कोरियाई चिकित्सा पद्वति सुजोक

कोरियाई चिकित्सा पद्वति सुजोक  

फ्यूचर समाचार
व्यूस : 7033 | मार्च 2007

सिरदर्द, कमर दर्द, किडनी में खराबी हो या कोई भी भयंकर रोग, डाॅक्टर केवल हाथ व पांवों की जांच से रोगी को ठीक कर दे तो यह सभी के लिए हैरानी की बात होगी। चिकित्सा की यह पद्धति सु जोक के नाम से जानी जाती है, जिसमें संबंधित अंग का स्पर्श न कर केवल हाथ व पैरों में स्थित बिंदुओं की जांच की जाती है। डाॅ. दिनेश कपूर कई गंभीर एवं असाध्य रोगों का इलाज कर चुके हैं। वे लाइलाज बीमारी एड्स का इलाज करने का भी दावा करते हैं। इस आलेख में वे बता रहे हैं कि सु जोक चिकित्सा कैसे काम करती है...

चिकित्सा की सु जोक एक्यु- प ं क् च र पद्धति शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक तीनों स्तरों की चिकित्सा के लिए एक कारगर पद्धति है। इसका आधार ऊर्जा संतुलन अर्थात यिन और यैंग (पांच तत्व- काष्ठ, अग्नि, पृथ्वी, धातु, जल) का संतुलन है। सु जोक चिकित्सा पद्धति की खोज दक्षिण कोरियाई वैज्ञानिक प्रो. पार्क जे वू ने की थी।

इन दो शब्दों में सु का अर्थ हाथ और जोक का पांव से है जो किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य के रिमोट कंट्रोल के चैनेल हैं। हाथों और पांवों में अति सक्रिय बिंदुओं का एक तंत्र होता है जिनका संपर्क शरीर के सभी अवयवों और अंगों से होता है। इन बिंदुओं की सक्रियता से रोगहर और रोगनिरोधी प्रभाव उत्पन्न होता है। हाथों और पांवों में ये बिंदु सुव्यवस्थित ढंग से विद्यमान होते हैं। हाथों और पांवों की साम्य प्रणाली को सीख ले, तो हर व्यक्ति स्वयं को खुद ही रोगों से मुक्त कर सकता है, उनसे अपनी रक्षा कर सकता है।

उच्च प्रभाव: सु जोक एक्युपंक्चर का प्रत्यक्ष प्रभाव कुछ ही मिनटों में और कभी कभी तो कुछ सेकेंडों में ही महसूस होने लगता है। पूरी तरह सुरक्षित: चिकित्सा की यह प्रणाली मानव निर्मित नहीं है। मानव ने इसकी खोज की है, किंतु इसका मूल प्रकृति में है।

यही कारण है कि यह शक्तिशाली भी है और सुरक्षित भी। संबद्ध बिंदुओं के उद्दीपन (सक्रिय) होने से रोगों से मुक्ति और बचाव होता है। इससे कोई नुकसान नहीं पहुंचता, अगर इसका सही ढंग से प्रयोग न हो, तो भी यह कोई प्रभाव नहीं छोड़ता।

चिकित्सा सिद्धांत: किसी बीमारी का एक मूल कारण मेरिडियन तंत्र द्वारा असंतुलित ऊर्जा की आपूर्ति हो सकती है। मेरिडियन वे मार्ग हैं जिनसे होकर ची ऊर्जा प्रवाहित होती है। मेरिडियन मुख्यतः 12 हैं- फेफड़ा, बड़ी आंत, पेट, तिल्ली या प्लीहा, दिल, छोटी आंत, मूत्राशय, गुरदे, पेरिकार्डियम, त्रिदोष, पिŸााशय और यकृत।

एक्युप्रेशर द्वारा शरीर के विभिन्न भागों में अवरुद्ध चेतना का न केवल संचार होता है, अपितु शरीर के उन भागों की ऊर्जा के असंतुलन को दूर कर रोगों का निवारण किया जाता है। ऊर्जा चिकित्सा के अनुसार रोग ऊर्जा प्रवाह के मार्ग में अवरोध के कारण होता है अथवा शरीर को निश्चित मात्रा में ऊर्जा का न मिलना रोग उत्पन्न करता है।

यह माना गया है कि रोग की अवस्था में ऊर्जा के मुख्य मार्गांे में, जिन्हें हम मेरिडियन भी कहते हैं, बाधा स्वरूप क्रिस्टल जमा हो जाते हैं। एक्युप्रेशर सिद्धांत के अनुसार ऊर्जा मार्ग में उत्पन्न अवरोध या क्रिस्टल को दबाव द्वारा तोड़ा या हटाया जाता है। इन्हीं मेरिडियन के माध्यम से शरीर जीवनोपयोगी आवश्यक ऊर्जा ब्रह्मांड से ग्रहण करता है।

