कई व्याधियों की ओषधि हैं, करंज प्राय: मध्य भारत एवं दक्षिण भारत में पाया जाने वाला करंज का सदाबहार विशाल वृक्ष १० से ३० मीटर ऊंचा तथा डेढ़ से ढाई मीटर मोटे तने वाला होता हैं. इसकी छाल हल्का सा पीलापन लिए तथा पत्तियों टहनियों पर १०-१८ सेमी. लम्बी सींकों पर लगी ... और पढ़ेंमई 2012व्यूस: 23651
कुछ उपयोगी टोटके यदि व्यापार में बार-बार हानि होई रही हो तो पांच बुधवार तक यह उपाय करें। शुक्ल पक्ष के प्रथम बुधवार को दो पीली कौडियाँ, एक जोडा लौंग। दो छोटी इलायची तथा दुकान या फैक्ट्री कि एक चुटकी मिटटी को मिलाकर जलाएं तथा राख कर लें। ... और पढ़ेंजुलाई 2008व्यूस: 8162
शनि मंगल द्वंद्व योग ‘योग’ विचार भारतीय ज्योतिष की अपनी विशेषता है। दो या अधिक ग्रहों के आपसी संबंध से ज्योतिषीय योग का निर्माण होता है। यह संबंध उनकी एक भाव में युति, भाव विनिमय, परस्पर दृष्टि आदि द्वारा जन्मकुंडली में बनता है। शुभ ग्रहों द्वारा निर्... और पढ़ेंफ़रवरी 2014व्यूस: 53518
मंत्रों द्वारा समस्या निवारण प्रश्न: किसी जातक की समस्या निवारण हेतु मंत्रों का उपचार किस प्रकार कारगर सिद्ध हो सकता है? एक ही ग्रह या समस्या हेतु विभिन्न प्रकार के मंत्रों का उपयोग व प्रभाव क्या भिन्न-भिन्न हो सकते हैं? उपलब्ध मंत्रों में से सर्वाधिक प्रभावश... और पढ़ेंजुलाई 2013व्यूस: 10701
उत्तर-पश्चिम में घर के मुखिया का कमरा एक गंभीर वास्तु दोष इस आलेख में उत्तर–पश्चिम का निरिक्षण कर घर की आर्थिक स्थिति का विश्लेषण किया गया है। घर के दक्षिण, पश्चिम एवं पूर्व में सड़क थी। उत्तर दिशा बंद थी जो की कुबेर का स्थान है। और धन आगमन की दिशा है। ... और पढ़ेंसितम्बर 2008व्यूस: 7771
कौन बन सकता है अच्छा साधक मंत्र साधना से पूर्व साधक के जन्मकालीन ग्रहों के अध्ययन से यह ज्ञात कर लेना चाहिए की वह किस प्रकार की उपासना में सफल होगा। जन्म कुंडली में नवम भाव से ही उपासना का ज्ञान होता है। कुछ अनुभव सिद्ध तथ्य यहाँ प्रस्तुत है। ... और पढ़ेंमई 2008व्यूस: 7417
उत्तम विद्या-बुद्धि प्राप्ति के सरल उपाय सरस्वती यंत्र का लाकेट चांदी में अंकित होता है। जिन विद्यार्थियों का मन पढ़ाई में अधिक नहीं लगता हो, अथवा साक्षात्कार आदि में मन में भय अधिक लगता हो, उन्हें इस लाकेट को पूजा, प्रतिष्ठा करवाकर नित्य गले में धारण करने से लाभ । ... और पढ़ेंफ़रवरी 2008व्यूस: 29365
सरस्वती स्तोत्र : अर्थ एवं महत्व हे उदार बुद्धि वाली मां, मोह रूपी अंधकार से भरे मेरे ह्रदय में सदा निवास करों और अपने सब अंगों की निर्मल कांति से मेरे मन के अंधकार का शीघ्र नाश करों। देवी सरस्वती की कृपा से साधक के अज्ञान रूपी अंधकार का नाश होता है। और ज्ञान के ... और पढ़ेंफ़रवरी 2008व्यूस: 24452
भागवत कथा भगवान नारायण ने सृष्टि के प्रारंभ में किंकत्र्तव्यविमूढ़ ब्रह्माजी को करूणावश भागवत ज्ञान प्रदीप का दान किया था। फिर उन्होंने ही ब्रह्माजी के रूप में देवर्षि नारद को उपदेश किया और नारद जी के रूप में भगवान् श्रीकृष्णद्वैपायन व्यास ... और पढ़ेंजनवरी 2014व्यूस: 8921
पानी की टंकी प्रश्न: पानी की टंकी कहां तथा किस दिशा में अवस्थित होनी चाहिए? इनके अलग-अलग दिशाओं में गलत स्थान पर रहने से घर के लोगों को क्या परेशानियां हो सकती हैं? इसके लिये क्या उपाय तथा उपचार किये जा सकते हैं।... और पढ़ेंआगस्त 2013व्यूस: 27577
कालसर्प दोष : एक अभिशाप जन्म कुंडली के सभी ग्रह जब राहू से केतु के मध्य स्थित होंने पर कालसर्प योग बनाता है. कालसर्प योग कों अशुभ योगों की श्रेणी में रखा गया है. कुल १२ प्रकार के कालसर्प योग बनते है. प्रस्तुत लेख में सभी प्रकार के कालसर्प योगों की व्याखा... और पढ़ेंअप्रैल 2009व्यूस: 9427
नवरात्र में करें माता बगलामुखी की साधना दश महाविद्याओं में बगलामुखी एक मात्र ऐसी देवी है जिसकी साधना शत्रु दमन तथा रोग एवं दुखदारिद्र्य तथा कलह से मुक्ति प्राप्त करने के विशेष उद्देश्य से की जाती है। इस साधना का नैष्ठित विधि से किस प्रकार और कब अनुष्ठान किया जाय इसकी वि... और पढ़ेंअकतूबर 2013व्यूस: 10665