स्थान


सिंधु दर्शन : एक सांस्कृतिक यात्रा

बर्फ में रहने वाले उंचे पहाड़ों के देवता। चांदनी रात में जब तुम नीचे देखते हो तो क्या तुम्हें नहीं लगता की एक स्वर्ग का नजारा इधर अपने आप में इस क्षेत्र के असीम सौंदर्य का वर्णन है। यह एक रहस्यमय भौगोलिक क्षेत्र है। यहाँ की बौद्ध स... more

स्थानअन्य पराविद्याएं

क्यों करनी चाहिए तीर्थयात्रा

मानव जीवन में यात्रा का विशेष महत्त्व है। एक स्थान से दूसरे स्थान पर यदि मनुष्य विचरण न करें और एक-दूसरे से न मिले तो उसका जीवन बहुत ही बोझिल एवं नीरस हो जाएगा। तीर्थयात्रा का धार्मिक महत्त्व अनेक वेद पुराणों में वर्णित है।... more

स्थानअन्य पराविद्याएं

श्रीराम से जुड़े पावन स्थल

श्री राम मानव अवतार लेकर अनेक स्थानों पर गए। राम जी का जहां जन्म हुआ, उस अयोध्या नगरी का वर्णन बाल्मीकि रामायण में पढते समय लगता है, की भारत का कोई भी आधुनिक नगर उसकी बराबरी नहीं कर सकता। यह नगर कौशल नामा के जनपद में सरयू नदी के क... more

स्थान

बैजनाथ : शिव-शिवा का अनुपम धाम

प्रकृति के उन्मुक्त प्रांगण में बसे देवभूमि उतरांचल में शायद ही ऐसा कोई स्थल होगा जहां मंदिर न हो। कलकल करते झरने, अविरल बहती नदियां, प्रहरी की भूमिका में गर्व से सिर उठाए खड़े पहाड़, मुक्त हवा में झूमते हरे-भरे वृक्ष यहां आने वाले ... more

स्थानदेवी और देवअन्य पराविद्याएं

मई 2007

Views: 8135

भीमकाली मंदिर

भीमकाली मंदिर

फ्यूचर समाचार

हिमाचल की राजधानी शिमला से २०० किमी. सरहन की सुंदर वादियों में गगनचुंबी देवदार वृक्षों के बीच सतलुज नदी के तट पर बसा है। प्रसिद्द भीमकाली मंदिर। यह मंदिर देश के भव्य एवं वैभवशाली मंदिरों में से एक है। संपूर्ण मंदिर परिसर पुरातत्व ... more

उपायस्थानदेवी और देव

जून 2007

Views: 8238

शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंग

शिव पुराण में वर्णित है की आशुतोष भूत भावन भगवान शिव, शंकर प्राणियों के कल्याणार्थ तीर्थ में लिंग रूप में वास करते है। जिस पुण्य स्थल में भक्तजनों ने उनकी अर्चना की उस स्थान में वे वहीँ अवतरित हुए और ज्योतिर्लिंग के रूप में सदा के... more

उपायस्थानदेवी और देवअन्य पराविद्याएं

वास्तु ने बनाया ताज को सरताज

दुनिया की कोई भी इमारत प्रसिद्द है तो यह तय है की उसकी बनावट वास्तु के अनुकूल होगी। ताजमहल की विश्व प्रसिद्धि का कारण इसकी सुंदर बनावट तो है ही, परन्तु इस प्रसिद्धि में चार चाँद लगा रहा है। इसका वास्तु के अनुकूल भूखंड पर हुआ वास्त... more

वास्तुस्थानअन्य पराविद्याएं

दुनागिरी : एक रहस्यमय शक्तिपीठ

उतरांचल का समस्त भूभाग आध्यात्मिक महिमा से मंडित और नैसर्गिक प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है। ययहां देवी देवताओं के कई सिद्ध पीठ है। भारत में वैष्णव शक्तिपीठ के नाम से विख्यात तो शक्तिपीठ है। और दोनों हिमालय में ही विद्धमान है। उनमे... more

स्थानअन्य पराविद्याएं

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