मनोवांछित संतान कैसे प्राप्त करें

नवग्रह को प्रसन्न करने से निश्चित ही आने वाले शिशु के ग्रह उसे आशीर्वाद देंगे तथा उसकी कुंडली में अच्छी स्थिति का निर्माण करेंगे। प्रारब्ध के ग्रह उसके कुछ अनुकूल बन सकते हैं। यह माता के हाथ में है।... और पढ़ें

ज्योतिषउपायबाल-बच्चे

जनवरी 2012

व्यूस: 18481

लग्न राशि: व्यक्तित्व का आईना

आधुनिक युग भाग-दौड़ और व्यस्तता का युग है। बढ़ते शहरीकरण ने दुनिया को छोटा और लोगों को एक-दूसरे से अनजान कर दिया है। वर्षों तक साथ रहने पर भी एक परिवार के लोग एक-दूसरे की पसंद नापसंद को अच्छी तरह से नहीं समझ पाते हैं और एक-दूसरे को ... और पढ़ें

ज्योतिषउपायराशिहस्तरेखा सिद्धान्त

मई 2013

व्यूस: 18787

राहु: शुभ अथवा अशुभ

ज्योतिष की दृष्टि से हमारे जीवन में घटित होने वाली शुभ या अशुभ प्रत्येक घटना नव ग्रहों पर ही आधारित होती है और नवग्रहों में ही राहु का नाम विशेष चर्चा में रहता है। जन्मकुंडली में राहु का नाम सुनते ही व्यक्ति अनिष्ट की आशंका करने ल... और पढ़ें

ज्योतिषउपायदशाग्रहघरभविष्यवाणी तकनीकटोटके

मार्च 2013

व्यूस: 37397

कस्पल पद्धति

कस्पल पद्धति

आर.एस. चानी

जातक का वैवाहिक जीवन सुखमय रहने वाला है यह कार्य स्पेसीफाई करने का है कि जातक शादी के बाद सुखमय विवाहित जीवन व्यतीत करने वाला है। इसी विचार को हम एक और उदाहरण के साथ प्रस्तुत करना चाहेंगे। मान लीजिये 6ठे भाव की इन्वोल्वमेंट... और पढ़ें

ज्योतिषभविष्यवाणी तकनीकविविधअन्य पराविद्याएं

जून 2016

व्यूस: 7055

पहचानें सिर से

पहचानें सिर से

अंजली गिरधर

किसी व्यक्ति के सिर के सिर्फ बड़े छोटे होने से ही उसके गुणों का अनुमान नहीं लगाना चाहिए क्योंकि किसी वस्तु का ‘‘परिमाण’’ ही सब कुछ है ऐसा समझना गलत है। परिमाण से अधिक महत्व है गुण का। क्योंकि सिर बड़े होने से ही व्यक... और पढ़ें

ज्योतिषविविधअन्य पराविद्याएं

आगस्त 2014

व्यूस: 10271

रेकी और प्राणिक हीलिंग में क्या अंतर है?

रेकी चिकित्सा पद्धति में रेकी मास्टर रोगग्रस्त व्यक्ति के शरीर का अपने हाथ से स्पर्श कर इलाज करता है। इसमें रोगग्रस्त व्यक्ति का स्पर्श आवश्यक होता है। इसमें प्राण ऊर्जा को वह व्यक्ति जिसने रेकी सीखी हो चारों ओर फैले हुए वायुम... और पढ़ें

ज्योतिषविविधअन्य पराविद्याएं

दिसम्बर 2006

व्यूस: 14622

शारीरिक हाव-भाव द्वारा पुरूष व्यक्तित्व की पहचान

उदर (पेट) जिस व्यक्ति का पेट आगे को निकला हुआ हो, यह शुभ लक्षण नहीं है। जबकि ऐसा व्यक्ति जिसका उदर बराबर सा हो, वह धन ऐश्वर्य संपन्न होता है। जिसका पेट घड़े के समान हो, यह निशानी दरिद्रता की है। जिसका पेट व्याघ्र या सि... और पढ़ें

ज्योतिषभविष्यवाणी तकनीकविविधअन्य पराविद्याएं

आगस्त 2014

व्यूस: 18291

ज्योतिषीय उपाय का लाभ

ज्योतिष में अक्सर ग्रहों की शांति के लिए रत्न दान और मंत्र जप के उपाय बताए जाते हैं और बहुत लोगों का मुझसे यह प्रश्न रहता है कि क्या ये उपाय वास्तव मंे असरदार होते हैं और इनको करने से क्या निश्चित रूप से लाभ होगा?... और पढ़ें

ज्योतिषअध्यात्म, धर्म आदिविविध

नवेम्बर 2011

व्यूस: 6800

पितृदोष संबंधी अशुभ योग एवं उनके निवारण के उपाय

पितृदोष से तात्पर्य पितरों की असंतुष्टि से है। जब किसी परिजन के द्वारा अपने पितरों के निमित्त श्राद्ध इत्यादि कर्म नहीं किया जाए अथवा इन कर्मों को पितरों के द्वारा नकार दिया जाए, तो पितर असंतुष्ट होकर जो हानि पहुंचाते हैं, उसे... और पढ़ें

ज्योतिषउपायज्योतिषीय योगभविष्यवाणी तकनीकअध्यात्म, धर्म आदि

सितम्बर 2014

व्यूस: 11362

सिंहस्थ गुरु एव कुंभ स्नान

प्रयागे मेषस्थेज्ये मकरस्थ दिवाकरे।। उज्जैन्यां च मेषार्के सिंहस्थे च वृहस्पते। सिंहस्थितेज्य सिंहार्के नासिके गौतमी तटे।। (स्कंद पुराण) कुंभ और मेष राषि में सूर्य होने पर हरिद्वार में, मेष राषि में गुरु और मकर राषि में सूर्य... और पढ़ें

ज्योतिषदेवी और देवपर्व/व्रतभविष्यवाणी तकनीक

जुलाई 2015

व्यूस: 6551

श्राद्ध कर्म: कब, क्यों और कैसे?

भारतीय शास्त्रों में ऐसी मान्यता है कि पितृगण पितृपक्ष में पृथ्वी पर आते हैं और 15 दिनों तक पृथ्वी पर रहने के बाद अपने लोक लौट जाते हैं। शास्त्रों में बताया गया है कि पितृपक्ष के दौरान पितृ अपने परिजनों के आस-पास रहते ... और पढ़ें

ज्योतिषउपायभविष्यवाणी तकनीकअध्यात्म, धर्म आदि

सितम्बर 2014

व्यूस: 13569

पितृ दोष: ज्योतिषीय योग एवं निवारण

शास्त्रों के अनुसार देव ऋण, ऋषि ऋण एवं पितृ ऋण का जन्म जन्मांतरों तक मानव पर प्रभाव रहता है इसलिए शास्त्रों में पितृ देवो भवः, आचार्य देवो भवः, मातृ देवो भवः आदि संबोधन दिए गये हैं। वैसे ऋण का अर्थ है कर्ज, जिसको उसकी संतान... और पढ़ें

ज्योतिषदेवी और देवभविष्यवाणी तकनीकअध्यात्म, धर्म आदिविविध

सितम्बर 2016

व्यूस: 8272

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Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

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