अपराधियों की हस्त रेखाएं

अपराधियों की हस्त रेखाएं  

भारती आनंद
व्यूस : 4383 | अप्रैल 2017

अपराधी उसे कहा जाता है, जो किन्हीं कारणों से मजबूर हो कर कुकृत्यों को अंजाम देते हैं। अब देखते हैं कि कार्यों को अंजाम देने वाली रेखाएं, लक्षण और हाथ की बनावट कैसे हंै और यहां दिये गये दो अपराधियों के हाथ के चित्रों में क्या समानताएं हैं। दोनों हाथ स्त्रियों के हैं और इनके हाथ की रेखाएं इनके द्वारा किये गये अपराधों में भी समानता दर्शाती हैं। इन्होंने एन. डी. पी. एस. ऐक्ट के तहत अपराध किये हैं और नशीले पदार्थों को बेचने के लिए इनपर आरोप लगे। चित्र 1 के जातक को तो उम्र कैद की सजा हो चुकी है और चित्र 2 के जातक पर पिछले 2 वर्षों से मुकद्दमा चल रहा है। हाथ का रंग: चित्र 1 लाल। चित्र 2 थोड़ा सा लालीपन लिए हुए। हाथ की प्रवृत्ति: चित्र 1 सख्त। चित्र 2 खुरदरा और सख्त। अंगूठा: चित्र 1 सख्त, पीछे की तरफ न झुकने वाला। चित्र 2 सख्त, पीछे की तरफ झुकने वाला। अंगुलियां: चित्र 1 मोटी। चित्र 2 मोटी। जीवन रेखा: चित्र 1 में सीधी। चित्र 2 में सीधी। मस्तिष्क रेखा: चित्र 1 में मंगल क्षेत्र पर अंत। चित्र 2 में मंगल क्षेत्र पर अंत। हृदय रेखा: चित्र 1 में गुरु और शनि क्षेत्र को देख रही है। चित्र 2 में शनि क्षेत्र को देख रही है। भाग्य रेखा: चित्र 1 में भाग्य रेखा मणिबंध से शुरू हो कर मस्तिष्क रेखा पर समाप्त। चित्र 2 में भाग्य रेखा का उद्गम चंद्र क्षेत्र से हो कर मस्तिष्क रेखा पर अंत। दूसरी भाग्य रेखा का निकल

1. गुरु की अंगुली

2. शनि की अंगुली

3. सूर्य की अंगुली

4. बुध की अंगुली

5. हृदय रेखा

6. मस्तिष्क रेखा

7. जीवन रेखा

8. भाग्य रेखा

9. राहू रेखा

10. मंगल रेखा कर हृदय रेखा पर अंत।

राहु रेखाएं: चित्र 1 में अंत मस्तिष्क रेखा पर। चित्र 2 मंे राहु रेखा का अंत जीवन रेखा और मस्तिष्क रेखा दोनों पर। मंगल रेखा: चित्र 1 में 2 अधूरी मंगल रेखाएं। चित्र 2 मंे मंगल रेखा नहीं है। बुध की अंगुली: चित्र 1 में तिरछी है। चित्र 2 में तिरछी है। गुरु की अंगुली: चित्र 1 में सूर्य की अंगुली से छोटी है। चित्र 2 में हल्की सी गुरु की अंगुली सूर्य की अंगुली से छोटी है। सूर्य की अंगुली: चित्र 1 में झुकाव शनि की अंगुली पर है। चित्र 2 मंे झुकाव शनि की अंगुली की तरफ है। मस्तिष्क रेखा का उद्गम: चित्र 1 में मस्तिष्क रेखा का उद्गम मंगल के स्थान से। चित्र 2 में मस्तिष्क रेखा का उद्गम जीवन रेखा के साथ। चित्र द्वारा हस्त रेखाओं की जानकारी। अब इन लक्षणों की विशेषताओं का उल्लेख करेंगे। केवल एक रेखा को देखते हुए अपराध संबंधी फलादेश न करें। इसके लिए अन्य रेखाओं का विश्लेषण करना भी आवश्यक है।

