अध्यात्म, धर्म आदि


गीता सार

गीता सार

कृष्णा कपूर

महाभारत के युद्ध से पूर्व विचलित अर्जुन को सही राह दिखाने के लिए योगेश्वर कृष्ण ने गीता का उपदेश दिया था। प्रस्तुत लेख से जानें कि क्या है गीता का माहात्म्य, जिसके कारण आज भी इसकी प्रासंगिकता बनी हुई है।... more

देवी और देवअध्यात्म, धर्म आदिपर्व/व्रत

मई 2016

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षोडश संस्कारों में की जाने वाली क्रियाएं

गृह प्रवेश, भूमि पूजन व षोडश संस्कारों हेतु शुभ कार्यों में मुहूर्तकाल के समय क्या-क्या क्रियाएं करना आवश्यक है। अलग-अलग मुहूर्त के लिए अलग-अलग क्रिया का स्पष्टीकरण दें।... more

अध्यात्म, धर्म आदिविविध

क्यों?

क्यों?

फ्यूचर पाॅइन्ट

अनादि काल से ही हिंदू धर्म में अनेक प्रकार की मान्यताओं का समावेश रहा है। विचारों की प्रखरता एवं विद्वानों के निरंतर चिंतन से मान्यताओं व आस्थाओं में भी परिवर्तन हुआ।... more

देवी और देवअध्यात्म, धर्म आदिविविध

झूठ में जीते हैं लोग

जब कोई तुम्हें तुम्हारी आदतों से जगाता है तो और पीड़ा होती है। सुबह तुम बड़ी गहरी नींद में सो रहे हो, बड़े मजे के सपने देख रहे हो- और कोई हिलाने लगता है कि उठो! और यह भी हो सकता है कि रात तुम कहकर सोए होगे कि मुझे उठा देना, कि मुझे ... more

अध्यात्म, धर्म आदिविविध

भूतों संबंधी कुछ अविस्मरणीय अनुभव

विश्व में अनेक ऐसे स्थान हैं जहां पर निरंतर होने वाली रहस्यमयी घटनाएं भूत-प्रेतों के अस्तित्व के बारे में जिज्ञासा को और अधिक बढ़ाती हंै।... more

अध्यात्म, धर्म आदिविविध

श्री गणेश जी के प्रमुख स्थल

प्रायः समस्त श्री शक्ति-शिव मंदिरों में श्री गणेश के मंगल विग्रह प्रतिष्ठित हैं। अन्य देव स्थलों में भी भगवान श्री गणेश रक्षणार्थ विद्यमान हैं।... more

देवी और देवअध्यात्म, धर्म आदिविविध

स्वामी ज्ञानानन्द सरस्वती

आत्मा की स्वयंसिद्धिता का विचार, वेदांत की भारतीय दर्शन को एक अप्रतिम देन है। आत्म तत्व के निरूपण के उपरांत आचार्य शंकर मोक्ष के साधन की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कहते हैं कि जीव अपने स्वरूप के विषय में मिथ्या ज्ञान के कारण ही ... more

देवी और देवअध्यात्म, धर्म आदिविविध

दीपावली का पूजन कब और कैसे करें?

देव, मानव एवं दानव पùासना की कृपा के बिना पंगु हैं। इसलिए आगम-निगम दोनों में इनकी उपासना समान रूप में वर्णित है। सभी देवता, राक्षस, मनुष्य, सिद्ध और गंधर्व इनकी उपासना के लिए लालायित रहते हैं।... more

देवी और देवअध्यात्म, धर्म आदिपर्व/व्रतमंत्र

पुंसवन व्रत

पुंसवन व्रत

ब्रजकिशोर शर्मा ‘ब्रजवासी’

पुंसवन व्रत मार्गशीर्ष शुक्ल प्रतिपदा से प्रारंभ होकर मार्गशीर्ष की अमावस्या को पूर्ण होता है। श्री शुकदेव जी ने राजा परीक्षित को इस व्रत का वर्णन सुनाते हुए कहा था कि यह व्रत समस्त कामनाओं को पूर्ण करने वाला है। स्त्री को ... more

देवी और देवअध्यात्म, धर्म आदिपर्व/व्रत

ध्यान के कमल

ध्यान में स्वयं के संकल्प के अभाव के अतिरिक्त और कोई बाधा नहीं है। यदि आप ध्यान में जाना ही चाहते हैं तो दुनिया की कोई भी शक्ति आपको ध्यान में जाने से नहीं रोक सकती है।... more

अध्यात्म, धर्म आदिविविध

जून 2010

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शरद् पूर्णिमा व्रत

शरद् पूर्णिमा व्रत

ब्रजकिशोर शर्मा ‘ब्रजवासी’

शरद् पूर्णिमा व्रत आश्विन मास की शुक्लपक्ष की पूर्णिमा को करने का विधान है। इस व्रत में प्रदोष और निशीथ दोनों में होने वाली पूर्णिमा को लिया जाता है।... more

अध्यात्म, धर्म आदिपर्व/व्रत

क्यों नहीं रुकती मां लक्ष्मी

‘‘बाप बड़ा न भईया, सबसे बड़ा रुपईया’’ - यह कहावत आज कलयुग में सौ प्रतिशत सच साबित हो रही है। प्रत्येक मानव किसी न किसी प्रकार से धन की देवी माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करने की कोशिश में लगा रहता है कि उसके घर में धन-दौलत का स्थायी... more

देवी और देवअध्यात्म, धर्म आदिसंपत्ति

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