लग्नानुसार विदेश यात्रा के प्रमुख योग

लग्नानुसार विदेश यात्रा के प्रमुख योग  

अमित कुमार राम
व्यूस : 23780 | अप्रैल 2013

जन्मकुंडली के द्वादश भावों में से प्रमुखतया, अष्टम भाव, नवम, सप्तम, बारहवां भाव विदेश यात्रा से संबंधित है। तृतीय भाव से भी लघु यात्राओं की जानकारी ली जाती है। अष्टम भाव समुद्री यात्रा का प्रतीक है। सप्तम तथा नवम भाव लंबी विदेश यात्राएं, विदेशों में व्यापार, व्यवसाय एवं प्रवास के द्योतक हैं। इसके अतिरिक्त लग्न तथा लग्नेश की शुभाशुभ स्थिति भी विदेश यात्रा संबंधी योगों को प्रभावित करती है।

मेष लग्न

1- मेष लग्न हो तथा लग्नेश तथा सप्तमेश जन्म कुंडली के किसी भी भाव में एक साथ हों या उनमें परस्पर दृष्टि संबंध हो तो विदेश यात्रा का योग बनता है।

2- मेष लग्न में शनि अष्टम भाव में स्थित हो तथा द्वादशेश बलवान हो तो जातक कई बार विदेश यात्राएं करता है।

3- मेष लग्न हो व लग्नेश तथा भाग्येश अपने-अपने स्थानों में हों या उनमें स्थान परिवर्तन योग बन रहा हो तो विदेश यात्रा होती है।

4- मेष लग्न हो तथा छठे, अष्टम या द्वादश स्थान में कहीं भी शनि हो या शनि की दृष्टि इन भावों पर हो तो विदेश यात्रा का योग होता है।

5- मेष लग्न में अष्टम भाव में बैठा शनि जातक को स्थान से दूर ले जाता है तथा बार-बार विदेश यात्राएं करवाता है। उदाहरण कुंडलियों में सैफ अली खान व अभिषेक बच्चन की कुंडलियों में यही स्थिति है।


अपनी कुंडली में सभी दोष की जानकारी पाएं कम्पलीट दोष रिपोर्ट में


वृष लग्न

1- वृष लग्न में सूर्य तथा चंद्रमा द्वादश भाव में हो तो जातक विदेश यात्रा करता है तथा विदेश में ही काम-धंधा करता है।

2- वृष लग्न हो तथा शुक्र केंद्र में हो और नवमेश नवम भाव में हो तो विदेश यात्रा का योग होता है।

3- वृष लग्न हो तथा शनि अष्टम भाव में स्थित हो तो जातक बार-बार विदेश जाता है और विदेश यात्राएं होती रहती हैं।

4- वृष लग्न हो व लग्नेश तथा नवम भाव का स्वामी, मेष, कर्क, तुला या मकर राशि में हो तो विदेश यात्रा का योग बनता है।

5- वृष लग्न में भाग्य स्थान या तृतीय स्थान में मंगल राहु के साथ स्थित हो तो जातक सैनिक के रूप में विदेश यात्राएं करता है। उदाहरण कुंडली में लता मंगेशकर की यही स्थिति है-

6- वृष लग्न में राहु लग्न, दशम या द्वादश में हो तो विदेश यात्रा का योग बनता है। लता मंगेशकर की कुंडली में राहु द्वादश भाव में स्थित है। गायन के सिलसिले में इन्होंने कई विदेश यात्राएं की हैं।

मिथुन लग्न

1- मिथुन लग्न हो, मंगल व लग्नेश दसवें भाव में स्थित हो, चंद्रमा व लग्नेश शनि द्वारा दृष्ट न हांे तो ऐसे योग वाला जातक विदेश यात्रा करता है।

2- मिथुन लग्न हो और लग्नेश तथा नवमेश का स्थान परिवर्तन योग हो तो विदेश यात्रा योग बनता है।

3- मिथुन लग्न हो, शनि वक्री होकर लग्न में बैठा हो तो कई बार विदेश यात्राएं होती हैं।

4- मिथुन लग्न हो तथा लग्नेश व द्वादशेश में परस्पर स्थान परिवर्तन हो व अष्टम व नवम भाव बलवान हो तो विदेश यात्रा होती है। यदि लग्न में राहु अथवा केतु अनुकूल स्थिति में हों और नवम भाव तथा द्वादश स्थान पर शुभ ग्रहों की दृष्टि हो तो विदेश यात्रा का योग बनता है।


