इस मानवीय जीवन में लक्ष्मी का
प्रभुत्व छोड दें तो शेष रह जाता
है शून्य। ‘‘सर्व गुणा कांचनमाश्रयन्ते
अर्थवान सर्व लोकस्य बहुमतः। महेंद्र
भप्यशंशींनं न बहु मन्यते लोक प्ररिद्रय
खलु पुरूषस्य जीवितं मरणम।’’
चाणक्य ने ठीक ही कहा है कि
निर्धनता आज के युग का सब से
बड़ा अभिशाप है। सुदृढ़ अर्थ संपन्न
व्यक्ति का समाज आदर करता है।
समाज के संचालक भी यही धनिक
हैं। कलह का मूल कारण धन ही
है। धनी और संपन्न व्यक्ति के पास
ही सत्ता केंद्रित है। दीपावली के
दिन निम्न उपाय करने से लक्ष्मी की
प्राप्ति होती है।
- धनतेरस पर श्री कुबेर यंत्र का
विधि-विधान से पूजन करें। उस
यंत्र पर 108 कमलगट्टे के बीज मां
लक्ष्मी का एकाक्षरी मंत्र ‘‘श्री’’ का
जाप करें। अगले दिन यंत्र के साथ
उन बीजां को भी किसी लाल कपड़े
में बांध कर धन रखने के स्थान पर
रखें। वर्ष भर लक्ष्मी की कमी नहीं
रहेगी।
- दीपावली की रात्रि को 21 हकीक
के पत्थरां का पूजन करें, फिर अपने
निवास में कहीं भी गाड़ दें। वर्ष भर
मां लक्ष्मी का स्थाई वास रहेगा।
- दीपावली की रात्रि ठीक 12 बजे
11 घी के दीपक जलाकर अपने
निवास के मध्य भाग में एक चक्र बना
कर उसके मध्य रोली से ‘‘श्री’’ लिखें
व 108 बार उच्चारण करें, मां लक्ष्मी
से स्थाई निवास की प्रार्थना करें।
- दीपावली के पूजन के समय लाल
कपड़े में काली हल्दी के साथ सिंदूर
व कुछ सिक्के या रुपयों का पूजन
करें। अगले दिन उसी लाल कपड़े
में बांध कर धन वाले स्थान पर रखें।
- दीपावली के पूजन से पहले किसी
भी गरीब सुहागन स्त्री को अपनी
पत्नी के द्वारा सुहाग सामग्री दें, साथ
में कोई इत्र जरूर दें।
- दीपावली की रात्रि में निवास के
प्रत्येक कमरे व मुख्य द्वार पर गेहूं
की ढेरी बना कर उसके ऊपर शुद्ध
घी का दीपक रात भर जलायें।
लक्ष्मी का निवास रहेगा। इस उपाय
से बेरोजगार को रोजगार मिलता है।
- यदि आर्थिक कार्यों में बाधायें
आती हैं तो धनतेरस से दीपावली
तक लगातार तीन दिन श्री गणेश
स्तोत्र का पाठ करें तथा गाय को
हरी सब्जी या घास खिलायें। बाधायें
समाप्त होंगी तथा मां लक्ष्मी का
निवास रहेगा।
- दीपावली की रात्रि सिंह लग्न में
मध्य रात्रि 12 से 2 बजे के बीच एक
चांदी के गिलास में गंगा जल भरें,
कुछ पीली मिष्टान्न लें। पूर्व दिशा
की ओर बैठकर श्री कुबेर यंत्र के
समक्ष भोग अर्पित करें और निम्न मंत्र
की एक माला या अधिक से अधिक
पांच माला का जाप करें। ‘‘ऊँ यक्षाय
कुबेरायः वैश्रणावाय धन धान्यादिपत्यै
धान्य समृद्धि मे देहि दापाये स्वाहा’’।
मंत्र जाप के बाद गंगा जल को
निवास व कार्यालय की दीवारों पर
छिड़क दें। इससे मां लक्ष्मी का स्थाई
वास रहेगा।
- दीपावली की रात्रि से एक असली
स्फटिक की माला से ‘ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं’
मंत्र का जाप 5 माला 40 दिन तक
लगातार करें। 40वें दिन उस माला
को स्वयं धारण कर लें। उस दिन
9 वर्ष से कम आयु वाली कन्याओं
को भोजन करायें। रात्रि को वह
माला पूजा वाली स्थान पर ही रख दिया करें। धन की कोई कमी नहीं
रहेगी तथा जिस काम में हाथ डालेंगे
सफलता मिलेगी।
- इमली की टहनी को काटकर घर,
गल्ले या अलमारी में रखने से धन
की कोई कमी नहीं रहती।
- दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजन
के समय 11 पीली कौड़ी गंगा जल
से शुद्ध करके, कौड़ियांे पर हल्दी,
कुमकुम लगायें, दूसरे दिन लाल
कपडे़ में बांधकर तिजोरी या गल्ले
में रखें। मां लक्ष्मी का स्थाई निवास
रहेगा।
- नरक चतुर्दशी के दिन लाल चंदन,
पांच लाल गुलाब के फूल, रोली,
लाल कपड़े में बांधकर धूप-दीप
दिखाकर धन रखने के स्थान पर
रख दें। घर में मां लक्ष्मी की सदा
कृपा रहेगी।
- श्री यंत्र, धनदा यंत्र या कार्यसिद्धि
यंत्र- इनमें से किसी एक की
स्थापना दीपावली के दिन करने से
शीघ्र लाभ मिलता है।
- दीपावली से पूर्व निम्न यंत्र चांदी
पर बनवा लें, स्वर्ण पाॅलिश करवा
लें। दीपावली वाले दिन गंगा जल
से धो कर इसे शुद्ध कर लें। लाल
कपड़ा बिछा कर चावल की ढेरी पर
बिछा कर रखें। फिर स्फटिक की
माला से निम्न मंत्र का जाप 11
माला करें।
‘‘ऊँ महालक्ष्म्यै नमः’’
फिर अगले दिन तिजोरी में रख दें।
मां लक्ष्मी का निवास स्थाई रहेगा।
- दीपावली से एक दिन पहले
अशोक वृक्ष की पूजा करें और अगले
दिन जड़ ले जाने का अनुरोध करें।
दीपावली की रात्रि को इस जड़ को
भी विधि के साथ पूजें फिर इसको
तिजोरी में रखें।
- ऋद्धि-सिद्धि के स्वामी श्री गणेश
और धन की देवी लक्ष्मी हैं। इन दोनों
का संयुक्त यंत्र महायंत्र कहलाता है।
दीपावली को इस यंत्र की स्थापना
से मां लक्ष्मी का स्थाई वास रहता
है।
- दीपावली के दिन पति-पत्नी प्रातः
विष्णु मंदिर में जायें और वहां लक्ष्मी
को वस्त्र चढ़ायें, धन की कमी कभी
नहीं रहेगी।
- दीपावली के अगले दिन गाय के
गोबर का दीपक बना कर उसमें
पुराने गुड़ की एक डेली और मीठा
तेल डालें और दीपक जला कर घर
के मुख्य द्वार के बीच में रखें, इससे
सुख-समृद्धि वर्ष भर बनी रहेगी।