क्यों?

अनादि काल से ही हिंदू धर्म में अनेक प्रकार की मान्यताओं का समावेश रहा है। विचारों की प्रखरता एवं विद्वानों के निरंतर चिंतन से मान्यताओं व आस्थाओं में भी परिवर्तन हुआ। क्या इन मान्यताओं व आस्थाओं का कुछ वैज्ञानिक आधार भी है? यह प्र... और पढ़ें

फ़रवरी 2014

व्यूस: 6251

आठवें भाव में शनि,राहु एवं केतु का फल एवं उपाय

शनि आठवें घर पर शनि का पूरा प्रभाव होता है। तांत्रिक परम्परा में शनि को आध्यात्मिक प्राप्ति का बहुत बड़ा कारक माना गया है। शनि को अंधेरे का कारक माना जाता है। कहा जाता है कि दमयन्ती के आठवें घर में शनि था। उसका पति राजा नल, राजा स... और पढ़ें

जनवरी 2014

व्यूस: 33147

क्यों?

हिंदू मान्यताओं का वैज्ञानिक आधार अनादि काल से ही हिंदू धर्म में अनेक प्रकार की मान्यताओं का समावेश रहा है। विचारों की प्रखरता एवं विद्वानों के निरंतर चिंतन से मान्यताओं व आस्थाओं में भी परिवर्तन हुआ। क्या इन मान्यताओं व आस्थाओं क... और पढ़ें

जनवरी 2014

व्यूस: 6144

क्यों?

हिंदू मान्यताओं का वैज्ञानिक आधार अनादि काल से ही हिंदू धर्म में अनेक प्रकार की मान्यताओं का समावेश रहा है। विचारों की प्रखरता एवं विद्वानों के निरंतर चिंतन से मान्यताओं व आस्थाओं में भी परिवर्तन हुआ। क्या इन मान्यताओं व आस्थाओं क... और पढ़ें

नवेम्बर 2013

व्यूस: 6801

मां के नौ स्वरूप

शैलपुत्री: पर्वतराज हिमालय की कन्या शैलपुत्री प्रथम दुर्गा कहलाती हैं। यह पूर्वजन्म में प्रजापति दक्ष की बेटी तथा शिव की अर्धांगिनी थीं। सब देवताओं ने इनकी स्तुति करते हुए कहा कि देवी आप सर्वशक्ति, आदि शक्ति हैं। आप ही की शक्ति के... और पढ़ें

अकतूबर 2013

व्यूस: 6501

दीपावली की ऊर्जा में अपने सपने साकार करें

दीपावली में धन देवी को प्रसन्न करने के लिए हम उनकी पूजा-अर्चना विधि-विधान से अक्रते है और ध्यान रखते है की कोई गलती न हो जायें। हमारा सारा ध्यान ठीक ढंग से पूजा करने में लगा रहता है। ... और पढ़ें

नवेम्बर 2012

व्यूस: 5578

पितृ दोष : कारण-निवारण लाल किताब के आईने से

पितृ ऋण की जब बात करते है, तो एक ही बात मस्तिष्क में आती है की हमसे पूर्व की पीढ़ी के किसी व्यक्ति ने ऐसा कुछ जिसका खराब परिणाम हमें जीवन में देखने को मिलाता हैं। इस विषय पर खूब चिंतन-मनन, अनुभव और विचार करने पर पाया की अपने सहित ... और पढ़ें

सितम्बर 2012

व्यूस: 10517

प्रेतात्माओं के शरीर ईथरिक  व् एस्ट्रल ऊर्जा से निर्मित होते हैं।

भारतीय संस्कृति के अनुसार प्रेत योनि के समकक्ष एक और योनि है जो एक प्रकार से प्रेत योनि ही है लेकिन प्रेत योनि से थोडा विशिष्ट होने के कारण उसे प्रेत योनि न कहकर पितृ योनि कहते हैं। प्रेतलोक के प्रथम दो स्तरों की मृतात्माएं पितृ य... और पढ़ें

सितम्बर 2012

व्यूस: 6822

संतान सुख

अपने वंश को आगे बढाने की इच्छा प्रत्येक मानव के मन में विद्यमान रहती हैं। और इसके लिए वे सतत प्रयत्नशील भी रहते हैं। भारतीय संस्कृति में विवाह संस्कार के मूल में ही यही भावना निहित हैं। जैसे की सम्बंधित शास्त्रों में विस्तार से बत... और पढ़ें

जून 2012

व्यूस: 13179

हस्ताक्षर द्वारा व्यक्ति की पहचान

दुनिया में दो ही चीजे किन्ही तो व्यक्तियों को एक जैसी नहीं हो सकती। पहली, हाथ की लकीरें व् दूसरी उसकी लिखावट। व्यक्ति की लिखावट उसकी अपनी असलियत हैं। यदि हस्ताक्षर स्पष्ट हो तथा उनसे हस्ताक्षर करने वाले व्यक्ति का पूरा नाम पता चलत... और पढ़ें

जून 2012

व्यूस: 6706

सूर्य पर शुक्र बिंब के अतिक्रमण का दुर्लभ खगोलीय नजारा

शुक्र पृथ्वी एवं सूर्य के बिच एक वर्ष में 5 बार अलग अलग बिन्दुओं पर आता हैं। और 8 वर्ष के पश्चात पुन: नया चक्र प्रथम बिंदु से आरम्भ हो जाता हैं. पृथ्वी से यह नजारा शुक्र एवं सूर्य के मध्य पांच बिन्दुओं में से किसी एक बिंदु पर सौ व... और पढ़ें

जून 2012

व्यूस: 6796

अक्षय तृतीया इतनी अधिक महत्वपूर्ण क्यों हैं.

अक्षय तृतीया का हिन्दू संस्कृति में बड़ा महत्व हैं. यह पर्व वैशाख मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता हैं. इस दिन किये जाने वाले शुभ कार्य का फल अक्षय होता हैं. इस दिन दिए जाने वाले दान का भी बहुत महत्व हैं. ऐसा माना जाता ह... और पढ़ें

मई 2012

व्यूस: 11875

Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business

लोकप्रिय विषय

करियर बाल-बच्चे चाइनीज ज्योतिष दशा वर्ग कुंडलियाँ दिवाली डऊसिंग सपने शिक्षा वशीकरण शत्रु यश पर्व/व्रत फेंगशुई एवं वास्तु टैरो रत्न सुख गृह वास्तु प्रश्न कुंडली कुंडली व्याख्या कुंडली मिलान घर जैमिनी ज्योतिष कृष्णामूर्ति ज्योतिष लाल किताब भूमि चयन कानूनी समस्याएं प्रेम सम्बन्ध मंत्र विवाह आकाशीय गणित चिकित्सा ज्योतिष Medicine विविध ग्रह पर्वत व रेखाएं मुहूर्त मेदनीय ज्योतिष नक्षत्र नवरात्रि व्यवसायिक सुधार शकुन पंच पक्षी पंचांग मुखाकृति विज्ञान ग्रह प्राणिक हीलिंग भविष्यवाणी तकनीक हस्तरेखा सिद्धान्त व्यवसाय पूजा राहु आराधना रमल शास्त्र रेकी रूद्राक्ष श्राद्ध हस्ताक्षर विश्लेषण सॉफ्टवेयर सफलता मन्दिर एवं तीर्थ स्थल टोटके गोचर यात्रा वास्तु परामर्श वास्तु दोष निवारण वास्तु पुरुष एवं दिशाएं वास्तु के सुझाव स्वर सुधार/हकलाना संपत्ति यंत्र राशि
और टैग (+)