घरों के अनुसार ग्रहों का प्रभाव

घरों के अनुसार ग्रहों का प्रभाव  

फ्यूचर पाॅइन्ट
व्यूस : 16405 | सितम्बर 2015

हर ग्रह के कारक घर, स्थायी घर, उच्च-नीच घर आदि निश्चित हैं। फिर भले ही वह ग्रह ‘अतिथि’ बने या किरायेदार! ग्रह का समय पूरा होने पर ग्रहरूपी दीया बुझ जाएगा। हर ग्रह उसकी अपनी राशि में, भले ही वह राशि अन्य ग्रह की कारक क्यों न हो, शुभ फल ही देगा। ग्रह जिस घर में बैठा होगा उस ग्रह की चीजें स्थापित करने से उसका प्रभाव बढ़ेगा। उदाहरणार्थ-केतु नौंवे घर में बैठा हो तो कुत्ता पालने से केतु के प्रभाव में बढ़ोत्तरी होगी। नैसर्गिक जन्मकुंडली में दूसरे घर में शुक्र की राशि रहती है एवं दूसरा घर बृहस्पति का कारक है। यहां शुक्र बैठा हो तो उसके शुभ फल प्राप्त होंगे। तीसरे घर में बुध की राशि रहती है। तीसरा घर मंगल का कारक है। मंगल शुभ हो तो यहां बुध का भी शुभ फल मिलेगा। चैथे घर में चंद्र की राशि कर्क आती है। राशि स्वामी चंद्र है।

यहां राहु का अशुभ फल प्राप्त नहीं होता। वर्ष जन्मकुंडली में राहु चैथे घर में बैठे तो राहु के कार्य-मकान की छत बदलना, कोयले की बोरियों का संग्रह करना, नया टाॅयलेट बनवाना, काले आदमी को साझेदार बनाना जैसे काम नहीं करने चाहिए अन्यथा झगड़े होते रहेंगे। पांचवें घर में सूर्य की राशि सिंह रहती है। इस घर के कारक ग्रह बृहस्पति तथा सूर्य हैं। इस घर में इसके शुभ फल ही प्राप्त होंगे। छठे घर में बुध की राशि कन्या पड़ती है। यह केतु का कारक घर है। यहां बुध के शुभ फल मिलते हैं। यहां केतु होने पर उसकी चीजों पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। बुध-केतु साथ में बैठे हों तो बुध के अच्छे और केतु के बुरे फल मिलेंगे। सातवें घर में शुक्र की राशि तुला रहती है। यह घर शुक्र एवं बुध का कारक घर है। यहां शुक्र के शुभ फल मिलते हैं एवं बुध दूसरे ग्रहों की मदद करता है। आठवें घर में मंगल की राशि वृश्चिक रहती है।

यह मंगल, शनि एवं चंद्र का कारक घर है। ये तीनों ग्रह जन्मकुंडली में अलग-अलग घरों में बैठे हों तो अच्छा फल प्राप्त होता है। इकट्ठे होने पर अशुभ फल देते हैं। वर्षफल में आठवें घर में अशुभ ग्रह आने पर उसके अशुभ फल ही मिलेंगे। लाल किताब के अनुसार नौवां घर भाग्य का आरंभ और किस्मत भी बतलाता है। जन्मकुंडली में इस घर का सर्वाधिक महत्त्व है। सारी जन्मकुंडली के फल को नौवां घर प्रभावित करता है। जातक के पुरुषार्थ रूपी कर्मों का अंतिम निर्णय भाग्य से ही होता है। काल के तीनों खंडों में भूतकाल इस घर का विषय है। नौवें घर में बृहस्पति की राशि धनु पड़ती है। इसका कारक बृहस्पति है तथा शनि राशिफल का है और बृहस्पति ग्रहफल का। शनि का कोई उपाय नहीं, बृहस्पति का उपाय है। इस घर में बृहस्पति और सूर्य के अच्छे फल प्राप्त होते हैं। धरती के नीचे रहने वाली वनस्पति का यह कारक घर है।

दसवां घर विश्वासघाती माना जाता है। इस घर में बैठे ग्रह विश्वासघाती होते हैं। विश्वासघाती ग्रह दूसरे एवं ग्यारहवें घर में लाभदायक बनते हैं। ग्यारहवां घर बृहस्पति का स्थायी घर है। यहां शनि शुभ फल देता है। शनि के अलावा काफी ग्रह अशुभ फल प्रदान करते हैं। ग्यारहवें घर में शनि की राशि कुंभ पड़ती है। इस घर का कारक ग्रह शनि है। जन्मकुंडली में शुभ या अशुभ ग्रह जब खुद की अपनी राशि में या कारक घर में आते हैं तब शुभ फल देते हैं। जन्मकुंडली में बैठा उच्च ग्रह जब वर्ष जन्मकुंडली में भी उच्च का होकर बैठे तब उच्च शुभ फल देता है। बृहस्पति जन्मकुंडली में उच्च का हो और वर्ष जन्मकुंडली में दूसरे या चैथे घर में हो तब शुभ फलदायक होगा। सूर्य, चंद्र, मंगल ये पुरूष ग्रह दिन में, बुध, शनि, राहु, केतु ये नपुंसक ग्रह सवेरे एवं शाम को प्रभावी बनते हैं। कोई भी अशुभ या शुभ ग्रह चाहे जिस घर में बैठा हुआ हो, वह निम्नानुसार अन्य घरों में भी फलदायी होगा।

- बृहस्पति-शुक्र अशुभ असरदार हों तो दूसरे और चैथे घरों में भी वे अशुभ फल देंगे।

- पहले घर में बुध होने पर सूर्य, मंगल तथा शनि भी फलदायी होंगे।

- दूसरे घर में बृहस्पति होने पर शुक्र भी फलदायी होगा।

- तीसरे घर में बुध होने पर मंगल एवं शनि भी फलदायी होंगे।

- चतुर्थ घर में बृहस्पति होने पर सूर्य और चंद्र भी फलदायी होंगे।

- पांचवें घर में बृहस्पति होने पर सूर्य, राहु व केतु भी फलदायी होंगे।

- छठे घर में केतु होने पर शुक्र भी फलदायी होगा।

- सातवें घर में शुक्र होने पर बुध भी फलदायी होगा।

- आठवें घर में मंगल होने पर शनि, चंद्र भी फलदायी होंगे।

- नौवें घर में बृहस्पति होने पर अन्य ग्रह फलदायी नहीं होंगे।

- दसवें घर में शनि होने पर राहु-केतु भी फलदायी होंगे।

- ग्यारहवें घर में शनि होने पर बृहस्पति फलदायी होगा।

- बारहवें घर में राहु होने पर बृहस्पति, शनि फलदायी होंगे।



Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.