हाॅल ही में बी. सी. सी. आई
के नये अध्यक्ष के रूप में 41
वर्ष के अनुराग ठाकुर को चुन लिया
गया और अपने डेढ़ दशक के सफर
में अनुराग आज क्रिकेट की दुनिया
के सबसे ताकतवर नामों में से एक
बन गये हैं।
बी. सी. सी. आई के सबसे युवा
अध्यक्ष अनुराग ने अपने करियर की
शुरूआत राजनीति से की लेकिन
क्रिकेट में उनकी दिलचस्पी बचपन
से ही थी। हिमाचल प्रदेश के पूर्व
मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के बेटे
अनुराग ठाकुर का जन्म 24 अक्तूबर
1974 को हमीरपुर, हिमाचल प्रदेश
में हुआ था।
अनुराग ने बचपन से ही राजनीति
को करीब से देखा था ऐसे में उनका
सफल राजनेता बनना तय था।
तीन बार ये हिमाचल के हमीरपुर
से सांसद रहे हैं लेकिन क्रिकेट का
शौक इन्हें बचपन से ही था। करीब
16 साल पहले अनुराग ने क्रिकेट
प्रशासक के तौर पर हिमाचल प्रदेश
क्रिकेट एसोसियेशन के अध्यक्ष पद
से शुरूआत की थी तो किसी को
ये अंदाजा नहीं था कि एक दिन ये
पूरे विश्व के सबसे ताकतवर क्रिकेट
बोर्ड के मुखिया की सीट संभालेंगे।
लेकिन अनुराग ठाकुर न सिर्फ अपने
सियासी सफर में छलांगें लगाते
गये बल्कि क्रिकेट की पेचीदगी भरी
सियासत में भी जम कर चैके छक्के
लगाते हुए नाबाद बने हुए हैं।
अनुराग ठाकुर अपने तेज तर्रार
स्वभाव के कारण युवाओं के बीच
लोकप्रिय हैं। अपने इसी स्वभाव के
कारण ये भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व
के काफी करीब आ गये। अनुराग
सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव
रहते हैं। ट्विटर पर इनके 4.94
लाख फाॅलोअर्स हैं। संसद हो या
पार्टी मीटिंग अनुराग अपनी बात
बेबाकी से रखते हैं।
अनुराग का खेलों के प्रति हमेशा से
झुकाव रहा है। क्रिकेट के अलावा ये
हाॅकी, राइफल में भी रूचि रखते हैं।
अनुराग अपनी काॅलेज टीम के स्टार
क्रिकेटर रह चुके हैं। क्रिकेट प्रेमी
अनुराग हिमाचल प्रदेश क्रिकेट
एसोसिएशन के सबसे कम उम्र
के अध्यक्ष बने हैं। महज 25
साल की उम्र में हिमाचल
क्रिकेट एसोसिएशन के
अध्यक्ष पद को संभाला था
और इस दौरान इन्होंने
सिर्फ एक फस्र्ट क्लास
मैच भी खेला। इन्होंने इस
मैच की खुद ही कप्तानी भी
की थी। इस मैच में इन्होंने
जम्मू-कश्मीर के खिलाफ 7
गेंदांे का सामना किया लेकिन
रन नहीं बना पाए हालांकि इन्होंने
दो विकेट जरूर लिये।
अनुराग ने 27 नवंबर 2002 को
हिमाचल प्रदेश के पूर्व पी. डब्लू. डीमंत्री
गुलाब सिंह ठाकुर की बेटी
सेफाली से शादी की। अनुराग के दो
बेटे हैं। अनुराग अपनी मां को बहुत
मानते हैं और उन्हीं के कहने पर
ये अपनी उंगलियों में अलग-अलग
रत्नों की अंगुठियां भी पहनते हैं।
अनुराग का नाम कई बार विवादों से
जुड़ा है। बी. सी. सी. आई के पूर्व
अध्यक्ष श्रीनिवासन के साथ इनका
मतभेद काफी चर्चा में रहा था।
वहीं बुकीज विवाद में नाम आने से
इनकी खूब किरकिरी हुई थी और
बुकी करण गिलहोत्रा से मुलाकात के
मामले में आई. सी. सी. आई. ने इनसे
पूछताछ की थी लेकिन अनुराग पर
कुछ साबित नहीं हो सका।
अनुराग के और क्रिकेट की दुनिया में
इनके करिश्माई सफर पर एक सरसरी
नजर डालें तो जानेंगे कि इनके
कार्यकाल में हिमाचल के धर्मशाला
में 4780 फीट की ऊंचाई पर बना
स्टेडियम अपने आपमें इंजीनियरिंग
का बेमिसाल नमूना तो है ही, हिम्मत
और जुनून का भी नायाब मिसाल
है। अनुराग के अनुसार एच. पीसी.