क्या आपकी कुंडली में हैं प्रेम के योग ? यदि आप जानना चाहते हैं देश के जाने-माने ज्योतिषाचार्यों से, तो तुरंत लिंक पर क्लिक करें।


कर्क लग्न

1- कर्क लग्न हो और लग्नेश व चतुर्थेश बारहवें भाव में स्थित हांे तो जातक विदेश यात्रा करता है।

2- कर्क लग्न में चंद्रमा नवम भाव में हो और नवमेश लग्न में स्थित हो तो विदेश यात्रा होती है।

3- यदि लग्नेश, भाग्येश और द्वादशेश कर्क, वृश्चिक व मीन राशियों में स्थित हो, तो विदेश यात्रा का योग होता है।

4- यदि लग्नेश नवम भाव में स्थित हो और चतुर्थेश छठे, आठवें या द्वादश भाव में हो तो विदेश यात्राएं होती हैं।

5- यदि लग्नेश बारहवें स्थान में हो या द्वादशेश लग्न में हो तो काफी संघर्ष के बाद विदेश यात्रा होती है।

6- कर्क लग्न में लग्नेश व द्वादशेश की किसी भी भाव में युति हो तो विदेश यात्राएं होती हैं।

सिंह लग्न

1- सिंह लग्न में गुरु, चंद्र 3, 6, 8 या 12वें भाव में हो तो विदेश यात्रा के योग हैं।

2- लग्नेश जहां बैठा हो उससे द्वादश भाव में स्थित ग्रह अपनी उच्च राशि में स्थित हो तो विदेश यात्रा का योग बनता है।

3- सिंह लग्न में द्वादश भाव में कर्क का चंद्रमा स्थित हो तो विदेश यात्रा होती है।

4- सिंह लग्न हो तथा मंगल और चंद्रमा की युति द्वादश भाव में हो तो विदेश यात्रा होती है।

5- यदि सिंह लग्न में लग्न स्थान में सूर्य बैठा हो व नवम व द्वादश भाव शुभ ग्रह से दृष्ट हो तो विदेश यात्रा का योग बनता है।

कन्या लग्न

1- यदि कन्या लग्न में सूर्य स्थित हो व नवम व द्वादश भाव शुभ ग्रह से दृष्ट हो तो विदेश यात्रा योग बनता है।

2- यदि सूर्य अष्टम स्थान में स्थित हो तो जातक दूसरे देशों की यात्राएं करता है।

3- यदि लग्नेश, भाग्येश और द्वादशेश का परस्पर संबंध बने तो जातक को जीवन में विदेश यात्रा के कई अवसर मिलते हैं।

4- कन्या लग्न में बुध और शुक्र का स्थान परिवर्तन विदेश यात्रा का योग बनाता है।

5- द्वितीय भाव में शनि अपनी उच्च राशि में स्थित हो तो विदेश यात्रा का योग बनता है।


अपनी कुंडली में राजयोगों की जानकारी पाएं बृहत कुंडली रिपोर्ट में


तुला लग्न

1- तुला लग्न में नवमेश बुध उच्च का होकर बारहवें भाव में स्वराशि में स्थित हो, राहु से प्रभावित हो तो राहु की दशा अंतर्दशा में विदेश यात्रा होती है।

2- यदि चतुर्थेश व नवमेश का परस्पर संबंध हो तो विदेश यात्रा का योग बनता है।

3- यदि नवमेश या दशमेश का परस्पर संबंध या युति या परस्पर दृष्टि संबंध हो तो विदेश यात्रा का योग बनता है।

4- चतुर्थ स्थान में मंगल व दशम स्थान में गुरु उच्च का होकर स्थित हो।

5- यदि लग्न में शुक्र व सप्तम में चंद्रमा हो तो विदेश यात्रा का योग बनता है। उदाहरण कुंडली में टेनिस स्टार सानिया मिर्जा की यही स्थिति है।

वृश्चिक लग्न

1- वृश्चिक लग्न में पंचम भाव में अकेला बुध हो और उस पर शुभ ग्रहों की दृष्टि हो तो शीघ्र ही विदेश यात्रा होती है।

