रत्नों को धारण करने से पहले जान लें ये 12 जरूरी बातें फ्यूचर समाचाररत्न विज्ञान में प्रत्येक रत्न के धारण करने के लिए एक निश्चित माप तय किया गया है। अतः निश्चित माप का रत्न धारण करना ही लाभप्रद होता है उससे कम या अधिक का नहीं। रत्नों का नकारात्मक प्रभाव भी होता है।... और पढ़ेंज्योतिषरत्नजून 2021व्यूस: 3721
कैसे करें गोमेद रत्न की पहचान पुरु अग्रवालज्योतिष में गोमेद राहु का रत्न माना गया है। इसे धारण करने से राहु तो बलवान होता ही है साथ ही काल सर्प दोष, नजर दोष एवं टोटके आदि से बचाव भी होता है। यह रत्न कुछ रुपए रत्ती से लेकर कुछ हजार रुपए रत्ती तक मिलता है।... और पढ़ेंज्योतिषरत्नमार्च 2006व्यूस: 4693
रत्नों का प्रयोग फ्यूचर पाॅइन्टज्योतिर्विदों ने अपने अनुसंधानों के द्वारा प्रत्येक ग्रहों से संबंधित रंगों व अनुकूलताओं के आधार पर उन रत्नों की खोज की जिन्हें धारण करके हम किसी भी ग्रह से उत्पन्न दोषों का निवारण कर अपने भविष्य को उज्ज्वल बना सकते हैं।... और पढ़ेंज्योतिषउपायरत्नसुखसंपत्तिसितम्बर 2010व्यूस: 5102
रत्नों का ज्योतिषीय एवं वैज्ञानिक आधार फ्यूचर पाॅइन्टरत्नों के प्रयोग से ज्योतिषीय उपाय के वैज्ञानिक आधार को स्पष्ट करने के लिए यह समझना अति आवश्यक है कि मानव शरीर मात्र एक भौतिक रूप नहीं है।... और पढ़ेंज्योतिषउपायरत्ननक्षत्रसफलताराशिजून 2010व्यूस: 3643
विभिन्न लग्नों में रत्न चयन नरेश चंद्र व्यासलग्न व्यक्तित्व का द्योतक है। मेषादि बारह लग्नों में अलग-अलग रत्न चयन या धारण करने का महत्व है। दशा-अंतर्दशा अथवा गोचर में कुछ समय के लिए रत्न धारण कर सकते हैं, लेकिन मुख्यतया लग्नेश, पंचमेश एवं भाग्येश के रत्न धारण करने से... और पढ़ेंज्योतिषरत्नफ़रवरी 2006व्यूस: 4625
रत्नों से सुख का सृजन हरिश्चंद्र प्रसाद आर्यरत्नों का प्रयोग हजारों साल से होता आ रहा है। ग्रहों के दोष निवारण में इनकी भूमिका असंदिग्ध है। आज विश्व के चप्पे-चप्पे में लोग इससे परिचित हो गये हैं कि रत्नों से ग्रह-दोषों का शमन होता है, परिस्थितियां अनुकूल हो जाती हंै।... और पढ़ेंज्योतिषउपायरत्नभविष्यवाणी तकनीकजुलाई 2016व्यूस: 3763
नव रत्न - एक अवलोकन फ्यूचर पाॅइन्टकर्म आदि से निवृत्ति होकर कच्चे दूध और गंगाजल से अंगूठी को धोकर निम्नलिखित मंत्र के उच्चारण के साथ धारण करनी चाहिए- ‘‘ ऊँ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः’’ पुखराज पुखराज पीले, लाल तथा सफेद रंग में भी पाया जाता है। असली पुखर... और पढ़ेंज्योतिषउपायज्योतिषीय विश्लेषणरत्नजुलाई 2016व्यूस: 3953
उपरत्न - नाम, रंग परिचय फ्यूचर पाॅइन्ट1. आबरी: (काला रंग) 2. अह्वा: (गुलाबी रंग) 3. आलेमानी (अकीक जैसा भूरा, काली धारियां) 4. ओपल: (सफेद रंग, रंग बिरंगे चकत्ते) 5. अकीक: (विभिन्न रंग) 6. एलेक्जेंडर (जामुनी रंग, नीलम का उपरत्न)... और पढ़ेंज्योतिषउपायरत्नभविष्यवाणी तकनीकजुलाई 2016व्यूस: 4216
ज्ञान विद्या प्रदायक सरस्वती लाॅकेट फ्यूचर पाॅइन्टज्योतिषीय दृष्टिकोण से सरस्वती यंत्र का लाॅकेट बहुत महत्वपूर्ण, प्रभावशाली एवं कल्याणकारी है। कलयुग के श्री सरस्वती ही हैं। जहां गति अवरोध होता है वही अंधकार और संकोच आ जाते हैं।... और पढ़ेंउपायशिक्षारत्नसुखमंत्रविविधरूद्राक्षयंत्रफ़रवरी 2010व्यूस: 3944
कितना जानते हैं आप रत्नों के बारे में संजय बुद्धिराजा‘रत्न’ यानि ‘श्रेष्ठ’ अर्थात जिसमें श्रेष्ठता हो उसे रत्न कहते हैं। समाज में भी श्रेष्ठ व्यक्तियों को ‘रत्न’ जैसी उपाधियों से नवाजा जाता रहा है जैसे कि श्रेष्ठ खिलाड़ी के लिये ख्ेाल रत्न पुरस्कार, विद्वान ज्योतिषी के लिये ज... और पढ़ेंज्योतिषउपायरत्नभविष्यवाणी तकनीकजुलाई 2016व्यूस: 4320
रत्नों द्वारा बाधा निवारण रमेश शास्त्रीहमारी भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति में प्राचीन काल से ही रत्न धारण की परंपरा रही है। नाना प्रकार के कार्यों की सिद्धि के लिए रत्न-उपरत्न धारण करने से लाभ प्राप्त होता है।... और पढ़ेंज्योतिषउपायरत्नसितम्बर 2006व्यूस: 3825
नव रत्न: तत्व, गुण, परीक्षा, धारण आदि ! आर. के. शर्मानव ग्रह अपनी रश्मियों द्वारा अपने-अपने रत्नों को ऊर्जा प्रवाहित करते रहते हैं जिससे मनुष्य का जीवन सुखी और आनंदमय हो जाता है। महर्षि वराहमिहिर की बृहत् संहिता के ‘रत्नाध्याय’ में रत्नों का विस्तार से महत्व प्रकट किया गया है... और पढ़ेंज्योतिषउपायरत्नग्रहभविष्यवाणी तकनीकजुलाई 2016व्यूस: 5080