ही रोम कूप से दो-दो रोम निकलते
हों तो ऐसा व्यक्ति महाबुद्धिमान और
विद्वान होता है। किंतु यदि एक-एक
रोमकूप से तीन-तीन रोम निकलें
तो मनुष्य दरिद्र और दुखी होता है।
जिस व्यक्ति के शरीर पर भौरे के
समान काले, सुंदर, चिकने, अत्यंत
पतले रोम हों तो वह व्यक्ति बहुत
बड़ा श्रेष्ठ पद प्राप्त करता है। शरीर
में रोग होने से मनुष्य सौभाग्यवान
होता है। यदि रोएं बहुत अधिक घने
हों तो जातक विद्वान होता है। यदि
मनुष्य के शरीर में बिल्कुल रोम न हो
तो वह संन्यासी होता है।
नाभि
जिस व्यक्ति की नाभि विस्तृत, गोल,
चारों ओर से ऊंची उठी हुई हो, तो
वह व्यक्ति सर्वधन संपन्न होता है।
यदि नाभि नीची और छोटी हो तो
मनुष्य क्लेश वाला होता है। यदि
नाभि बायीं ओर घूमी हुई हो तो ऐसा
मनुष्य सदैव दुष्टता करता रहता है।
-यदि पांव की अनामिका दीर्घ हो
तो व्यक्ति धनवान होता है।
- मोटे खुरदरे नाखून गरीबी के
परिचायक हैं।
-जो व्यक्ति कहीं आते-जाते
स्वाभाविक रूप से हाथ हिलाते हैं,
वे खुली किताब के समान ईमानदार
एवं विश्वस्त होते हैं।
- जिनके आते-जाते शक्तिहीन
रूप से हाथ हिलते हैं, ऐसे व्यक्ति
लक्ष्यहीनता एवं लापरवाही के प्रतीक
हैं।
-जो व्यक्ति खुले हाथ करके
आते-जाते हैं, वे खर्चीले एवं अय्याश
टाइप के होते हैं।
-जिनकी मुट्ठियां बंद रहती हैं,
वे व्यक्ति किसी निर्णय पर पहुंचने
से पहले तर्क और चतुराई से काम
लेते हैं।
- जो व्यक्ति शांतिपूर्वक हाथ हिलाते
हों, वे आक्रांत स्वभाव के होते हैं।
-पीछे की ओर कमर पर हाथ
रखकर चलने वाले व्यक्ति शक्की,
अधिक सतर्क, आत्मदर्प होते हैं।
- जिनके हाथ कुहनी पर मुड़े हुए
रहते हों, वे आत्म गर्व, प्रवंचना और
दूसरों के प्रति हेय भावना रखने
वाले होते हैं।
-जिनके अंगूठे के जोड़ पर यव का
चिह्न हो, ऐसे व्यक्ति बुद्धिमान एवं
संपत्तिवान होते हैं।
-पांच से अधिक उंगलियों वाला
व्यक्ति दरिद्र एवं याचक होता है।
-छोटी गर्दन श्रेष्ठ व्यक्ति की होती
है।
-चैड़ा मुंह दुर्भाग्य का सूचक है।
-लंबी गरदन मक्कार व्यक्ति की
होती है।
-स्त्रियों के समान मुख संतानहीनों
शरीर के अंग और उनका ज्योतिष फल
का होता है।
-चैकोर मुंह धोखेबाज और मायावी
व्यक्ति का होता है।
- छोटे होंठ भीरू आदमी के होते हैं।
- जिसके मस्तक पर तीन रेखाएं हों,
वह व्यक्ति 70 वर्ष तक जीता है।
- जिसके मस्तक (लालट) पर पांच
रेखाएं हो, वह व्यक्ति 100 वर्ष तक
जीता है।
- जिसके मस्तक पर चार रेखाएं हो
वह 80 वर्ष तक जीता है।
-मोर और शेर जैसी चाल वाले
व्यक्ति भाग्यवान होते हैं।
- हंस, हाथी और बैल जैसी चाल
वाले व्यक्ति धर्मात्मा एवं धन कमाने
वाले होते हैं।
- मेघ और मोर जैसे स्वर वाले
व्यक्ति सुख संपत्ति का उपभोग
करते हैं।
- भेड़िया, उल्लू और कौवे जैसे स्वर
वाले व्यक्ति दुष्टता के प्रतीक होते
हैं।
Û नस न दिखने वाली भुजाओं वाला
व्यक्ति श्रेष्ठ होता है।
- भड़कीली, फूली और रोमयुक्त
भुजाएं नौकरों- चाकरों की होती
है।
-यदि नसों से भरी खुरदरी छाती
हो तो ऐसा जातक दरिद्र होता है।
- यदि हथेली का रंग लाल हो तो
वह धन धान्य का सूचक है।
- यदि हथेली का रंग पीला हो तो
यह काम तृष्णा की परिचायक है।
- काली और सफेद हथेली दरिद्रता
की सूचक होती है।