ग्रह स्थिति एवं व्यापार

ग्रह स्थिति एवं व्यापार  

जगदम्बा प्रसाद गौड
व्यूस : 4104 | मार्च 2006

मार्च मास में गोचर ग्रह परिवर्तनः इस मास में ग्रहों का राशि परिवर्तन इस प्रकार होगा: सूर्य ग्रह 14 मार्च को रात्रि 9 बजकर 50 मिनट पर मीन राशि में प्रवेश करेगा। बुध ग्रह 3 मार्च को प्रातः 2 बजे वक्री गति में आएगा और 4 मार्च को दोपहर 4 बजकर 25 मिनट पर अस्त होगा तथा वक्री गति की चाल चलते हुए 9 मार्च को दोपहर के 1 बजकर 19 मिनट पर कंुभ राशि में प्रवेश करेगा एवं 19 मार्च को प्रातः 7 बजे उदय होगा, 25 मार्च को शाम के 7 बजकर 15 मिनट पर मार्गी गति में आ जाएगा।

गुरु ग्रह 4 मार्च को रात्रि 11 बजकर 18 मिनट पर वक्री गति में आएगा। प्लूटो ग्रह 29 मार्च की शाम 6 बजकर 30 मिनट पर वक्री गति में आएगा। शेष ग्रह मंगल, शुक्र, शनि, राहु, केतु, यूरेनस व नेप्च्यून की स्थिति पूर्ववत ही रहेगी। गोचर फल विचार: मासारंभ वाले दिन अर्थात 1 मार्च को बुधवार है और इस मास में पांच बुधवार आएंगे। फलस्वरूप जनता जनार्दन के लिए सुख, समृद्धि, सुभिक्ष तथा धन-धान्य में वृद्धि कारक समय है।

यह मास बुद्धिजीवियों की प्रतिष्ठा को और भी बढ़ावा देगा। चल रहे बौद्धिक कार्यों में विशेष उन्नति होगी। नए आविष्कारों और अनुसंधानों में भी उच्चकोटि की सफलता प्राप्त होगी। अंतर्राष्ट्रीय व्यापारिक स्थितियों में भी सुधार आएगा। बुधस्य पंचवारश्चेज्जायते च निरंतरम्। प्रजानां, सुख मत्यंतं, सुभिक्षं च प्रजायते।’’ साथ ही इस मास में पांच गुरुवारों का भी आना पश्चिमी राष्ट्रों के लिए कष्टदायक है। यह वहां रोग और शोक को पुनः प्रज्ज्वलित करता है।

इन देशों में आंतरिक कलह और विध्वंसकारी कार्यों से जनमानस को पीड़ादायक है। यत्र मासे पंचवाराः जायते च बृहस्पति। विग्रह पश्चिमे देशे खड्ग युद्धं च जायते।’’ साथ ही इस मास में पांच शुक्रवार भी आएंगे जो सुखदायक, सुख-साधनों व भोग विलास के कार्यों में वृद्धि करते हैं। यह योग आम जनता को विलासमय जीवन की तरफ आकर्षित करता है तथा नारी जाति के प्रभुत्व को और बढ़ावा देता है।


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मासारंभ में 3 मार्च को बुध का और 4 मार्च को गुरु ग्रह का वक्री गति में आना दैनिक उपयोगी वस्तुओं में अत्यधिक मंहगाई लाता है तथा देश में कहीं विशेष दुर्घटना इत्यादि से जन, धन का नुकसान करता है। इस मास क पूर्व ही शनि ग्रह का वक्री गति में होना रोग, शोक तथा हिंसक तत्वों की वृद्धि लाता है। 14 मार्च को सूर्य का मीन राशि में आकर राहु से राशि संबंध बनाना राजनैतिक उथल-पुथल करता है, कहीं सत्ता परिवर्तन का भी योग बनाता है।

