अंग बताये मनुष्य का भविष्य शंख के समान गर्दन वाला व्यक्ति राजा होता है। भैंस के समान मोटी गर्दन वाला व्यक्ति बलवान होता है। बैल के समान गर्दन वाला व्यक्ति अल्पायु होता है। लंबी गर्दन वाला व्यक्ति भोगी होता है। टेढ़ी गर्दन वाला व्यक्ति चुगलखोर होता है। ... और पढ़ेंजनवरी 2008व्यूस: 21867
आपकी हस्त रेखाएं और रोग सूर्य से शक्ति, चंद्रमा से रस, मंगल से रक्त, बुध से वाचलता, गुरु से बुद्धि, शुक्र से वीर्य, शनि से गति मिलती है. हमारी हथेली में शक्ति देने वाली सूर्य रेखा एवं स्वास्थ्य रेखा सूर्य पर्वत के समीप होती है. हस्तरेखाओं का कमजोर होना, ... और पढ़ेंजुलाई 2009व्यूस: 11578
पीड़ादायक दमा शरीर में कफ और वायु दोषों के असंतुलित होने पर दमा रोग होता है। आइए जानें विभिन्न लग्नों में दमा के ज्योतिषीय योग... और पढ़ेंफ़रवरी 2009व्यूस: 5583
महत्व एवं उपयोगिता भारतीय ज्योतिष में मुहूर्त का सर्वाधिक महत्व होता है। किसी कार्य की सफलता उपयुक्त और शुभ मुहूर्त पर निर्भर करती है। आइए जानें मुहूर्त निकालते समय किन बातों को ध्यान में रखें।... और पढ़ेंनवेम्बर 2009व्यूस: 9431
दस महा-विद्या का शास्त्र सम्मत रूपांकन आज हम शक्ति उपासना के मूल में जो छिपा है उन विद्याओं की चर्चा करेंगे। किसी भी जातक को शक्ति की कृपा प्राप्ति के मार्ग पर चलने से पूर्व गायत्री जप, अजपा जप तथा कुण्डलिनी का चिंतन तथा अभ्यास जरुर करना चाहिए। प्रात: सूर्य उदय से पूर्... और पढ़ेंअकतूबर 2012व्यूस: 20096
बुध ग्रह कुशल ग्रह बुध एक ऐसा ग्रह है जो सूर्य के सानिध्य में ही रहता है। जब कोई ग्रह सूर्य के साथ होता है तो उसे अस्त माना जाता हैं। यदि बुध भी १४ डिग्री या उससे कम में सूर्य के साथ हो, तो उसे अस्त माना जाता हैं। लेकिन सूर्य के साथ रहने पर बुध ग्रह... और पढ़ेंजुलाई 2012व्यूस: 16000
गोमती चक्र जीवन में हमें अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कुछ परेशानियां स्वयं ही समाप्त हो जाती हैं जबकि कुछ समस्याओं के निदान के लिए विशेष प्रयास करने पड़ते हैं। तंत्र शास्त्र के माध्यम से जीवन की कई समस्याओं का निदान किया जा सकता ह... और पढ़ेंजुलाई 2013व्यूस: 33657
शादी पहले-दूसरे दस से बारह, बुध- शुक्र जब बैठा हो, शनि मदद दे एक या दस से साल शादी का होता हो। वर्षफल के अनुसार जब शुक्र और बुध खाना नं। १-२-१०-११-१२ में स्थित हो और लग्न या खाना नं १० से शनि सहायता दे रहा हो तो उस वर्ष विवाह का योग हो... और पढ़ेंसितम्बर 2012व्यूस: 6823
उपयोगी टोटके नींबू की जड, उतरा फाल्गुनी नक्षत्र में लाकर व् इसे गाय के दूध में मिलकर निसंतान औरत को पिला देने से संतांकी प्राप्ति होती है.इस मंत्र से ७ बार जाप करें - ऊँ महावीराय नम:. चम्पा की जड़, हस्त नक्षत्र में लाकर बच्चे के गले में उक्त म... और पढ़ेंअप्रैल 2012व्यूस: 15395
सम्मोहन उपचार त्राटक के अभ्यास की लोकप्रियता देखते हुये यह आवश्यक हो जाता है कि इस विधि के प्रयोग करने वाले व्यक्ति इससे लाभ उठाने के लिए उचित सावधानियां वरतें। इस अंक में त्राटक प्रयोग में आवश्यक सावधानियों का वर्णन किया गया है। यह जानकारी आपक... और पढ़ेंअकतूबर 2013व्यूस: 11212
वास्तु के अनुसार मंदिर परिसर मंदिर निर्माण के लिए सर्वश्रेष्ठ भूखंड आयताकार एवं वर्गाकार होता हैं। जिस भूखंड के चारों मुख्य दिशा, चुम्बकीय कंपास के अनुसार बीच में पड़ती है वह भूखंड अच्छा होता हैं। साथ ही मंदिर निर्माण हेतु उपलब्ध भूखंड के ऊतर एवं पूर्व की और स... और पढ़ेंअकतूबर 2012व्यूस: 15578
क्यों चढ़ाया जाता है हनुमान जी को सिन्दूर ? कार्य सिद्ध करने वाले बजरंग बली: सुबह-शाम, एक निश्चित समय, निष्ठा-श्रद्धापूर्वक, हनुमान चालीसा, संकटमोचक, बजरंग बाण नित्य प्रतिदिन कम से कम 40 दिन श्रवण, मनन और आरती करें, तो काम सिद्ध होगा। तीन महीने सुबह-शाम सुंदर कांड का पाठ कर... और पढ़ेंआगस्त 2013व्यूस: 17334