ए. के पास महज 50 लाख की
जमापूंजी थी और पहाड़ काट कर
मैदान बनाने के कठिन काम को पूरा
करने व स्टेडियम बनाने में 60 करोड़
रुपये लगे लेकिन कहते हैं कि धुन
पक्की हो तो पहाड़ भी हार मान लेते
हैं। नतीजन पूरा स्टेडियम न सिर्फ
वक्त पर बनकर तैयार हुआ बल्कि
आज दुनिया के सबसे बेहतरीन
सुविधायुक्त और खूबसूरत स्टेडियमों
में शुमार किया जाता है।
यह मानने में हमें कोई हिचक नहीं
होनी चाहिए कि जिस क्रिकेट बोर्ड
के शीर्ष पद के लिए शरद पवार,
जगमोहन डालमिया, श्रीनिवासन जैसे
धुरंधरों ने अपना जीवन लगाया उस
पर अनुराग ठाकुर के इतनी आसानी
से काबिज हो गये। ऐसा होने से
कइयों को ईष्र्या भी हो रही होगी।
पर यही तो किस्मत है और अपनी
किस्मत और मेहनत के बल
पर अनुराग ठाकुर दुनिया
के सबसे ताकतवर और
अमीर क्रिकेट बोर्ड के
नये अध्यक्ष हैं।
बी. सी. आई के
स्पेशल जनरल
मीटिंग द्वारा चुने
गये अध्यक्ष अनुराग
ठाकुर वर्ष 2017 तक
बी. सी. सी. आई के
अध्यक्ष रहेंगे तो उनका
कामकाज और सक्षमता
यह भी साबित करेगी कि आगे
उनकी धमक किस तरह रहेगी।
हालांकि नए अध्यक्ष महोदय ने क्रिकेट
के प्रचार-प्रसार के लिए सोशल
नेटवर्किंग साइट का रास्ता अपनाया
है। तो इसके लिए उन्होंने राज्य
संघों को सोशल साइट पर अपना
अकाउंट बनाने का आदेश भी दिया
है। पारदर्शिता की राह में अनुराग
ठाकुर की गाइडेंस में टीम इंडिया
के नए कोच के लिए एप्लीकेशन भी
आॅनलाईन ही भरा गया है। इसके
साथ अनुराग ठाकुर अपनी योजना
के बारे में कहते हैं कि मैच के लिए
स्टेडियम का कम से कम 10 प्रतिशत
छात्रों, लड़कियों और दिव्यांगो के
लिए आरक्षित होगा, जाहिर है ऐसे
कई कार्य हैं जिन पर ध्यान देने की
आवश्यकता है। देश के कई ऐसे
मैदान हंै जहां उनके सीट का अंकन
नहीं हुआ है जो स्टेडियम के अंदर
की सबसे बड़ी परेशानी बताई जाती
है। इस परेशानी को सुलझाने के
लिए सीट के नंबरिंग की बात भी
कही जा रही है तो पर्यावरण और
ऊर्जा के संरक्षण का ध्यान रखते हुए
मैदानों में सोलर पैनल, रेन वाटर,
हरर्वेस्टिंग और ट्रीटेड सीवेज वाॅटर
का इस्तेमाल किया जाएगा पर यह
सब कैसे होगा और इसके लिए
क्या-क्या करना पड़ेगा इस पर अभी
मंथन चलेगा और उसके बाद कहीं
क्रियान्वयन संभव होगा।
ज्योतिषीय विश्लेषण
जिन परिस्थितियों में अनुराग ठाकुर
इतने प्रभावशाली पद पर आसानी से
काबिज हो सके वह कोई चमत्कार
से कम नहीं इसलिए हर किसी की
यह जिज्ञासा है कि उनके जन्म दिन
पर ग्रहों की ऐसी क्या स्थिति थी कि
इतनी छोटी आयु में अनुराग इतनी
बुलंदियों पर पहुंच सके।
अनुराग की चंद्र कुंडली बहुत ही
बलवान है। चंद्रमा से दशम स्थान
बहुत शक्तिशाली है और बहुत सुंदर
व प्रभावशाली राजयोग बना रहा है।
केंद्र व त्रिकोण के स्वामी शुक्र
योगकारक ग्रह होकर दशम स्थान
केंद्र में अपनी राशि में त्रिकोण (भाग्य
