दुः स्वप्न : कारण-प्रभाव-निवारण

दुः स्वप्न : कारण-प्रभाव-निवारण  

फ्यूचर पाॅइन्ट
व्यूस : 14637 | मार्च 2010

दुःस्वप्न : कारण-प्रभाव-निवारण फ्यूचर पॉइंट के सौजन्य से हम में से हर किसी को कभी न कभी बुरे सपने आते हैं। कारण क्या है? क्या आप जानते हैं कि लगभग 5 प्रतिद्गात लोगों को ऐसे सपने रोज दिखाई देते हैं? अन्य सपनों की भांति इन बुरे सपनों के कारण अचानक अत्यधिक पसीने का निकलना, गालों का लाल हो जाना, नाड़ी का तेजी से चलने लगना आदि शारीरिक लक्षण दिखाई देते हैं। यह कहना कठिन है कि बुरे सपने - या फिर सपने - क्यों आते हैं। कारण कई हो सकते हैं। दूसरों के विचारों और मतों के प्रति संवेदनद्गाील लोगों को ऐसे सपने ज्यादा दिखाई देते हैं। यदि कोई उनकी बुराई या आलोचना करे, तो वे विचलित हो उठते हैं और उनका यह विचलित होना बुरे सपने का एक कारण हो सकता है। गहरी नकारात्मक सोच या फिर दिन में मन में उठने वाले तरह-तरह के नकारात्मक विचार बुरे सपनों का कारण हो सकते हैं। ये बुरे सपने लंबे होते हैं और अक्सर रात के पिछले पहर में दिखाई देते हैं। कोई बुरा सपना देखने पर व्यक्ति को अपनी जान का खतरा सताता है।

बुरे सपने ज्यादातर बच्चों को आते हैं, बढ़ती उम्र के साथ इनका आना कम होता जाता है। बुरे सपनों का ताल्लुक व्यक्ति की संवेगात्मक अवस्था से होता है। किसी व्यक्ति को उसके गंभीर मानसिक अवसाद तथा तनाव के दिनों में या फिर हाल में हुई किसी प्रियजन की मौत पर अक्सर ऐसे सपने दिखाई देते हैं। अगर सपने में आपको परीक्षा में असफलता दिखाई दे या आप स्वयं को किसी ऐसी विकट स्थिति में जकड़ा हुआ पाएं जिससे आप चाहकर भी निकल न पा रहे हों, तो इसका अर्थ है कि आप यथार्थ जीवन में संभवतः अवसाद के द्गिाकार हों। अगर आप बीते दिनों हताशा से गुजरे हों, तो संभव है कि आपकी यह मानसिक अवस्था आपको सपने में दिखाई दे। भारतीय ज्योतिष में सपनों की विशद व्याखया की गई है। इस व्याखया के अनुसार सपनों में विभिन्न वस्तुओं, पशु-पक्षियों आदि के किन अवस्थाओं में दिखाई देने का क्या अशुभ फल हो सकता है इसका संक्षिप्त विवरण यहां प्रस्तुत है।

प्रार्थना : यदि कोई व्यक्ति स्वप्न में यह देखे कि वह अकेला ही अपने इष्ट देव की प्रार्थना कर रहा है, तो यह समझना चाहिए कि उसकी सहायता के सभी दरवाजे बंद हो गए हैं। यदि कोई प्रार्थना से अलग रहने का स्वप्न देखे, तो उसके परिवार के किसी सदस्य को कष्ट प्राप्त होना संभव है।

चीता : स्वप्न में चीते का दिखाई देना व्यक्ति की सफलता के मार्ग में कठिनाइयों का सूचक होता है। स्वप्न में चीता व्यक्ति पर आक्रमण करता दिखाई दे, तो व्यक्ति की कठिनाइयां शीघ्र ही बढ़ जाती हैं। यदि स्वप्न में चीता किसी दूसरे व्यक्ति पर आक्रमण करता हुआ दिखाई दे, तो किसी गभीर दुर्घटना के कारण, बड़े संकट में पड़ता है।

