ग्रह स्थिति एवं व्यापार

ग्रह स्थिति एवं व्यापार  

जगदम्बा प्रसाद गौड
व्यूस : 4096 | आगस्त 2006

गोचर ग्रह परिवर्तन: इस मास में ग्रहों का राशि परिवर्तन इस प्रकार होगा। सूर्य 17 अगस्त को प्रातः 5 बजे सिंह राशि में प्रवेश करेगा। मंगल ग्रह 29 अगस्त को रात्रि 11 बजकर 50 मिनट पर कन्या राशि में प्रवेश करेगा तथा 31 अगस्त को प्रातः 00 बजकर 42 मिनट पर अस्त होगा। बुध ग्रह 5 अगस्त को शाम के 4 बजकर 45 मिनट पर कर्क राशि में प्रवेश करेगा तथा 19 अगस्त को प्रातः 9 बजकर 50 मिनट पर अस्त होगा और 25 अगस्त को 00 बजकर 10 मिनट पर सिंह राशि में प्रवेश करेगा।

शुक्र 8 अगस्त को प्रातः 2 बजकर 45 मिनट पर कर्क राशि में प्रवेश करेगा। शनि 25 अगस्त को शाम के 5 बजे उदित होगा। शेष ग्रह गुरु, राहु, केतु, प्लूटो, नेप्च्यून और यूरेनस की स्थिति पूर्ववत ही रहेगी। गोचर फल विचार: मासारंभ वाले दिन अर्थात 1 अगस्त को मंगलवार है अगस्त-2006 जून-2006 और इस मास में पांच मंगलवार आएंगे। अशांति की सूचक है। यह योग कही हिंसक घटनाओं, उपद्रवों की ओर संकेत करता है तथा कहीं अग्निकांड जैसी घटनाओं से भी जन-धन की हानि कराता है।

वहीं कहीं राजनैतिक परिवर्तन जैसी घटनाएं भी करवाता है। ‘‘यंत्र मासे महीसूनो जापते पंचवासराः। रक्तेन पूरिता पृथ्वी छत्र भंगस्तक्ष भवेत।।’’ किंतु इस मास में पांच बुधवारों का भी आना उपर्युक्त सभी फलों में न्यूनता लाता है। यह योग बौद्धिक विकास के कार्यों में प्रगति का सूचक है और बुद्धिजीवियों के लिए शुभता का प्रतीक है ‘‘बुधस्य पंचवाराश्चेज्जापते च निरन्तरम्। प्रजानां सुखमत्यन्तं सुभिक्ष च प्रजायते।’’ साथ ही इस मास में पाचं गुरुवारों का आना पश्चिमी देशों के लिए नेष्ट फलदायक है।

फलस्वरूप पश्चिमी राष्ट्रों में युद्ध आदि के भय से लोग पीड़ित हो सकते हंै। ‘यत्र मासे पंचवारा: जायन्ते च बृहस्पतिः। विग्रह पश्चिमे देश खड्ग युद्धं च जायते।।’ मासारंभ में 5 अगस्त को बुध का और 7 अगस्त को शुक्र का कर्क राशि में प्रवेश कर सूर्य व शनि के साथ राशि संबंध बनाना हिंसक एवं विस्फोटक घटनाओं का सूचक है। इस योग के फलस्वरूप कहीं भारी वर्षा या बाढ़ और कहीं भयंकर सूखे से खड़ी फसलों को नुकसान पहुंच सकता है। 16 अगस्त को सूर्य का सिंह राशि में प्रवेश कर मंगल के साथ युति बनाना अग्निकांड, तूफान इत्यादि प्राकृतिक प्रकोपों का सूचक है।


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यह योग पश्चिमी देशों में गृह युद्ध और जन मानस में अशांति उत्पन्न कर सकता है। 22 अगस्त को बुध सिंह राशि में प्रवेश करेगा तथा 25 अगस्त को शनि का उदय होगा। दोनों ग्रहों की इस स्थिति के फलस्वरूप महंगाई अत्यधिक बढ़ेगी जिससे जनता में रोष उत्पन्न हो सकता और वह सत्ता के विरुद्ध बगावत कर सकती है। 29 अगस्त को कन्या राशि में मंगल और केतु का योग देश की सीमाओं पर युद्ध की स्थिति उत्पन्न कर सकता है।

सोना व चांदी: मासारंभ वाले दिन मंगलवार का होना सोने चांदी में तेजी दर्शाता है। 3 अगस्त को सूर्य का अश्लेषा नक्षत्र में प्रवेश कर मघा नक्षत्र स्थित मंगल तथा अनुराधा व धनिष्ठा नक्षत्रों को वेधना भी सोने में चल रही तेजी को बढ़ाएगा। इसी दिन मंगल का पू.फा. नक्षत्र में प्रवेश चांदी के बाजार में तेजी का संकेत देता है। 5 अगस्त को बुध का कर्क राशि में प्रवेश कर सूर्य व शनि के साथ राशि संबंध बाजार में कुछ मंदे का रुख बनाएगा। 7 अगस्त को शुक्र का भी कर्क राशि में प्रवेश सोने में मंदे का संकेत देता है।

