अध्यात्म, धर्म आदि


अध्यात्म ज्योतिष और वास्तु

कुतः सर्वमिदं जातं कस्मिश्च लयमेफ्यति। नियंता कश्च सर्वेषां वदस्व पुरूषोत्तम।। यह जगत किससे उत्पन्न हुआ है और किसमें जा कर विलीन हो जाता है? इस संसार का नियंता कौन है? हे पुरुषोत्तम ! यह बताने की कृपा करें। महेश्वरः परोऽव्यक्... और पढ़ें

ज्योतिषअध्यात्म, धर्म आदिवास्तु

अकतूबर 2004

व्यूस: 4969

पितृ ऋण और पितृ पक्ष

पितृ ऋण और पितृ पक्ष

अंजना अग्रवाल

भारतीय धर्म ग्रंथों में मनुष्य को तीन प्रकार के ऋणों-देवऋण, ऋषिऋण व पितृऋण से मुक्त होना आवश्यक बताया गया है। इनमें पितृ ऋण सर्वोपरि है। पितृऋण यानि हमारे उन जन्मदाता एवं पालकों का ऋण, जिन्होंने हमारे इस शरीर का ला... और पढ़ें

ज्योतिषउपायअध्यात्म, धर्म आदिभविष्यवाणी तकनीक

सितम्बर 2014

व्यूस: 5249

शनि एवं अध्यात्म

शनि एवं अध्यात्म

एस. बी. आर मिश्र

नीलांजनम् समाभासं रविपुत्र यमाग्रज। छायामार्तण्ड सम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।। नमस्कार मंत्र के साथ शनि ग्रह के संबंध में विचार करते हैं। सूर्य से छठा और सौरमंडल का बाह्य ग्रह शनि सूर्य से 143 करोड़ कि.मी. तथा पृथ्वी से 15 करोड़ कि... और पढ़ें

ज्योतिषअध्यात्म, धर्म आदि

जनवरी 2005

व्यूस: 5192

विवाह मानव जीवन का सबसे महत्वपूर्ण संस्कार है

विवाह संस्कार में बंधने से पूर्व वर एवं कन्या के जन्म नामानुसार गुण मिलान करने की परिपाटी है। गुण मिलान नहीं होने पर सर्वगुण सम्पन्न कन्या भी अच्छी जीवनसाथी सिद्ध नहीं होगी। गुण मिलाने हेतु मुख्य रुप से अष्टकूटों का मिलान किया ... और पढ़ें

ज्योतिषअध्यात्म, धर्म आदिविवाहभविष्यवाणी तकनीक

अकतूबर 2015

व्यूस: 4777

शनि देव एक परिचय

शनि देव एक परिचय

फ्यूचर पाॅइन्ट

इस संसार में कोई भी ऐसा व्यक्ति नहीं है जो शनि के प्रभाव से अछूता हो। शनिदेव का नाम सुनते ही जनता में भय उत्पन्न हो जाता है। शनि ग्रह उतने अशुभ नहीं जितना इन्हें समझा जाता है। व्यक्ति को अध्यात्म और मोक्ष दिलाने वाले केवल शनि ग... और पढ़ें

ज्योतिषदेवी और देवअध्यात्म, धर्म आदिग्रह

जून 2016

व्यूस: 4607

पितृ दोष: क्या हो निदान?

हर कार्य की सफलता के लिए माता-पिता के आशीर्वाद की आवश्यकता होती है। जाने-अनजाने यदि संतान माता-पिता के हृदय को पीड़ा पहुंचाती है तो उसके फलस्वरूप उसे भी कम परेशानियों से नहीं जूझना पड़ता। इस आलेख में पितृदोष के निवारण का विधान दि... और पढ़ें

ज्योतिषअध्यात्म, धर्म आदिभविष्यवाणी तकनीक

जनवरी 2006

व्यूस: 4790

अध्यात्म प्रेरक शनि

ज्योतिष शास्त्र में बृहस्पति को ज्ञान, अध्यात्म और भक्ति का मुख्य कारक तथा केतु को मोक्ष का कारक माना गया है। परंतु ईश्वर की ओर प्रेरित करने में शनि की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। शनि ग्रह अपने भचक्र के 30 वर्ष के गोचर में 2... और पढ़ें

ज्योतिषअध्यात्म, धर्म आदिग्रहभविष्यवाणी तकनीक

नवेम्बर 2006

व्यूस: 3899

ज्योतिष-ज्योति आद्य शंकर परिव्राजक स्वामी ज्ञानानन्द सरस्वती

ैदिक सनातन धर्म के उद्धारक, शंकरावतार श्री आद्य शंकराचार्य जी ने आज से 2496 वर्ष पूर्व ही अवैदिक दुर्मतों का खंडन करते हुए ज्योतिष शास्त्र की प्रामाणिकता का जो डिम-डिम घोष किया था उसका पूरा ज्योतिष समाज ऋणी है। इस स्तंभ में हम ... और पढ़ें

ज्योतिषअध्यात्म, धर्म आदिमंत्रविविध

जनवरी 2006

व्यूस: 4040

प्राचीन वेदों में ज्योतिष का वर्णन

वेद शब्द संस्कृत भाषा के विद् धातु से बना है। विद् का आशय विदित अर्थात जाना हुआ, विद्या अर्थात ज्ञान, विद्वान अर्थात ज्ञानी। वेद भारतीय संस्कृति में सनातन धर्म के मूल अर्थात प्राचीनतम और आधारभूत धर्म ग्रन्थ हंै, जिन्हें ईश्वर की... और पढ़ें

ज्योतिषअध्यात्म, धर्म आदिप्राणिक हीलिंग

अकतूबर 2016

व्यूस: 7199

उतम मुहूर्त से उच्च चरित्र का निर्माण

हमारे लिए यह बड़े दुर्भाग्य की बात है कि पश्चिमी सभ्यता के अंधानुकरण में हम अपनी मूल संस्कृति से इतने दूर जा रहे हैं कि हमारे समाज में पति-पत्नी जैसे पवित्र संबंधं का भी महत्व नहीं रह गया है। प्रिंट मीडिया के कई सर्वेक्षणों से यह ब... और पढ़ें

ज्योतिषउपायअध्यात्म, धर्म आदिमुहूर्त

जनवरी 2007

व्यूस: 5353

क्यों?

क्यों?

डॉ. अरुण बंसल

अनादि काल से ही हिंदू धर्म में अनेक प्रकार की मान्यताओं का समावेश रहा है। विचारों की प्रखरता एवं विद्वानों के निरंतर चिंतन से मान्यताओं व आस्थाओं में भी परिवर्तन हुआ। क्या इन मान्यताओं व आस्थाओं का कुछ वैज्ञानिक आधार भी है? यह प्र... और पढ़ें

ज्योतिषअध्यात्म, धर्म आदिविविध

जुलाई 2013

व्यूस: 5292

पितृ दोष: समस्या और समाधान

जन्मपत्री का नवम भाव भाग्य भाव कहलाता है। इसके अतिरिक्त इस भाव से पिता और पूर्वजों का विचार भी किया जाता है। धर्म शास्त्रों में यह मान्यता है कि पूर्व जन्म के पापों के कारण पितृ दोष का निर्माण होता है। व्यक्ति का जीवन सुख-द... और पढ़ें

ज्योतिषदेवी और देवउपायअध्यात्म, धर्म आदिभविष्यवाणी तकनीक

सितम्बर 2016

व्यूस: 5624

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