वास्तु के सुझाव


वास्तु शास्त्र की प्रभावोत्पादकता

‘वास्तु’ शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के ‘वस’ धातु से हुई है जिसका अर्थ है रहना। अतः वास्तुशास्त्र एक ऐसा विज्ञान है जिसका संबंध किसी स्थल एवं भवन के प्रारूप एवं निर्माण से है। यह शहर, महल एवं कम्प्लेक्स आदि के निर्माण का भी विस्तृत व... और पढ़ें

वास्तुभविष्यवाणी तकनीकवास्तु परामर्शवास्तु दोष निवारणवास्तु पुरुष एवं दिशाएंवास्तु के सुझाव

फ़रवरी 2017

व्यूस: 4309

वास्तु सीखें

वास्तु सीखें

प्रमोद कुमार सिन्हा

उत्तर: अध्ययन कक्ष का सबसे उपयुक्त स्थान पष्चिम दिषा है क्यांेकि इस दिषा पर विद्या की देवी मां सरस्वती का वास होता है।... और पढ़ें

वास्तुवास्तु परामर्शवास्तु दोष निवारणवास्तु पुरुष एवं दिशाएंवास्तु के सुझाव

नवेम्बर 2011

व्यूस: 2610

उत्तर दिशा में ड्राॅइंग रूम क्यों?

ड्राॅइंग रूम भवन का वह स्थान है जहां पारिवारिक, सामाजिक, व्यापारिक, आर्थिक क्षेत्र से जुड़े लोग आकर बैठते हैं, आपस में बातचीत करते हैं। वास्तुशास्त्र में भवन का उत्तर का क्षेत्र ड्राॅइंग रूम बनाने के लिए प्रशस्त माना गया है। उत्तर ... और पढ़ें

वास्तुवास्तु परामर्शवास्तु दोष निवारणवास्तु के सुझाव

सितम्बर 2006

व्यूस: 3550

दक्षिण में भूमिगत जल स्रोत

दक्षिण में भूमिगत जल स्रोत महिलाओं के स्वास्थ्य हानि एवं अनचाहे खर्चों का कारण होता है:- कुछ दिन पूर्व पंडित जी, इलाहबाद (उत्तर प्रदेश) के एक व्यापारी के यहाँ वास्तु निरीक्षण करने गए। उनके घर में बातचीत के दौरान उनकी पत्नी ने बताय... और पढ़ें

वास्तुभविष्यवाणी तकनीकवास्तु परामर्शवास्तु दोष निवारणवास्तु पुरुष एवं दिशाएंवास्तु के सुझाव

मई 2016

व्यूस: 3602

वीथिशूल: शुभाशुभ फल एवं उपाय

1. परिभाषा और प्रकार वास्तु संदर्भ में, किसी भी प्रकार की मानव रचित रुकावट को वीथिशूल कहते हैं। “वीथि” का शाब्दिक अर्थ सड़क, मार्ग या रास्ता है और “शूल” का शाब्दिक अर्थ तीर, बाण या काँटा है। प्राचीन समय की अपेक्षा आधुनिक युग में, व... और पढ़ें

उपायवास्तुभविष्यवाणी तकनीकवास्तु परामर्शवास्तु दोष निवारणवास्तु पुरुष एवं दिशाएंवास्तु के सुझाव

दिसम्बर 2016

व्यूस: 4091

उत्तर दिशा में स्थित गृह/भूखंड

उत्तर दिशा के मकान / भूखंड उत्तर दिशा एक पवित्रा दिशा है। भगवान कुबेर इस दिशा के अध्पिति हैं। ये ध्न एवं समृ(ि के भी देवता हैं। ये व्यवसाय एवं व्यापार के लिए प्रमुख हैं। इनकी अभिरुचि ललित कलाओं में अध्कि है किंतु ये कुष्ठ रोग से प... और पढ़ें

वास्तुभविष्यवाणी तकनीकवास्तु परामर्शवास्तु दोष निवारणवास्तु पुरुष एवं दिशाएंवास्तु के सुझाव

आगस्त 2016

व्यूस: 3627

घर वास्तुसम्मत न हो तो क्या हों उपाय?