ढोलक : यदि व्यक्ति किसी उत्सव में स्वयं को ढोल बजाता हुआ देखे, तो उसे कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

मशीन : यदि किसी व्यापारी को स्वप्न में पंचिंग मशीन को छोड़ कर अन्य मशीनें दिखाई दें, तो व्यवसाय में असफलता मिलती है।

तितली : यदि कोई लड़की स्वप्न में किसी तितली को पकड़े किंतु वह तितली पकड़ से बाहर निकल जाए, तो उस लड़की का विवाह इच्छित लड़के से नहीं होता।

दस्तावेज : यदि स्वप्न में कोई दस्तावेज, अथवा बांड पर हस्ताक्षर करे, तो उसे धन की हानि होती है।

आंखें : यदि स्वप्न में व्यक्ति को अपनी आंखें लाल दिखाई दें, तो उसे कोई रोग होता है।

बिल्ली : यदि स्वप्न में बिल्ली दिखाई दे, तो व्यक्ति के आचरण के विषय में खराब।

छिपकली : यदि व्यक्ति को स्वप्न में अपने शरीर पर छिपकली गिरती दिखाई दे, तो उसे कोई रोग हो सकता है। यदि कोई स्त्री अपने कपड़ों पर छिपकली गिरती हुई देखे, तो किसी कारणवश कुछ दिनों के लिए उसका पति से वियोग खबरें फैलती हैं, लोग उससे घृणा करते हैं। साथ ही उसके घर चोरी आदि होने के कारण उसे आर्थिक हानि भी होती है।

भोजन : यदि व्यक्ति स्वप्न में स्वयं को भोजन करता हुआ देखे, तो उसे कोई रोग होता है। हो सकता है। यदि स्वप्न में 2 छिपकलियां लड़ती हुई दिखाई दें, तो परिवार पर भारी विपत्ति आ सकती है।

चूहा : स्वप्न में चूहा दिखाई दे, तो व्यक्ति के अनेकानेक शत्रु हो सकते हैं। स्वप्न में चूहे का फंसना दिखाई देना व्यक्ति के शत्रुओं के षड्यंत्र के शिकार होने का सूचक है। यदि स्वप्न में बहुत से चूहे दिखाई दें, तो व्यक्ति को प्रत्येक क्षेत्र में असफलता मिलती है। इस तरह सपने में उक्त वस्तुओं, पशु-पक्षियों आदि का उक्त अवस्थाओं में दिखाई देना अशुभ होता है।

बुरे सपनों से बचाव के लिए क्या करें?

स्नानादि कर क्क यो मे राजन् मंत्र का जप करते हुए सूर्य भगवान की उपासना करें। क्क अधः स्वप्नास्य मंत्र का जप, विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र, गजेंद्र मोक्ष और पुरुष सूक्त का पाठ तथा शिव एवं शक्ति की उपासना नियमित रूप से करें। सूर्योदय के पूर्व पूर्वाभिमुखी आसनस्थ होकर गायत्री मंत्र का 108 बार जप करें। शमी का पूजन करें। उक्त ज्योतिषीय उपायों के अतिरिक्त निम्नलिखित उपाय भी करें। जाग्रतावस्था में ज्यादा कल्पनाएं न करें। सोने से पहले समाचार देखने, या सुनने या फिर अखबार पढ़ने से बचें। उत्तेजक या माड़-धाड़ वाली फिल्मों अथवा हर उस चीज से बचें, जो आपको उत्तेजित करे। इसके अतिरिक्त मन में सकारात्मक विचार को स्थान दें, नकारात्मक विचार दूर होंगे। सोने से पहले कोई धार्मिक ग्रंथ या सन्मार्ग पर ले जाने वाली कोई पुस्तक पढ़ें या फिर अपने प्रियजन पर ध्यान केंद्रित करें। अपनी महान स्मृतियों का स्मरण करें और कुछ देर के लिए उनमें खो जाएं। ध्यान रखें, सोने से पहले किसी समस्या पर विचार न करें, अन्यथा बुरे सपने आएंगे।



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