हाथ में शरीर के अंग एवं समानता ः शरीर के पांच मुख्य अंग हैं- सिर, दो भुजाएं और दो टांगें। मानव शरीर में सिर सबसे ऊपर है, टांगें सबसे नीचे और हाथ बीच में। सु जोक पद्धति में कलाई के निचले भाग को पूरे शरीर के रूप में देखा जाता है। हथेली में भी पांच उंगलियां हैं- चार उंगलियां एवं एक अंगूठा, हर उंगली किसी न किसी अंग का प्रतीक है। हथेली धड़ का प्रतीक है जिसके साथ जुड़ी चार उंगलियों में मध्यमा एवं अनामिका पैर की प्रतीक हैं और कनिष्ठिका व तर्जनी दोनों हाथों की। अंगूठा सिर एवं गर्दन का प्रतीक है।

सादृश्य पद्धति: अंगूठा: बनावट की दृष्टि से अंगूठा हथेली में सिर का प्रतिनिधित्व करता है। जिस तरह मस्तिष्क शरीर के अंगों को नियंत्रित करता है, उसी प्रकार अंगूठा भी पूरी हथेली को नियंत्रित करता है। गर्दन एवं गर्दन के ऊपर के अंगों में हुई किसी भी प्रकार की पीड़ा को अंगूठे पर स्थित केंद्रों पर दबाव देकर दूर किया जा सकता है। सु जोक एक्युपंक्चर चिकित्सा पद्ध ति के अनुसार ब्रह्मांड और प्राणियों तथा वनस्पतियों के पांच मूल तत्व हैं जो पांच अलग अलग ऊर्जाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। ये तत्व हैं- काष्ठ, पृथ्वी, अग्नि, धातु और जल।

इनमें काष्ठ वायु ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है, पृथ्वी आर्द्र ऊर्जा का, अग्नि ताप का, धातु शुष्क का और जल शीत ऊर्जा का। काष्ठ तत्व वायु के साथ साथ ऊष्मा ऊर्जा का भी प्रतिनिधित्व करता है। सु जोक पद्धति से मस्तिष्क, जननांगों, जोड़ों, हड्डियों, मासपेशियों, श्वास, पाचनतंत्र, मूत्राशय, रक्त संचार आदि से संबंधित बीमारियों का उपचार किया जाता है।

इनके अतिरिक्त त्वचा, गले, कान, आंख, गुर्दे आदि की बीमारियों और डायाबीटीज के इलाज में भी यह पद्धति कारगर है। इसके प्रयोग से मोटापा दूर किया जा सकता है और लंबाई बढ़ाई जा सकती है। डाॅ. कपूर से इस पद्धति से लाभ प्राप्त कर चुके कुछ रोगियों के अपने अपने अनुभव हैं जिनसे पता चलता है कि सु जोक उपचार से कई लोगों को नव जीवन प्राप्त हो चुका है। हर तरफ से हार चुके व्यक्तियों को इस उपचार ने जीने की नई आशा दी।

पीठ के कष्ट से पीड़ित 26 वर्षीय रेलिन वैलिस को सु जोक से तुरंत राहत मिली। उन का कहना है कि यह उपचार पद्धति उत्कृष्ट है। 28 वर्षीया क्षमता की वाक्क्षमता का लोप हो चुका था। वह कहती हैं कि आवाज चली जाने से मैं बहुत घबरा गई थी लेकिन इस पद्धति से इलाज कराने पर मेरी बोलने की क्षमता लौट आई है, इलाज अभी चल रहा है ताकि इसमें पूरा-पूरा सुधार हो सके।

साइनुसाइटिस, सुन्नपन, डिस्क समस्या आदि से ग्रस्त 38 वर्षीय विजय मेंडिस का कहना है कि इसके इलाज से उन्हें आश्चर्यजनक लाभ हुआ। वह कहते हैं कि उनकी पीठ और टांगों की शक्ति लौट आई और सुन्नपन तथा साइटिका से 80 प्रतिशत तक मुक्ति मिल चुकी है। उनके साइनस में भी काफी सुधार हुआ है और अब वह ट्रेडमिल पर चलने लगे हैं।

35 वर्षीया सरोज सिपानी पिछले लगभग दस साल से सिरदर्द स पीड़ित थीं। इसके अतिरिक्त वह निम्न रक्तचाप, मूत्राशय रोग और कफ से भी ग्रस्त थीं। इस पद्धति से इलाज कराने पर उनका सिरदर्द जाता रहा और अन्य बीमारियों में भी राहत मिली।

कफ, एलर्जी और साइनुसाइटिस से पीड़ित 22 वर्षीया डाॅ. तृप्ति बताती हैं कि सु जोक पद्धति से इलाज कराने पर बहुत दिनों से चली आ रही उस पीड़ा से उन्हें आश्चर्यजनक रूप से मुक्ति मिली। वह अब बेहतर महसूस करती हैं। 75 वर्षीय के.सी. जैन की नाक में इन्फेक्शन था। उन्होंने बताया कि सु जोक का इलाज उनके लिए ईश्वर का वरदान सिद्ध हुआ। अब वह पूरी तरह ठीक हैं।

If you are facing any type of problems in your life you can Consult with Astrologer In Delhi



Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.