2- वृश्चिक लग्न में चंद्रमा लग्न में हो, मंगल नवम स्थान में स्थित हो तो विदेश यात्रा का योग बनता है।

3- यदि सप्तमेश शुभ ग्रहों से दृष्ट होकर द्वादश स्थान में स्थित हो तो जातक विवाह के बाद विदेश यात्रा करता है।

4- यदि वृश्चिक लग्न में शुक्र अष्टम स्थान में हो या नवम स्थान में गुरु चंद्रमा की युति हो तो विदेश यात्रा का योग होता है।

5- वृश्चिक लग्न में लग्नेश सप्तम भाव में स्थित हो व शुभ ग्रहों से युक्त हो या दृष्टि संबंध हो तो कई बार विदेश यात्रा होती है व जातक विदेश में ही बस जाता है।

धनु लग्न

1- धनु लग्न में अष्टम स्थान में कर्क राशि का चंद्रमा हो तो जातक कई बाद विदेश यात्रा करता है।

2- धनु लग्न में द्वादश स्थान में मंगल, शनि आदि पाप ग्रह बैठे हों तो विदेश यात्रा का योग बनता है।

3- धनु लग्न में नवमेश नवम भाव में स्थित हो, बलवान हो व चतुर्थेश से दृष्टि संबंध बनाता हो, युत हो तो विदेश यात्रा का योग बनता है।

4- अष्टम भाव में चंद्रमा, गुरु की युति, नवमेश नवम भाव में हो तो विदेश यात्रा का प्रबल योग बनता है।

5- धनु लग्न में बुध और शुक्र की महादशा अक्सर विदेश यात्रा करवाती है।


Know Which Career is Appropriate for you, Get Career Report


मकर लग्न

1- मकर लग्न में सप्तमेश, अष्टमेश, नवमेश या द्वादशेश के साथ राहु या केतु की युति हो जाए तो विदेश गमन होता है।

2- मकर लग्न हो, चतुर्थ और दशम भाव में चर राशि हो और इनमें से किसी भी स्थान में शनि स्थित हो तो विदेश यात्रा का योग बनता है।

3- लाभेश और अष्टमेश की युति एकादश स्थान में हो तो विदेश यात्रा का योग बनता है।

4- नवमेश बलवान हो तो विदेश यात्रा होती है।

5- शनि चंद्रमा की युति किसी भी स्थान में हो या दोनों में दृष्टि संबंध हो तो विदेश यात्रा का योग बनता है।

6- सूर्य अष्टम में स्थित हो तो विदेश यात्राएं होती हैं। उदाहरण कुंडली में मदर टैरेसा की यही स्थिति है-

कुंभ लग्न

1- कुंभ लग्न में नवमेश व लग्नेश का राशि परिवर्तन विदेश यात्रा कराता है।

2- भाग्येश द्वादश भाव में उच्च का होकर स्थित हो तो विदेश यात्रा होती है।

3- दशम स्थान में सूर्य व मंगल की युति विदेश यात्रा का योग बनाता है।

4- नवम या द्वादश या लग्न या नवम के स्वामियों का स्थान परिवर्तन विदेश यात्रा करवाता है।

5- कुंभ लग्न में तृतीय स्थान, नवम स्थान व द्वादश स्थान का परस्पर संबंध विदेश यात्रा का योग करवाता है।

मीन लग्न

1- लग्नेश गुरु नवम भाव में स्थित हो व चतुर्थेश बुध छठे, आठवें या द्वादश भाव में स्थित हो तो जातक कई बाद विदेश गमन करता है।

2- पंचमेश, द्वितीयेश व नवमेश की लाभ (एकादश) भाव में युति विदेश यात्रा का योग बनाता है।

3- द्वादश भाव में मंगल, शनि आदि पाप ग्रह हों तो विदेश यात्रा का योग बनता है।

4- यदि शुक्र चंद्रमा से छठे, आठवें या बारहवें स्थान में स्थित हो तो विदेश गमन योग बनता है।

5- मीन लग्न में लग्नेश नवम भाव में स्थित हो व चतुर्थेश छठे, आठवें या द्वादश भाव में हो तो विदेश यात्रा का प्रबल योग बनता है।

6- लग्नस्थ चंद्रमा व दशम भाव में शुक्र हो तो जातक कई देशों की यात्रा करता है। उदाहरण कुंडली में बाबा रामदेव की यही स्थिति है-



Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.