चांदी में कुछ तेजी आ सकती है। 8 अगस्त को बुध का पुष्य नक्षत्र में प्रवेश कर ज्येष्ठा नक्षत्र को वेधना तथा इसी दिन गुरु ग्रह का भी स्वाति नक्षत्र के चैथे पद में आ जाना सोने व चांदी के बाजार में बदलाव देकर मंदे की ओर ले जाएगा। 10 अगस्त को शुक्र का पुष्य नक्षत्र में प्रवेश कर ज्येष्ठा नक्षत्र को वेधना तथा बुध ग्रह का पहले से ही इसी नक्षत्र में होना बाजार में मंदे का संकेत देता है। 16 अगस्त को सूर्य का सिंह राशि में प्रवेश कर मंगल के साथ राशि संबंध बनाना और भाद्रपद की संक्रांति का 45 मुहूर्ती होना आदि बाजार में पुनः तेजी का रुझान बनाएंगे।

17 अगस्त को बुध का आश्लेषा नक्षत्र में प्रवेश कर अनुराधा नक्षत्र को वेधना सोने में तेजी का संकेत है। 19 अगस्त को बुध ग्रह अस्त होगा जो बाजार में ठहराव पैदा करेगा। 21 अगस्त को शुक्र अश्लेषा में प्रवेश कर अनुराधा नक्षत्र को वेधेगा। बुध पूर्व से ही इस नक्षत्र को वेध रहा है। ये दोनों ग्रह चांदी में मंदे का ही योग दर्शाते हैं। 24 अगस्त को बुध का मघा नक्षत्र तथा सिंह राशि में प्रवेश कर सूर्य व मंगल के साथ राशि संबंध बनाना तथा श्रवण नक्षत्र को वेधना आदि सोने व चांदी में पुनः तेजी का संकेत देते हंै।

इसी दिन मंगल भी उ.फा. नक्षत्र में प्रवेश कर रेवती नक्षत्र को वेधेगा जो तेजी का ही द्योतक है। 25 अगस्त को शनि ग्रह का उदय होगा। इसी दिन चंद्र दर्शन भी है जो बाजार में अधिक उतार-चढ़ाव बताता है। 29 अगस्त को मंगल का कन्या राशि में प्रवेश कर केतु के साथ संबंध बनाना चांदी में तेजी का संकेत देता है।

30 अगस्त को सूर्य का पू.फानक्षत्र में प्रवेश कर अश्विनी व पुष्य नक्षत्रों को वेधना बाजार में मंदी का वातावरण पैदा कर देगा। गुड़ व खांड: मासारंभ वाले दिन मंगलवार का आना गुड़ व खांड के बाजार में तेजी का सूचक है। 3 अगस्त को सूर्य का अश्लेषा नक्षत्र में प्रवेश कर मघा, अनुराधा व धनिष्ठा नक्षत्रों को एक साथ वेधना तथा इसी दिन मंगल का पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में आकर अश्विनी नक्षत्र को वेधना गुड़ व खांड़ के बाजार में तेजी दर्शाता है। 5 अगस्त को बुध का कर्क राशि में प्रवेश कर सूर्य व शनि के साथ राशि संबंध बनाना बाजार की चल रही तेजी को बदलाव की तरफ ले जाएगा।

7 अगस्त को शुक्र का कर्क राशि में प्रवेश होकर सूर्य, बुध व शनि के साथ मिलकर चतुर्ग्रही योग बनाना गुड़, खांड व रसकर में पुनः तेजी का रुझान बनाएगा। 8 अगस्त को बुध का पुष्य नक्षत्र में प्रवेश कर पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र को वेध में लेना (वहां मंगल ग्रह भी स्थित है) गुड़ में मंदे का माहौल बनाएगा। इसी दिन गुरु ग्रह का भी स्वाति नक्षत्र के चैथे चरण में आना खांड में कुछ मंदा लाएगा।


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10 अगस्त को शुक्र पुष्य नक्षत्र में प्रवेश कर ज्येष्ठा नक्षत्र को तथा राहु ग्रह पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में प्रवेश कर पुनर्वसु, चित्रा व उत्तराषाढ़ा नक्षत्र को वेधेगा। यह योग गुड़ व खांड के बाजार में मंदे का वातावरण बनाएगा। 16 अगस्त को सूर्य सिंह राशि में प्रवेश कर मंगल के साथ राशि संबंध बनाएगा। इसी दिन भाद्रपद मास की संक्रांति भी 45 मुहूर्ती है। यह योग बाजार में तेजी की सूचक है। 17 अगस्त को बुध ग्रह अश्लेषा नक्षत्र में प्रवेश कर मघा नक्षत्र को वेधेगा। यह भी बाजार में मंदे के महौल का ही सूचक है।