इस मास में मीन की संक्रंाति का मंगलवार, पूर्णिमा के दिन आना, यह योग दैनिक जीवन की उपयोगी वस्तुओं में अत्यधिक मंहगाई होने से जनता को संघर्ष करने पर मजबूर करता है। वक्री गति के शनि से सूर्य, राहु का नवपंचम योग में आना प्राकृतिक प्रकोपों से भी जन-धन का नुकसान करेगा। 25 मार्च को बुध का मार्गी गति में आना, 29 मार्च को प्लूटो ग्रह का वक्री गति में आना तथा इसी दिन सूर्य ग्रहण भारत में दृश्य होना देश में राजनैतिक समस्याओं को और भी बढ़ावा देता है, पड़ौसी देशों से चल रहे शांति के प्रयासों में विशेष अड़चन का योग बनाता है।

सोना एवं चांदी: मासारंभ के दिन अर्थात 1 मार्च को बुधवार के दिन द्वितीया तिथि को चंद्र दर्शन 45 मुहूर्ती में होना सोने व चांदी में मंदा ही दर्शाता है। 3 मार्च को बुध का वक्री गति में जाना चांदी में थोड़ी बहुत तेजी तो लाएगा लेकिन सोने के बाजार को पूर्व स्थिति में ही रखेगा। 4 मार्च को सूर्य का पूर्वाभाद्रपद में प्रवेश कर उत्तराषाढ़, पुनर्वसु व चित्रा नक्षत्रों को सर्वतोभद्र में वेध करना, यह योग सोने व चांदी के बाजार में तेजी का कारक है। इसी दिन बुध ग्रह का अस्त हो जाना तथा गुरु ग्रह का वक्री गति में आकर कृत्तिका नक्षत्र को वेध में लेना, यह योग चांदी में अधिक तेजी का कारक है।

9 मार्च को बुध का वक्री गति में कुंभ राशि में प्रवेश कर सूर्य के साथ पुनः राशिसंबंध बनाना भी चांदी में तेजी का कारक ही रहेगा। 10 मार्च को शुक्र का श्रवण नक्षत्र में प्रवेश कर कृत्तिका नक्षत्र को सम्मुख वेध में लेना चांदी के बाजार में कुछ बदलाव लाएगा अर्थात बाजार में मंदे का वातावरण बनाएगा। 14 मार्च को सूर्य का मीन राशि में प्रवेश कर राहु के साथ राशि संबंध बनाना तथा मंगलवार के दिन संक्रांति का 45 मुहूर्ती होना सोने में तो तेजी का कारक है लेकिन चांदी के बाजार को पूर्ववत ही मंदे के रुझान में रखेगा।

18 मार्च को सूर्य का उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में प्रवेश कर आद्र्रा, हस्त और पूर्वाषाढ़ नक्षत्रों को वेध में लेना भी चांदी में मंदा ही चलाता है। 19 मार्च को बुध ग्रह उदय होगा। क्योंकि बुध वक्री गति में है इसलिए बाजार में बदलाव देगा अर्थात चांदी में कुछ तेजी और सोने में कुछ मंदे का योग बनाएगा। 21 मार्च को बुध का शतभिषा नक्षत्र में पुनः प्रवेश होना तथा अभिजित नक्षत्र को फिर वेधना चांदी के बाजार की तेजी का े और बढ़ावा देगा। 22 मार्च को मंगल का मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश कर उत्तराषाढ़ नक्षत्र को वेध में लेना भी चांदी में पुनः तेजी का ही योग बनाता है।


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24 मार्च को शुक्र का धनिष्ठा नक्षत्र में आना तथा विशाखा नक्षत्र स्थित गुरु को वेधना सोने में तेजी का रुझान बनाएगा। 25 मार्च को बुध का मार्गी गति में आना, यह योग बाजार में चल रही लहर को और आगे धकेलेगा। 29 मार्च को बुध का पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में प्रवेश बाजार में कुछ मंदे का रुख बनाएगा। इसीदिन सूर्य ग्रहण और प्लूटो का वक्री गति में आना भी बाजार में अस्थिरता लेकिन मंदे का वातावरण बनाए रखेगा।

गुड़ व खांड: मासारंभ में 1 मार्च को बुधवार के दिन द्वितीया तिथि में चंद्र दर्शन होना गुड़ व खांड के बाजार में मंदे का ही कारक है। 3 मार्च को बुध का वक्री गति में आना गुड़ व खांड को तेजी के वातावरण में ले जाएगा। 4 मार्च को सूर्य द्वारा पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में आकर पुनर्वसु, चित्रा, उत्तराषाढ़ नक्षत्रों को वेध में लेना भी बाजारों में तेजी का ही कारक है। इसीदिन गुरु ग्रह का भी वक्री गति में आना गुड़ को तेजी की लहर में ले जाता है। 5 मार्च को बुध के अस्त होने पर बाजार में कुछ ठहराव आएगा।

