उच्च शिक्षा प्राप्ति के ग्रह योग तथा उपाय सीताराम सिंहवर्तमान काल के प्रतिस्पद्र्धापूर्ण वातावरण में सफलता के लिए सद्बुद्धि, मानसिक दृढ़ता और उचित शिक्षा आवश्यक होती है। हर एक व्यक्ति की कार्यक्षमता अलग होती है। सभी कुशल डाॅक्टर, इंजीनियर या सफल व्यापारी नहीं बन सकते। शिक्षा के विषय... और पढ़ेंज्योतिषउपायशिक्षाभविष्यवाणी तकनीकज्योतिषीय विश्लेषणफ़रवरी 2016व्यूस: 12943
ग्रह स्थिति एवं व्यापार जगदम्बा प्रसाद गौडमासारंभ में सूर्य, मंगल का शनि, राहु से षडाष्टक योग में होना तथा 6 जून को देवगुरु बृहस्पति का अस्त हो जाना और कालसर्प योग का बनना देश में राजनीतिज्ञों में परस्पर विरोधाभास की स्थिति को और अधिक बनाएगा तथा परस्पर नए मुद्दों को लेकर ... और पढ़ेंज्योतिषगोचरभविष्यवाणी तकनीकमेदनीय ज्योतिषजून 2013व्यूस: 9935
गुण जैनेटिक कोड की तरह हैं यशकरन शर्माभगवदगीता संसार में मार्गदर्शन प्राप्त करने में सहायता प्रदान कराती हैं। ओर हमें सांसारिकता से ऊंचा उठाकर ज्ञान प्राप्ति में भी निश्चित रूप से सहायक होती हैं। भगवदगीता मानव के व्यक्तित्व का विश्लेषण संपूर्णता से कराती हैं ओर हमें ह... और पढ़ेंज्योतिषग्रहअध्यात्म, धर्म आदिफ़रवरी 2013व्यूस: 11523
वर्ष 2014 में देश के भाग्य विधाता बी.एल शर्माप्रत्येक देश में देशवासी यह जानने को उत्सुक रहते हैं कि प्रसिद्ध राजनेताओं का भविष्य कैसा रहेगा। हम इस संबंध में मुख्य राजनेताओं की जन्मपत्रिका का अध्ययन करके देखें। संसार में ज्योतिष ही एक ऐसा विषय है जिससे उनके भविष्य का पता लगा... और पढ़ेंज्योतिषरत्नवशीकरणअप्रैल 2014व्यूस: 10754
शनि मित्र या शत्रु फ्यूचर पाॅइन्टक्या शनि हर किसी का शत्रु ही होता है एवं क्या वह सिर्फ मृत्यु को ही अंजाम देता है? ऐसी बात नहीं है। गुण एवं दोष एक सिक्के के दो पहलू होते हैं। शनि में भी दोष की अपेक्षा गुण अधिक हैं। पर लोगों के दिलों में बैठा डर इसके दोष को दे... और पढ़ेंज्योतिषग्रहभविष्यवाणी तकनीकनवेम्बर 2014व्यूस: 11680
आत्महत्या क्यों, कैसे ? एम. के रस्तोगीइस आलेख में उन ग्रह स्थितियों दशा तथा गोचर का उदाहरण सहित वर्णन किया गया है जिनके कारण जातक आत्महत्या जैसा दुःसाहस कर बैठता है।... और पढ़ेंज्योतिषज्योतिषीय योगग्रहघरभविष्यवाणी तकनीककुंडली व्याख्याअकतूबर 2009व्यूस: 8344
स्लिप डिस्क अविनाश सिंहहेल्थ कैप्सूल के इस लेख क्रम में स्लिप डिस्क नामक समस्या का विस्तृत विवेचन, उपचार तथा सावधानियों का उल्लेख करने के साथ-साथ प्रत्येक लग्न वाले व्यक्तियों के संबंध में इस रोग की संभाव्यता का ज्योतिषीय दृष्टिकोण से विवेचन किया गया है... और पढ़ेंज्योतिषउपायस्वास्थ्यभविष्यवाणी तकनीकमार्च 2011व्यूस: 17409
नेत्र रोग आलोक शर्मानेत्र की रचना : अपने अंगूठे मध्य भाग के बराबर जो अंगुल है, उन दो अंगुल के बराबर नेत्र बुद्बुद के अंतः प्रविष्ट नेत्र हैं। अक्षिगोलक लंबाई और चौड़ाई में अढ़ाई अंगुल है। यह आंख सुंदर, गोलाकार, गाय के स्तन के समान पांच भौतिक रचना है।... और पढ़ेंज्योतिषस्वास्थ्यग्रहघरभविष्यवाणी तकनीककुंडली व्याख्याचिकित्सा ज्योतिषजुलाई 2009व्यूस: 17153
पेप्टिक अल्सर अविनाश सिंहअम्ल, जो अग्निकारक है, उसका नेतृत्व मंगल एवं सूर्य करता है। इसलिए पंचम भाव, सिंह राशि, सूर्य और मंगल के दुष्प्रभावों के कारण पेप्टिक अल्सर होता है। विभिन्न लग्नों के लिए पेप्टिक अल्सर का ज्योतिषीय दृष्टिकोण।... और पढ़ेंज्योतिषउपायस्वास्थ्यराशिविविधआगस्त 2010व्यूस: 18066
श्वेत प्रदर अविनाश सिंहश्वेत प्रदर स्त्रियों की एक आम समस्या है। प्रस्तुत है इस रोग के कारण, लक्षण व उपचार और विभिन्न लग्नों में इस रोग का ज्योतिषीय दृष्टिकोण।... और पढ़ेंज्योतिषउपायस्वास्थ्यराशिविविधजून 2010व्यूस: 14823
मानसिक तनाव अंजना जोशीज्योतिष, हस्तरेखाओं के माध्यम से मानसिक तनाव की स्थितियों का ज्ञान आसानी से किया जा सकता है और ज्योतिषीय, योग व शास्त्रीय उपायों से कुछ सीमाओं तक तनाव मुक्ति का प्रयास किया जा सकता है।... और पढ़ेंज्योतिषस्वास्थ्यग्रहघरभविष्यवाणी तकनीककुंडली व्याख्याचिकित्सा ज्योतिषअकतूबर 2010व्यूस: 17329
शनि की ढईया और साढ़ेसाती अंजना अग्रवालसाढ़े-साती यानि शनि का आपकी राशि के आस-पास भ्रमण। शनि जब कुंडली में चंद्रमा की स्थिति से बारहवें, प्रथम और द्वितीय स्थान पर होते हैं तब शनि की साढ़े-साती होती है, शनि जब कुंडली में चंद्रमा की स्थिति से चैथे और आठवें स्थान पर होते... और पढ़ेंज्योतिषग्रहविविधनवेम्बर 2014व्यूस: 23760