रुद्राक्ष कैसे फलदायी सिद्ध हो ... रुद्राक्ष भगवान् शिव का प्रिय आभूषण हैं. यह उपाय इसी पर आधारित हैं. रुद्राक्ष धन-धान्य, सुख-आनंद आदि से लेकर धर्म एवं मोक्षदाता माना गया हैं. इसलिए यह भौतिकवादी लोगों सहित योगी, सन्यासी, तपस्वी, यती, ऋषि-महऋषियों आदि सबका प्रिय है... और पढ़ेंअप्रैल 2012व्यूस: 4976
अनेक रोगों में गुणकारी हैं, रुद्राक्ष चूर्ण, तेल व् भस्म प्रयोग स्नायु तंतुओं में क्षीणता आने पर रुद्राक्ष के चूर्ण, मोती तथा मूंगे की भस्म का सामान रूप से मिश्रण तैयार कर प्रतिदिन नियमित रूप से २ ग्राम की मात्रा का सेवन करने से बहुत ही लाभ होता है. रुद्राक्ष के चूर्ण को तुलसी की डंडी के चूर्... और पढ़ेंअप्रैल 2012व्यूस: 8597
क्या आप रुद्राक्ष खरीदने जा रहे हैं. रुद्राक्ष के दाने नेपाल में बड़े आकार के पैदा होते हैं, जबकि इंडोनेशिया में छोटे आकार के दाने सर्वाधिक मात्रा में होते हैं. रुद्राक्ष का मुख्य और सीधा सा कार्य मानसिक शान्ति प्रदान करना हैं. इसकी अपनी एक चुम्बकीय शक्ति होती हैं, ज... और पढ़ेंअप्रैल 2012व्यूस: 16738
क्या आपका जीवन 'भाग्य' शब्द से जुडा हुआ है सबसे पहले हम भाग्य शब्द को समझ ले. कुछ वाक्य जो बहुत लोग बोलते है, जैसे 'मेरे भाग्य में होगा तो जरुर मिल जाएगा' या फिर किस्मत अच्छी होगी तो मेरा काम जरुर चल जाएगा. या फिर क्या मेरे भाग्य में ... और पढ़ेंमार्च 2012व्यूस: 6943
महात्मा गांधी : सत्य और अहिंसा के पुजारी प्रस्तुत जन्मांग राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का है। देश-विदेश के अनेक विद्वान ज्योतिषियों ने ज्योतिष के नियमों का तर्क देते हुए इस जन्मांग का विश्लेषण कई प्रकार से किया और अपने ज्ञान का परिचय देते हुए बापू के बारे में कई अच्छी – बुर... और पढ़ेंअकतूबर 2008व्यूस: 27738
हस्तरेखा शास्त्री के लिए स्मरणीय तथ्य हस्त परीक्षण करते समय हस्तरेखाविद को जातक की मानसिक स्थिति का भी ध्यान रखना चाहिए। हाथ दिखाते समय व्यक्ति का मुंह पूर्व की तरह हो और देखने वाले का उत्तर की तरफ। हस्तरेखाविद को हाथों की बनावट का ज्ञान भली भान्ति होना चाहिए। । ... और पढ़ेंजनवरी 2008व्यूस: 6344
शुभ मुहुर्त में कार्य करने से क्या भविष्य बदल सकता है. ज्योतिषीय मुहुर्त विधाता के विधान को नहीं टाल सकते है. हाँ उसमें सकारात्मक बदलाव अवश्य कर सकते है. ज्योतिष के प्रकांड पंडित मुनि वशिष्ठ ने प्रभु श्री राम के राज्य तिलक को मुहूर्त निकाला. लेकिन थीं उसकी समय राम को बनवास में जाना पड़... और पढ़ेंनवेम्बर 2009व्यूस: 5619