9 मार्च को वक्री गति के बुध का कुंभ राशि में आकर सूर्य के साथ राशि संबंध बनाना, यह योग गुड़ व खांड मंे उतार-चढ़ाव अधिक करता हुआ बाजार में मंदे का ही वातावरण रखेगा, फिर भी व्यापारी बाजार की स्थिति को विशेष ध्यान में रखें। 10 मार्च को शुक्र का श्रवण नक्षत्र में प्रवेश कर कृत्तिका नक्षत्र को वेध में लेना खांड के बाजार में मंदा ही बनाता है। 14 मार्च को सूर्य का मीन राशि में आकर राहु के साथ राशि संबंध बनाना तथा मीन की संक्रांति मंगलवार को 45 मुहूर्ती होना, यह योग गुड़ व खांड को तेजी के रुझान में लेकर जाता है। 18 मार्च को सूर्य का उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में आकर आद्र्रा, हस्त व पूर्वाषाढ़ नक्षत्रों को वेध में लेना, यह योग गुड़ व खांड में तेजी ही लाता है।

19 मार्च को बुध का वक्री गति में उदय होना बाजार में कुछ बदलाव ला सकता है, फिर भी व्यापारी वर्तमान स्थिति को ध्यान में अधिक रखें। 21 मार्च को बुध का पुनः शतभिषा नक्षत्र में आना बाजार के चल रहे वातावरण को और बढ़ावा देगा। 22 मार्च को मंगल का मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश कर उत्तराषाढ़ नक्षत्र को वेधना बाजार की वर्तमान स्थिति में बदलाव जरूर देगा। 24 मार्च को शुक्र का धनिष्ठा में प्रवेश कर विशाखा नक्षत्र स्थित गुरु ग्रह को वेधना खांड व गुड़ के बाजार को मंदे की लहर में ले जाएगा।

25 मार्च को बुध का मार्गी गति में आना भी बाजार में कुछ तेजी लाकर फिर मंदे के रुझान में ले जाता है। 29 मार्च को बुध का पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में प्रवेश करना भी बाजार की चल रही लहर को आगे बढ़ाता है लेकिन इसी दिन ग्रहण का दृश्य होना बाजार में स्थिरता के साथ बदलाव भी दे सकता है। अतः वर्तमान स्थिति को विशेष ध्यान में रखें। अनाज व दालवान: मासारंभ वाले दिन 1 मार्च को बुधवार को चंद्र दर्शन का होना अनाजों व दालवान के बाजार में तेजी का सूचक है।

3 मार्च को बुध का वक्री गति में आना गेहूं, जौ, चना, ज्वार, बाजरा इत्यादि अनाजों को तेजी की ही तरफ ले जाएगा, दालवान में स्थिति पूर्ववत ही रखेगा। 4 मार्च को सूर्य का पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र पर आकर पुनर्वसु, चित्रा व उत्तराषाढ़ नक्षत्रों को वेध में लेना तथा इसी दिन बुध का अस्त होना व गुरु ग्रह का वक्री गति में आना, सभी योग गेहूं इत्यादि अनाजों में बदलाव देकर मंदे की तरफ ले जाने वाले हंै, दालवान में भी मंदे का ही रुझान बनाएंगे। 9 मार्च को बुध का वक्री गति में पुनः कुंभ राशि में प्रवेश कर सूर्य के साथ राशि संबंध बनाना, यह योग दालों में तो कुछ तेजी का वातावरण बनाएगा लेकिन अनाजों की स्थिति को पूर्ववत ही चलाएगा।