19 अगस्त को बुध ग्रह अस्त होगा जिससे बाजार में उतार-चढ़ाव बना रहेगा। 21 अगस्त को शुक्र का अश्लेषा नक्षत्र में प्रवेश कर अनुराधा नक्षत्र को वेधना बाजार में बदलाव दे सकता है। 24 अगस्त को मंगल का उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में प्रवेश होकर रेवती नक्षत्र को वेधना तथा इसी दिन बुध का भी सिंह राशि में प्रवेश करना दोनों बाजार में तेजी के सूचक है। 25 अगस्त को शनि का उदय होना भी बाजार की तेजी में वृद्धिकारक है। 26 अगस्त को शनि ग्रह अश्लेषा नक्षत्र में अपना पाद बदलेगा।

यह योग बाजार में कुछ बदलाव ला सकता है। 29 अगस्त को मंगल का कन्या राशि मंे प्रवेश कर केतु के साथ राशि संबंध बनाना बाजार में तेजी ही चलाएगा। 30 अगस्त को सूर्य का पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में आकर पुष्य व अश्विनी का वेध में लेना बाजार की तेजी को पूर्ववत बनाए रखेगा। अनाज व दालवान: मंगलवार को मासारंभ होना अनाजों में तेजी का कारक है। 3 अगस्त को सूर्य का अश्लेषा नक्षत्र में आकर अनुराधा, मघा व धनिष्ठा को वेधना गेहूं, जौ, चना, ज्वार, चावल इत्यादि अनाजों में तेजी लाएगा। दालवान के बाजार में कुछ तेजी का वातावरण छोड़ेगा।

5 अगस्त को बुध का कर्क में आकर सूर्य व शनि के साथ राशि संबंध बनाना अनाजों में कुछ मंदे का माहौल उत्पन्न करेगा। दालवान में यह योग तेजी की लहर बनाए रखेगा। 7 अगस्त को शुक्र कर्क राशि में आकर सूर्य, बुध व शनि के साथ चतुग्र्रही योग बनाएगा। यह योग अनाजों में तथा मूंग, मोठ, मसूर, अरहर इत्यादि दालवानों में तेजी का रुझान ही रखेगा। 8 अगस्त को बुध का पुष्य नक्षत्र में आना तथा पूर्वाफाल्गुन नक्षत्र को वेधना यह योग जौ, ज्वार, चना इत्यादि अनाजों में बदलाव देकर मंदे की लहर में ले जाएगा। इसी दिन गुरु का स्वाति नक्षत्र के चैथे पाद पर आना मूंग, मोठ, उड़द इत्यादि दालवानों को तेजी की तरफ ले जाने वाला योग है।

10 अगस्त को शुक्र ग्रह पुष्य नक्षत्र में आकर ज्येष्ठा नक्षत्र को वेध में लेगा जो अनाजों में मंदे का कारक है। 16 अगस्त को सूर्य सिंह राशि में प्रवेश कर मंगल के साथ राशि संबंध बनाएगा तथा भरणी, अश्लेषा और श्रवण नक्षत्रों को भी वेधेगा। इसी दिन भाद्रपद मास की संक्रांति 45 मुहूर्ती है। ये सभी योग अनाजों व दालवान में पुनः तेजी का वातावरण बनाएंगे। 17 अगस्त को बुध का अश्लेषा नक्षत्र में आकर मघा नक्षत्र को वेधना बाजार की पूर्व तेजी को और बढ़ाएगा। 19 अगस्त को बुध ग्रह अस्त होगा।

जो बाजार के रुख में बदलाव लाएगा। 21 अगस्त को शुक्र अश्लेषा नक्षत्र में प्रवेश कर अनुराधा नक्षत्र को वेधेगा। यह योग गेहूं, जौ, ज्वार, चावल इत्यादि अनाजों में मंदा लाता है। 24 अगस्त को बुध सिंह राशि में प्रवेश कर सूर्य व मंगल के साथ राशि संबंध बनाएगा। इसी दिन मंगल भी उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में प्रवेश कर रेवती को वेधने लगेगा। यह योग अनाजों में तेजी का सूचक है। 25 अगस्त को शनि ग्रह उदय हो रहा है और इसीदिन चंद्र दर्शन भी है जो मंदे का कारक है।

