विभिन्न कार्यों के लिए तिथि, वार, नक्षत्र आदि के आधार पर जिन मुहूर्तों का चयन किया जाता है, उनमें अथर्ववेद के अनुसार तिथि, वार, करण, योग, तारा, चंद्रमा तथा लग्न का फल उत्तरोत्तर हजार गुणा तक बढ़ता जाता है। परंतु महर्षि गर्ग, नारद औ... और पढ़ें
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