गृह निर्माण कार्य एक अति महत्वपूर्ण कार्य है। निर्माण के पश्चात भवन मेंयदि वास्तु दोष निकले और फिर उसे दूर करने के लिए तोड़-फोड़ करनी पड़े तो यह गृह स्वामी के लिए अति कष्टकारक स्थिति होती है। सावधानीके बाद भी यदि घर में वास्तु दोष रह... और पढ़ें

वास्तुभविष्यवाणी तकनीकवास्तु परामर्शवास्तु दोष निवारणवास्तु पुरुष एवं दिशाएंवास्तु के सुझाव

दिसम्बर 2006

व्यूस: 3369

सीढ़ियां कैसी हों?

सीढ़ियां कैसी हों?

फ्यूचर पाॅइन्ट

सीढ़ियां प्रगति की प्रतीक हैं। घर में सीढ़ियों के लिए सर्वोŸाम दिशा दक्षिण, पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम होती हैं। - सीढ़ियों का पत्थर फिसलने वाला न हो। - सीढ़ियां भूलकर भी उŸार-पूर्व में न बनाएं। इस दिशा में बनी सीढ़ियां धननाश, व्यापार में... और पढ़ें

वास्तुभविष्यवाणी तकनीकवास्तु परामर्शवास्तु दोष निवारणवास्तु पुरुष एवं दिशाएंवास्तु के सुझाव

दिसम्बर 2006

व्यूस: 3273

क्या आप जानते हैं?

क्या आप जानते हैं?

यशकरन शर्मा

वास्तुशास्त्र का नियम इस तथ्य से सिद्ध होता है कि आप पायेंगे कि किसी भी जगह का दक्षिणी-पश्चिमी भाग हमेशा समृद्ध होता है।... और पढ़ें

वास्तुवास्तु परामर्शवास्तु दोष निवारणवास्तु पुरुष एवं दिशाएंवास्तु के सुझाव

मई 2013

व्यूस: 2127

भवन में यंत्र की स्थापना एवं उसके फल

प्र0-भवन में श्रीयंत्र लगाने से क्या लाभ होता है ? उ0- महापुराणांे में श्री यंत्र को देवी महालक्ष्मी का प्रतीक कहा गया है। श्री यंत्र मंे 2816 देवी देवताओं की सामूहिक अदृष्य षक्ति विद्यमान रहती है इसलिए इसे यंत्रराज, यंत्रषिरोमणि ... और पढ़ें

वास्तुभविष्यवाणी तकनीकवास्तु परामर्शवास्तु दोष निवारणवास्तु पुरुष एवं दिशाएंवास्तु के सुझाव

जुलाई 2015

व्यूस: 4444

पूजा रूम

पूजा रूम

मनोज कुमार

घर में पूजा रूम वास्तु के सिद्धांतों के अनुरूप बनाना श्रेयस्कर है क्योंकि इसी महत्वपूर्ण स्थल पर आप पूजा एवं साधना करते हैं। सकारात्मक ऊर्जा एवं ‘ची’ प्राप्त करने हेतु ईश्वर से सान्निध्य एवं सामीप्य आवश्यक है। यदि आपने पूजा रूम का... और पढ़ें

वास्तुफेंगशुई एवं वास्तुभविष्यवाणी तकनीकवास्तु के सुझाव

नवेम्बर 2014

व्यूस: 4124

पूर्व दिशा के बन्द होने के दुष्परिणाम

कुछ समय पहले पं. जी नौएडा में डाॅं. कुलदीप नैय्यर के घर वास्तु निरीक्षण के लिए गये। निरीक्षण के समय श्री नैय्यर जी ने बताया कि लड़के की शादी को चार साल हो गये हैं परन्तु जब से इस घर में रहने आये हैं न तो वंशवृद्धि हो रही है और काम... और पढ़ें

वास्तुवास्तु परामर्शवास्तु दोष निवारणवास्तु के सुझाव

अकतूबर 2014

व्यूस: 4349

Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

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