29 अगस्त को मंगल ग्रह कन्या राशि में प्रवेश कर केतु के साथ संबंध बनाएगा तथा शनि से पूर्ण दृष्टित होगा जो बाजारों को पुनः तेजी की लहर में ले जाएगा। 30 अगस्त को सूर्य का पूर्वाफाल्गुन नक्षत्र में आकर पुष्य व अश्विनी नक्षत्र को वेधना गेहूं, जौ इत्यादि अनाजों तथा मूंग, मौठ, उड़द, इत्यादि दालवान में तेजी का कारक है। घी व तेलवान: मासारंभ में 3 अगस्त को सूर्य का आश्लेषा नक्षत्र में प्रवेश तथा मंगल का पूर्वाफाल्गुन नक्षत्र में प्रवेश कर अश्विनी नक्षत्र को वेधना ये दोनों योग तेलों, तेलवानों तथा घी के बाजार में तेजी का सूचक है।


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5 अगस्त को बुध का कर्क राशि में आकर सूर्य व शनि के साथ राशि संबंध स्थापित करना तेलों को मंदे के वातावरण की तरफ ले जाएगा। 7 अगस्त को शुक्र का कर्क राशि में प्रवेश कर सूर्य, बुध व शनि के साथ मिलकर चतुग्र्रही योग बनाना तेल व तेलवानों के बाजार में मंदे संकेत करता है। घी में भी मंदे की संभावना है 8 अगस्त को बुध का पुष्य नक्षत्र में प्रवेश कर पूर्वाफाल्गुन नक्षत्र को वेध में लेना तेलों में मंदे का सूचक है। इसी दिन गुरु का स्वाति नक्षत्र के चैथे पाद में प्रवेश होगा। यह योग मंदे की तरफ ही संकेत करता है।

10 अगस्त को शुक्र भी पुष्य नक्षत्र में प्रवेश कर जाएगा तथा ज्येष्ठा नक्षत्र को वेधने लगेगा। इसी दिन राहु भी पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में प्रवेश कर रहा है जो पुनर्वसु, चित्रा व उत्तराषाढ़ा नक्षत्रों को वेधने लगेगा। ये योग तेलों व घी में मंदा ही दर्शाते हैं। 16 अगस्त को सूर्य का सिंह राशि में प्रवेश कर मंगल के साथ राशि संबंध बनाना तथा इसी दिन भाद्रपद मास की संक्राति का 45 मुहूर्ती होना ये दोनों योग तेलों व घी के बाजार में कुछ तेजी लाने वाले हंै।

17 अगस्त को बुध ग्रह का आश्लेषा नक्षत्र में प्रवेश कर मघा नक्षत्र को वेधना भी बाजार में तेजी के रुख को बढ़ाए रखेगा। लेकिन 19 अगस्त को बुध का अस्त होना घी की चल रही तेजी को कम कर मंदे की तरफ ले जाएगा। 21 अगस्त को शुक्र का आश्लेषा नक्षत्र में प्रवेश कर अनुराधा नक्षत्र को वेधना बाजार में पुनः मंदे का संकेत देता है। घी में मंदे की लहर बरकरार रहेगी। 24 अगस्त को बुध ग्रह सिंह राशि में प्रवेश कर सूर्य व मंगल के साथ संबंध बना रहा है जो तेलों में पुनः तेजी का सूचक है।

लेकिन इसी दिन मंगल का उत्तराफाल्गुन नक्षत्र में प्रवेश कर रेवती नक्षत्र को वेधना घी में मंदा दर्शाता है। 25 अगस्त को शनि का उदय होना तथा इसी दिन चंद्र दर्शन होना ये दोनों तेलों की चल रही तेजी को मंदे के माहौल में ले जाएंगे। घी का बाजार पूर्ववत मंदा ही रहेगा। 29 अगस्त की मंगल का कन्या राशि में प्रवेश कर केतु के साथ राशि संबंध बनाना व शनि से पूर्ण दृष्टित होना तेलों के बाजार के पुनः तेजी का संकेत देता है।

30 अगस्त को सूर्य का पूर्वाफाल्गुन में आकर अश्विनी नक्षत्र को वेधना भी तेलों व घी के बाजार में तेजी दर्शाता है। उपर्युक्त फलादेश पूरी तरह ग्रह स्थिति पर आधारित है। पाठकों का बेहतर मार्गदर्शन ही इसका मुख्य उद्देश्य है। कोई निर्णय लेने से पहले निवेशक को उन अन्य संभावित कारणों पर भी ध्यान देना चाहिए, जो बाजार को प्रभावित करते हैं। कृपया याद रखें कि व्यापारी की सट्टे की प्रवृत्ति और निर्णय लेने की शक्ति में कमी तथा भाग्यहीनता के कारण होने वाले नुकसान के लिए लेखक, संपादक एवं प्रकाशक जिम्मेवार नहीं हैं।



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