भाव) के स्वामी बुध के साथ युति होने
से एक प्रभावशाली राजयोग बन रहा
है जिसके फलस्वरूप इनको जीवन
में छोटी उम्र से ही पद-प्रतिष्ठा, धन
व यश की प्राप्ति हुई।
नीच भंग राज योग: सूर्य दशम
भाव में नीच राशि पर है परंतु जिस
राशि में सूर्य नीच के हो रहे हैं उस
राशि का स्वामी शुक्र चंद्रमा से केंद्र
में है तथा जिस राशि में सूर्य उच्च
के होते हैं उस राशि का अधिपति
मंगल भी चंद्रमा से केंद्र में ही है।
यह एक पूर्ण शक्तिशाली प्रबल नीच
भंग राज योग बन रहा है। इसके
प्रभाव से अनुराग अपने जीवन में
छोटी उम्र में ही अनेक उपलब्धियां
हासिल करने में कामयाब रहे और
शीघ्रातिशीघ्र उच्चस्थ शिखर पर भी
पहुंच गये।
मालव्य योग: शुक्र के केंद्र में
अपनी मूल त्रिकोण राशि में होने से
यह योग बन रहा है। इस योग के
प्रभाव से इन्हें मनमोहक, आकर्षक,
प्रभावशाली व्यक्तित्व व उच्च सुख
सुविधाओं की प्राप्ति हो रही है।
चर राशि का चंद्रमा होने से अनुराग
तेज तर्रार प्रकृति के हैं तथा इनमें
शीघ्र निर्णय लेने की क्षमता भी
विद्यमान है।
पितृ स्थान (दशम भाव) शुभ होने
से इन्हें अपने पिता के द्वारा भी
समय-समय पर विशेष सहयोग व
लाभ प्राप्त हुआ।
एकादश भाव में राहु होने से इनकी
राजनीति में रूचि बढ़ी तथा इन्हें
अपने राजनीतिक जीवन में अच्छी
सफलता भी मिल रही है।
छठे भाव में शनि ग्रह के प्रभाव से
अनुराग के विरोधी इनका सामना
करने में असफल रहते हैं और इसी
कारण बी. सी. सी. आई में बड़े-बड़े
धुरंधरों के होते अनुराग का अध्यक्ष
पद पर निर्विवाद चुनाव हो गया।
द्वितीय स्थान पर बैठे बृहस्पति के
कारण अनुराग अपनी वाणी तथा
वाक्पटुता से सोशल मीडिया मंे भी
छाये रहते हैं और दशम स्थान में बैठे
मंगल कुलदीपक योग भी बना रहे
हैं। निःसंदेह अनुराग ने अपने कुल
की कीर्ति को भी आगे बढ़ाया है।
चतुर्ग्रही योग: चंद्रमा से केंद्र में
चार ग्रहों की युति रही हो तो जातक
ज्ञान और धन से संपन्न सर्वगुण
संपन्न राजा होता है।
राज योग: दशम भाव में सूर्य, बुध
व छठे भाव में पाप ग्रह हों तो जातक
अवश्य ही राजा होता है।
2 नवंबर 2014 से जन्मस्थ राहु
के ऊपर शनि का गोचर होने से
राजनीति में इनकी ख्याति शीघ्रता
से बढ़ी तथा चंद्रमा से अष्टम भाव
पर गुरु, राहु व शनि के संयुक्त
गोचरीय प्रभाव से इन्हें बी. सी. सीआई
का अध्यक्ष पद अचानक से
मिल गया क्योंकि अष्टम भाव का
सक्रिय होना अचानक लाभ करवाने
के लिए जाना जाता है। आगे भविष्य
में इनकी साढ़ेसाती आरंभ होने वाली
है जिसमें इन्हें और बड़े जिम्मेदारी
भरे व शक्तिशाली पद प्राप्त होने की
पूरी संभावनाएं बनी हुई हैं। राजनीति
के क्षेत्र में इस युवा नेता का भविष्य
उज्ज्वल है और ये राष्ट्र के प्रति
समर्पित छवि वाले नेता के रूप में
उभर कर निरंतर अपना योगदान
करते रहेंगे।