राहू कि महादशा में नवग्रहों कि अंतर्दशाओं का फल एवं उपाय अशोक शर्माराहू मूलत: छाया ग्रह है, फिर भी उसे एक पूर्ण ग्रह के समान ही माना जाता है। यह आर्द्रा, स्वाति एवं शतभिषा नक्षत्र का स्वामी है। राहू कि दृष्टि कुंडली के पंचम, सप्तम और नवम भाव पर पड़ती है। जिन भावों पर राहू कि दृष्टि का प्रभाव पडता ... और पढ़ेंज्योतिषउपायग्रहहस्तरेखा सिद्धान्तआगस्त 2008व्यूस: 280044
राहु की विभिन्न ग्रहों के साथ युति फल रश्मि चैधरीज्योतिष शास्त्र में सात मुख्य ग्रहों और दो छाया ग्रहों को सर्वसम्मति से मान्यता प्राप्त है। राहु केतु छाया ग्रह हैं। छाया ग्रह होते हुये भी राहु की फलादेश में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। कोई भी ग्रह जब कुंडली में राहु ... और पढ़ेंज्योतिषग्रहजुलाई 2014व्यूस: 197167
गर्भ रक्षा एवं श्रेष्ठ संतान प्राप्ति के योग सूत्र एवं उपाय सुनील जोशी जुन्नकरपुरुष के वीर्य और स्त्री के रज से मन सहित जीव (जीवात्मा) का संयोग जिस समय होता है उसे गर्भाधान काल कहते हैं। गर्भाधान का संयोग (काल) कब आता है ? इसे ज्योतिष शास्त्र बखूबी बता रहा है। चरक संहिता के अनुसार - आकाश, वायु, अग्नि, जल और... और पढ़ेंज्योतिषउपायबाल-बच्चेघरमुहूर्तग्रहजनवरी 2012व्यूस: 163686
राहु का प्रभाव सुरेंद्र कुमार शर्माब्रह्मांड में स्थित नव-ग्रहों में से प्रमुख सात ग्रहों (सूर्य, चन्द्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, तथा शनि) को छोड़कर शेष दो छाया ग्रहों (राहु-केतु) में राहु का विशेष स्थान है। हालांकि इन छाया ग्रहों का कहीं भौतिक अस्तित्व नहीं ह... और पढ़ेंज्योतिषघरग्रहअप्रैल 2015व्यूस: 78753
कुंडली में कारक, अकारक और मारक ग्रह सीताराम सिंहग्रहों को नैसर्गिक ग्रह विचार रूप से शुभ और अशुभ श्रेणी में विभाजित किया गया है। बृहस्पति, शुक्र, पक्षबली चंद्रमा और शुभ प्रभावी बुध शुभ ग्रह माने गये हैं और शनि, मंगल, राहु व केतु अशुभ माने गये हैं। सूर्य ग्रहों का राजा है ... और पढ़ेंज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषणग्रहभविष्यवाणी तकनीकजनवरी 2015व्यूस: 77772
कुंडली विश्लेषण के कुछ महत्वपूर्ण नियम आभा बंसलकुंडली का विश्लेषण करते हुए कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों जैसे- सभी ग्रहों की स्थिति, डिग्री, दृष्टि, गति, नवांश और चलित की स्थिति आदि को अवश्य ही ध्यान में रखना चाहिए और उन्हीं के अनुसार भविष्यकथन करना चाहिए। इन सभी पहलुओं को देख कर अगर ... और पढ़ेंज्योतिषज्योतिषीय योगकुंडली व्याख्याघरग्रहभविष्यवाणी तकनीकअकतूबर 2010व्यूस: 56344
ग्रह शांति की विधियां रुचि थापरप्रस्तुत लेख में ग्रहों की शांति के लिए कुछ सरल व अचूक उपाय प्रस्तुत है-जिनमें लाल किताब व ऋषि पाराशर प्रणीत ज्योतिष शास्त्र के उपाय सम्मिलित हैं।... और पढ़ेंज्योतिषउपायग्रहभविष्यवाणी तकनीकराशिसितम्बर 2010व्यूस: 51965
वक्री गुरु का प्रभाव श्वेता ओबरायवक्री ग्रहों के संबंध में ज्योतिष प्रकाशतत्व में कहा गया है कि-“क्रूरा वक्रा महाक्रूराः सौम्या वक्रा महाशुभा।।” अर्थात क्रूर ग्रह वक्री होने पर अतिक्रूर फल देते हैं तथा सौम्य ग्रह वक्री होने पर अति शुभफल देते हैं।... और पढ़ेंज्योतिषग्रहभविष्यवाणी तकनीकअप्रैल 2015व्यूस: 51578
शनि दोष शांति उपाय अंकुर नागौरीमंगलवार को वानरों को गुड़ चना खिलाना/ हनुमान चालीसा शनि उपाय हेतु रामबाण औषधि है। हनुमान मंदिर में जाकर हनुमान चालीसा पढने से चमत्कारिक फल मिलता है... और पढ़ेंज्योतिषउपायग्रहनवेम्बर 2011व्यूस: 50911
बारहवें भाव में शनि, राहु एवं केतु का फल एवं उपाय रंजू नारंगबारहवां घर खुले आकाश का, व्यय का तथा मोक्ष का भाव है। शनि बारहवें घर का शनि व्यक्ति को असाधारण बनाता है, वह नेक भी हो सकता है बद भी। इस घर के शनि वाला व्यक्ति बिना किसी खास कारण के अपने को संतुष्ट महसूस नहीं करता। शनि व्यक्तिगत वि... और पढ़ेंज्योतिषउपायग्रहअप्रैल 2014व्यूस: 48686