मानव जीवन में ज्योतिष शास्त्र की सार्थकता ओम प्रकाश दार्शनिकज्योतिष शास्त्र का मानव जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। ईश्वर ने प्रत्येक मानव की आयु की रचना उसके पूर्व जन्म के कर्मों के अनुसार की है, जिसे कोई भी नहीं बदल सकता विशेषरूप से मनुष्य के जीवन की निम्नांकित तीन घटनाओं को ... और पढ़ेंज्योतिषखगोल-विज्ञानटैरोअप्रैल 2015व्यूस: 12960
2017 में सूर्य व चंद्र ग्रहण सीताराम सिंहब्रह्मांड में सभी ग्रह तथा पृथ्वी अपने निर्धारित पथ पर सूर्य की निरंतर परिक्रमा करते हैं। जब चंद्रमा गोचर करते हुए सूर्य और पृथ्वी के मध्य आकर अपनी छाया से सूर्य को ढंक लेता है तो सूर्य ग्रहण होता है और जब पृथ्वी चंद्र और सू... और पढ़ेंज्योतिषभविष्यवाणी तकनीकखगोल-विज्ञानजनवरी 2017व्यूस: 8591
एक सही तिथिपत्रक का गणितीय आधार दार्शनेय लोकेशहिंदू संस्कृति में पंचांग का अपना विशेष महत्व है। जीवन के विभिन्न संस्कारों, यात्राओं, किसी कार्य के आरंभ आदि में पंचांग की सहायता ली जाती है। उद्देश्य केवल एक होता है... और पढ़ेंज्योतिषनक्षत्रगोचरपर्व/व्रतग्रहपंचांगखगोल-विज्ञानआकाशीय गणितअप्रैल 2010व्यूस: 8163
क्या आप जानते हैं? फ्यूचर पाॅइन्टचन्द्रमा पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक सैटेलाइट है जिसका निर्माण लगभग 4.6 अरब वर्ष पूर्व और सौरमण्डल की रचना के 3 से 5 करोड़ वर्ष पश्चात हुआ।... और पढ़ेंज्योतिषखगोल-विज्ञानविविधसितम्बर 2013व्यूस: 4381
अयनांश से क्या अभिप्राय है? फ्यूचर पाॅइन्टप्रश्न: अयनांश से क्या अभिप्राय है? ज्योतिष में निरयण पद्धति का प्रयोग करना चाहिए या सायन का एवं क्यों? सविस्तार लिखें।... और पढ़ेंज्योतिषभविष्यवाणी तकनीकखगोल-विज्ञानज्योतिषीय विश्लेषणनवेम्बर 2006व्यूस: 4716
शनि-कुछ खगोलीय तथ्य विनय गर्गहमारे सौर मंडल में शनि सूर्य से छठे क्रम का ग्रह है। बड़ा ग्रह होने की दृष्टि से यह शनि ग्रह सौर मंडल में दूसरे क्रम पर आता है। सबसे बड़ा गुरु ग्रह होता है और दूसरे क्रम में शनि ग्रह होता है। शनि ग्रह गैस के बड़े गोले के रूप मे... और पढ़ेंज्योतिषग्रहभविष्यवाणी तकनीकखगोल-विज्ञानजून 2016व्यूस: 7169
जन्माष्टमी निर्णय डॉ. अरुण बंसलहाल ही में जन्माष्टमी 1 व 2 सितंबर को मनाई गई। वृन्दावन व अनेक मंदिरों में 1 सितंबर को व मथुरा, बिड़ला मन्दिर आदि में 2 सितंबर को।... और पढ़ेंज्योतिषदेवी और देवपर्व/व्रतअध्यात्म, धर्म आदिखगोल-विज्ञानयशसितम्बर 2010व्यूस: 7225
सूर्य ग्रहण एवं चंद्र ग्रहण फ्यूचर पाॅइन्टसूर्य ग्रहण तथा चंद्र ग्रहण का मानव जीवन पर पड़ने वाले शुभाशुभ प्रभावों का वैदिक काल से ही वर्णन प्राप्त होता है। पुराणों में इस विषय पर विस्तृत चर्चा मिलती है।... और पढ़ेंज्योतिषभविष्यवाणी तकनीकखगोल-विज्ञानमई 2011व्यूस: 6782
क्या आप जानते हैं? फ्यूचर पाॅइन्टअगर सूर्य के केन्द्रीय भाग में आज ऊर्जा उत्पन्न होना बंद हो जाए तो पृथ्वी पर इसके प्रभाव को महसूस करने के लिए 5 करोड़ वर्ष लग जाएंगे।... और पढ़ेंज्योतिषखगोल-विज्ञानविविधजुलाई 2013व्यूस: 4083
अपरिचित महत्वपूर्ण ग्रह अंजली गिरधरभारतीय वैदिक ज्योतिष के अनुसार,ब्रह्मांड में सात प्रमुख ग्रह (सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि) तथा दो छाया ग्रह (राहु, केतु) का वर्चस्व एवं प्रभाव स्वीकार किया गया है,... और पढ़ेंज्योतिषग्रहखगोल-विज्ञानअप्रैल 2013व्यूस: 11172
क्या आप जानते हैं? यशकरन शर्मा25-26 अप्रैल 2013 का आंशिक चंद्रग्रहण 21वीं सदी का तीसरा सबसे छोटे अंतराल का ग्रहण था जो कि लगभग 27 मिनट तक रहा।... और पढ़ेंज्योतिषखगोल-विज्ञानविविधजून 2013व्यूस: 8019
चंद्र पृथ्वी का एक मात्र उपग्रह अविनाश सिंहचंद्र देव का वर्ण गौर है। इनके वस्त्र, अश्व और रथ तीनों स्वेत वर्ण के है। ये सुंदर रथ पर कमल के आसान पर विराजमान है। इनके सिर पर सुदंर स्वर्ण मुकुट तथा गले में मोतियों की माला है। इनके एक हाथ में गदा है। और दूसरा हाथ वरदान की मुद्... और पढ़ेंज्योतिषखगोल-विज्ञानमार्च 2008व्यूस: 24325