वास्तु एवं रंग समायोजन रंगों का हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है। हमारी हर भावना किसी न किसी रंग से जुडी होती है। न केवल मनुष्य बल्कि हर जीवधारी रंगों से प्रभावित होता है। सीमेंट और ईंटों से बना मकान भी तब तक सुंदर नहीं लगता, जब तक उसे सुंदरा रंगों से... और पढ़ेंदिसम्बर 2008व्यूस: 17328
रत्न कौन सा धारण करें रत्न धारण करने के लिये निर्णय का आधार क्या होना चाहिये, ज्योतिष या हस्तरेखा शास्त्र? यहां आधार कोई भी क्यों न हो, लेकिन यह हमें अवश्य ध्यान रखना चाहिए कि किसी भी ग्रह का रत्न धारण करने का उद्देश्य है उस ग्रह के बल को बढ़ाना। इसके व... और पढ़ेंफ़रवरी 2014व्यूस: 11263
सर्वश्रेष्ठ यंत्रों का सिरमौर हनुमान चक्र हनुमान जी ज्योतिषी के रूप में भी प्रसिद्ध हैं। उन्होंने ज्योतिष प्रश्नावली के 40 चक्र बनाए हैं। प्रश्नकर्ता आंखंे मूंद कर चक्र के नाम पर उंगली रखे। अगर उंगली लाइन पर रखी गई हो, तो दोबारा रखे और नाम के अनुसार शुभ-अशुभ फल समझे। रामा... और पढ़ेंआगस्त 2013व्यूस: 19012
कुछ उपयोगी टोटके छोटे-छोटे उपाय हर घर में लोग जानते हैं परंतु उनकी विधिवत् जानकारी के अभाव में वे उनके लाभ से वंचित रह जाते हैं इस लोकप्रिय स्तंभ में उपयोगी टोटकों की विधिवत् जानकारी दी जा रही है।... और पढ़ेंमार्च 2009व्यूस: 10110
अपनी प्रापर्टी का आप स्वयं बनें वास्तुकार सोसाईटी के मुख्य द्वार का प्रभाव मालिक के लिए नगण्य के समान होता है, क्योकि उस द्वार का प्रभाव् उस सोसाइटी में रहने वाले सभी फ्लैट मालिकों के बीच समान अनुपात में विभाजित हो जाता है... और पढ़ेंदिसम्बर 2009व्यूस: 9994
ग्रहों की अनुकूलता के लिए शुभफलदायी रत्न लाकेट ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहों के शुभ प्रभावों को प्राप्त करने के लिए रत्न धारण करना प्रमुख उपाय माना जाता है। ग्रह की शुभ बल वृद्धि के लिए जन्म राशि एवं जन्म लग्न के अनुसार रत्न धारण करना शुभ फलदायक होता है। ... और पढ़ेंसितम्बर 2008व्यूस: 10136
म्रत संजीवनी विद्या महामृत्युंजय मंत्र के तांत्रिक प्रयोग म्रत संजीवनी विद्या महामृत्युंजय मंत्र न केवल प्राचीन काल में प्रयोग की जाती थी. अपितु इस विद्या के कई गुप्त प्रयोग हैं जिनसे कई रोगों की रक्षा, ऋण से मुक्ति, दाम्पत्य सुख, संतान सुख, समृद्धि, यश और विजय की प्राप्ति तथा दारिद्रय क... और पढ़ेंमई 2009व्यूस: 20660
दाम्पत्य सुख के उपाय यदि पति अपनी पत्नी को अधिक समय नहीं दे पाता है अथवा कोई अन्य कारण हो जिससे वह अपनी पत्नी से कम प्रेम करता हो, तो उसके लिए उस महिला को चाहिए की पहले केले का पूजन और देव गुरु बृहस्पति की सेवा आराधना करें।... और पढ़ेंसितम्बर 2012व्यूस: 10876
कैसे मनाई बिदेसवा में होली होली त्योहार न केवल हमारे देश में बल्कि समस्त संसारा में किसी न किसी रूप में, अलग-अलग नामों से मनाया जाता है. होली की ही भान्ति इससे मिलता- जुलता पर्व श्रीलंका, तिब्बत, अमेरिका, यूनान, अफ्रीका ... और पढ़ेंमार्च 2012व्यूस: 7092
विद्या बाधा कारण एवं निवारण पंचमेश यदि छठे, आठवें या बारहवें स्थान में हों, अथवा पंचमेश पाप ग्रहों के साथ हो, तो विद्या भंग योग बनता है। ऐसे जातक के अध्ययन में बाधा अवश्य आती है, विशेष कर उन पाप ग्रहों की दशा – अंतर्दशा में, जिनसे युति हो रही हो। ... और पढ़ेंफ़रवरी 2008व्यूस: 8404
दैनिक जीवन में तंत्र गंगाजल व् गौमूत्र को बराबर मात्रा में मिलाकर किसी शुभ मुहूर्त में आके पत्ते से घर में ग्यारह दिन लगातार छिड़कने से घर में सुख शान्ति आती हैं। अगर परिवार के किसी सदस्य की कुंडली में शुक्र की किसी अन्य ग्रह के साथ युति हो तो प्रतिदि... और पढ़ेंअकतूबर 2012व्यूस: 15818
विभिन्न राशियों में बृहस्पति का परिणाम मेष राशि में बृहस्पति के होने पर व्यक्ति सुंदर, सुशील जीवन साथी तथा अच्छी संतान का भागी होता है। वह समाज में सम्मान पाता है। वह भाग्यशाली सुविधापूर्ण जीवन वाला तथा जीवन भर लोगों के आकर्षण को केंद्र रहता है।... और पढ़ेंअकतूबर 2013व्यूस: 10408