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10 मार्च को शुक्र का श्रवण नक्षत्र में आकर कृत्तिका नक्षत्र को वेध में लेना मूंग, उड़द, मौठ, अरहर, मसूर इत्यादि दालवान में मंदे की लहर चलाएगा। 14 मार्च को सूर्य का मीन राशि में आकर राहु के साथ राशि संबंध बनाना तथा इसी दिन मीन की संक्रांति का 45 मुहूर्ती मंगलवार के दिन होना, यह योग भी अनाजों के बाजार में तेजी ही दर्शाता है। दालवान को भी पूर्ववत तेजी के रुख में ही रखेगा। 18 मार्च को सूर्य का उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में आकर आद्र्रा, हस्त और पूर्वाषाढ़ नक्षत्र को वेध में लेना, अनाजों में और तेजी दर्शाता है। 19 मार्च को बुध का उदय होना बाजार में बदलाव लाएगा अर्थात अनाजों में तेजी के रुख को मंदे के माहौल में ले जाएगा।

21 मार्च को बुध का शतभिषा नक्षत्र में प्रवेश कर शनि स्थित पुष्य नक्षत्र को वेधना उड़द इत्यादि दालवानों में मंदे का वातावरण बनाएगा। 22 मार्च को मंगल का मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश कर चित्रा को वेध में लेना, यह योग अनाजों में तो तेजी का सूचक है पर दालवान में मंदा ही बनाता है। 24 मार्च को शुक्र का धनिष्ठा नक्षत्र में आकर विशाखा नक्षत्र स्थित गुरु को वेधना मूंग, मौठ, उड़द इत्यादि दालों तथा गेहूं, जौ, चना इत्यादि अनाजों को पुनः तेजी के रुझान में ले जाएगा।

25 मार्च को बुध का मार्गी होना भी दोनों बाजारों में तेजी ही रखता है। 29 मार्च को बुध के पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में आने पर अनाजों के बाजार में पूर्ववत मंदे की लहर आएगी। इसीदिन सूर्य ग्रहण का प्रभाव भी दालवान व अनाजों में मंदा ही दर्शाता है। तेल व घी: मासारंभ में 1 मार्च को चंद्रदर्शन का होना तेलों तथा घी के बाजार में तेजी का ही रुख दर्शाता है। 2 मार्च को बुध का वक्री गति में आना, यह योग भी तेलवान व तेलों के बाजार में तेजी का ही योग बनाए रखेगा। 4 मार्च को सूर्य का पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र पर आकर पुनर्वसु, चित्रा व उत्तराषाढ़ नक्षत्रों को वेध में लेना, यह योग तेल तथा घी के बाजार में पूर्व चल रही तेजी के वातावरण को और बढ़ावा देगा।

9 मार्च को वक्री गति का बुध सूर्य के साथ राशि संबंध बनाएगा, यह बाजार को अस्थिरता में रखते हुए तेजी के माहौल में ले जाता है। 10 मार्च को शुक्र का श्रवण नक्षत्र में आकर कृत्तिका को वेधना भी तेलों के बाजार में तेजी ही रखता है लेकिन घी के बाजार को मंदे की तरफ धकेलता है। 14 मार्च को सूर्य का मीन राशि में आकर राहु के साथ राशि संबंध बनाना तथा मीन की संक्रांति का 45 मुहूर्ती होना तेलों के बाजार में तेजीकारक है। 18 मार्च को सूर्य का उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में आना और आद्र्रा, हस्त व पूर्वाषाढ़ नक्षत्रों को वेधना भी तेलों के बाजार की तेजी बनाए रखते हैं।

19 मार्च को बुध का उदय होना घी के बाजार को तेजी की लहर में ले जाता है। 21 मार्च को बुध का शतभिषा नक्षत्र में प्रवेश कर पुष्य नक्षत्र स्थित शनि को वेध में ले लेना तेलों के बाजार में बदलाव देकर मंदे के वातावरण में ले जाएगा। 22 मार्च को मंगल का मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश तथा उत्तराषाढ़ नक्षत्र को वेध करना बाजार में मंदा ही दर्शाता है।

24 मार्च को शुक्र का धनिष्ठा नक्षत्र में प्रवेश कर विशाखा नक्षत्र स्थित गुरु को वेध में लेना घी में मंदे का सूचक है। 25 मार्च को बुध मार्गी गति में आकर तेलों में पुनः मंदे की लहर बनाएगा। यह घी के बाजार को और मंदे में ले जाने का योग है। 29 मार्च को बुध का पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में प्रवेश होना तथा इसी दिन सूर्य ग्रहण का भारत में दृश्य होना बाजार में मंदे का वातावरण बनाएगा।



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