पूजा-पाठ का एक महत्वपूर्ण अंग है, ‘आरती’ं शास्त्रों में आरती को ‘आरक्तिका’ ‘आरर्तिका’ और ‘नीराजन’ भी कहते हैं। किसी भी प्रकार की पूजा-पाठ, यज्ञ-हवन, पंचोपचार-षोडशोपचार पूजा आदि के बाद आरती अंत में की जाती है। पूजा-पाठ में जो त्रुट... और पढ़ें
देवी और देवअध्यात्म, धर्म आदिविविध