इन दोनों स्त्रियों के हाथ का रंग लाल है, जिससे इनके स्वभाव में उग्रता होती है। इन्हें क्रोध भी बहुत जल्दी आ जाता है। धन कमाने की तरफ इनका ध्यान अधिक होता है। अतः इस प्रकार के लक्षण होने पर ऐसी स्त्रियां गलत साधनों का उपयोग कर बैठती हैं। हाथ का रंग लाल, हस्त प्रवृत्ति सख्त होने और अंगूठा कम खुलने पर, जैसा कि चित्रों में है, इनमें सहनशीलता कम होती है और साथ में जीवन रेखा सीधी भी है, जो इन्हें गलत कार्य करने की ओर उकसाती है। यह इनका स्वभाव भी सख्त बना देती है। इन स्त्रियों के हाथ में अंगूठा कम खुलता है, जो दोषपूर्ण लक्षण है। जल्दबाजी में ये गलत कार्य कर बैठती हैं। क्योंकि दोनों ही स्त्रियों की भाग्य रेखा दोषपूर्ण है, इसलिए ये किसी पर विश्वास कर के स्वयं अपने लिए कुंआ खोद देती हैं और मोटी भाग्य रेखा तो स्वयं भी उल्टापुल्टा करने के लिए तैयार रहती है।

अंगुलियों का मोटा होना भी कम बुद्धिमानी का लक्षण है। अंगुलियां जितनी मोटी होंगी, उतना ही बौद्धिक विकास कम हो जाता है। क्योंकि इन स्त्रियों के हाथ में अन्य दोषपूर्ण लक्षण भी हंै, जैसे हाथ का रंग लाल, भाग्य रेखा का मस्तिष्क रेखा पर रुक जाना, अंगूठा सख्त, जिसकी वजह से ये दूसरों के लिए मरने वाली होती हैं तथा क्रोध आने पर, या मन में निश्चय होने पर ये अनुचित कार्य कर डालती हैं। फलस्वरूप इन्हें जेल की यात्रा भी करनी पड़ती है। इन दोनों स्त्रियों की जीवन रेखा सीधी है। अन्य लक्षण दोषपूर्ण होने पर, जैसे भाग्य रेखा का मोटा हो कर मस्तिष्क या हृदय रेखा पर रुक जाने और राहु रेखाओं का भाग्य रेखा को काट कर सीधे मस्तिष्क रेखा में मिल जाने पर इनमें अपराध संबंधी कार्यों की तरफ रुझान बना देते हैं। फलस्वरूप इन्होंने स्मैक और अन्य नशीले पदार्थ बेचने का कार्य किया।

गुरु की अंगुली का सूर्य की अंगुली से छोटा होने और अन्य लक्षण होने पर इन स्त्रियों ने अनैतिक कार्य किये। क्योंकि बुध की अंगुली टेढ़ी है, इसलिए इन्हें जेल यात्रा भी करनी पड़ी। दोषपूर्ण भाग्य रेखा और मस्तिष्क रेखा का मंगल से निकलना इन्हें गलत कार्यों के लिए साहस दिलवाता है और राहु रेखाओं ने, इनके कार्यों का पर्दाफाश कर, इन्हें जेल तक भिजवा दिया। सभी लक्षणों को मद्देनजर रखते हुए, सूर्य की अंगुली का झुकाव शनि की अंगुली पर होने से, इनके जीवन में बदनामी का योग भी आता है। क्योंकि गुरु की अंगुली भी छोटी है, इसलिए अनैतिक कार्य करने का प्रोत्साहन मिला। ऐसी स्त्रियां एक गलती को कई बार दोहराने वाली होती हैं, क्योंकि भाग्य रेखा इनके हाथों में मस्तिष्क और हृदय रेखा पर रुक रही है। एक स्त्री के हाथ में मंगल रेखा है तथा दूसरी स्त्री के हाथ में मंगल ग्रह प्रबल है, जिसकी वजह से इन्हें अनैतिक कार्य करने की शक्ति मिलती है और ये काम के लिए सोचे-समझे बिना, हां कर देती हैं। अन्य लक्षण दोषपूर्ण और मस्तिष्क रेखा का मंगल से निकलने के कारण ये अंजाम की परवाह न करने वाली और प्रपंच करने वाली स्त्रियां होती हैं। अतः इस प्रकार के लक्षणों के सामने आने पर ऐसी स्त्रियों और पुरुषों से बच कर रहना चाहिए। ये खुद तो फंसती ही हैं तथा दूसरों को भी फंसा देती हैं। हाथ में अन्य क्रूर लक्षण होने पर ये हत्या तक कर डालती हैं।



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