क्या कहते है सौरव के सितारे भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली को एक लंबे समय के बाद टीम में वापसी मिली है। एक सफल कप्तान होने का श्रेय सौरव को जाता है। लेकिन भारतीय क्रिकेट टीम से जिस तरह उन्हें बाहर किया गया था उसके बाद वापसी की संभावनाएं नजर ... और पढ़ेंजनवरी 2007व्यूस: 6682
मानव जीवन में मुहूर्त की उपयोगिता ब्रह्माण्ड में फैले सभी ग्रह गतिशील है. अपने अपने गुरुत्वाकर्षण के कारण ये ग्रह कभी एक –दूसरे के नजदीक आते है तो कभी दूर चले जाते है. इसीतरह ये ग्रह पृथ्वी के निकट भी आते है. इसी तरह ये ग्रह पृथ्वी से दूर भी चले जाते है........ और पढ़ेंनवेम्बर 2009व्यूस: 5998
ज्योतिष की दृष्टि में दीपावली का महत्व भगवान धनवंतरि एवं श्री लक्ष्मी जी भी समुद्र मंथन के दौरान निकले चौदह रातों में दो रत्न थे। पौराणिक कथा का और ज्योतिषीय ग्रह –गति का अलग-अलग महत्व है। ज्योतिष में सूर्य सभी ग्रहों का राजा है। सूर्य से बारह संक्रांतियां होती है। ... और पढ़ेंअकतूबर 2008व्यूस: 7653
सर्व विशिष्ट भारतीय तीर्थ काशी भारतवर्ष तीर्थों का देश है। यहाँ कश्मीर से कन्याकुमारी तक और सौराष्ट्र से असम तक अनेक तीर्थ व पर्यटन स्थल है। भारत भूमि के कुछ तीर्थ स्थल अपनी प्राकृतिक संपदा के कारण स्वर्ग से सुंदर है। जहाँ देवी देवताओं का वास है। वहीँ दूसरी तरफ... और पढ़ेंमई 2008व्यूस: 7505
प्लूटो, अन्य उपग्रह एवं संवेदनशील बिन्दु सूर्य की परिक्रमा करने वाले ग्रहों में प्लूटो की कक्षा नौवीं है। इस नवीन ग्रह की खोज २३ जनवरी १९३० ई। को अमेरिकन खगोल शास्त्री क्लाईड ने की थी। उसकी दूरी सूर्य से ३६६७० लाख मील है। अपनी कक्षा पर औसत गति २।९ मील प्रति सेकंड है इसका... और पढ़ेंदिसम्बर 2008व्यूस: 7719
युग्शेवर महादेव मंदिर हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में स्थित युग्शेवर महादेव मंदिर अपने धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण से पूरे राज्य में प्रसिद्द है. मंदिर से जुड़े प्राचीन तथ्य वर्तमान में उपलब्ध नहीं है. फिर भी स्थानीय मंदिर के कर्मचारियों, पुजारियों औ... और पढ़ेंजुलाई 2009व्यूस: 6628
मंदबुद्धि बच्चे: अभिशप्त जीवन जीने कों मजबूर मंदबुद्धि अर्थात “मेंटल रिटार्डेशन” एक अनुवांशिक बिमारी है, यह रोग माता-पिता से संतान में आता है. इस विकृति की पहचान जन्म कुंडली के ज्योतिषीय योगों के आधार पर करने की सरल विधि इस आलेख में दी जा रही है. यह आलेख रोग का कारण, निवारण ... और पढ़ेंआगस्त 2011व्यूस: 23072
शुभ एवं अशुभ योग भारतीय ज्योतिष में वर्णित कुछ शुभ एवं अशुभ योग है। जिनमें शुभ कार्यों का विधान एवं वर्जन बताया गया है। प्रस्तुत लेख में इन कुछ ऐसे ही योगों का उल्लेख किया गया है।... और पढ़ेंनवेम्बर 2009व्यूस: 13372
देवी मंदिर क्यों जाएं देवमंदिर पूर्व में प्राय: गावं व शहर से बाहर होते थे। आज भी बहुत से देव स्थान शहरों और गावों से बाहर है। देवस्थान की अपनी एक बगीची होती है। देवपूजा के लिए वहाँ पर हम पुष्प चयन करते है। वहाँ हमें शुद्ध वायु प्राप्त होती है। ... और पढ़ेंमार्च 2008व्यूस: 5905
महादेव शिव : पूजाभिषेक यात्रा कण-कण में व्याप्त देवाधिदेव जहां आदि रचना जल के रूप में विधमान हैं। वहीँ उनका प्रणव रूप नवजात शिशु के प्रथम रुदन से आरम्भ होकर संपूर्ण विकास क्रम में व्यक्त होता हैं। इस देश के उतर में स्थित नगाधिराज हिमालय भी साक्षात शिव का ही रू... और पढ़ेंआगस्त 2012व्यूस: 7407
भगवान धन्वन्तिरी जयंती एवं व्रत कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी जो धनतेरस के नाम से जानी जाती है भगवान धनवंतरि की पूजा करते हुए व्रत का विधान है। आयुर्वेद के विद्वान हर वर्ष इस दिन आरोग्य देवता के रूप में उनकी जयंती मनाते हैं।... और पढ़ेंअकतूबर 2009व्यूस: 7458
रत्नों की कार्यशैली का लाभप्रद उपयोग हम अपने आस-पास व्यक्तियों को भिन्न-भिन्न रत्न पहने हुए देखते हैं. ये रत्न वास्तव में कार्य कैसे करते है और हमारी जन्मकुंडली में बैठे ग्रहों पर क्या प्रभाव डालते हैं और किस व्यक्ति को कौन से विशेष रत्न धारण करने चाहिए, ये सब बातें ... और पढ़ेंमई 2012व्यूस: 7334