ब्रजकिशोर शर्मा ‘ब्रजवासी’
सनकादि ने नारद जी से कहा- देवर्षि पापियों के पाप का नाष करने हेतु एक प्राचीन इतिहास श्रवण करो। पूर्वकाल में तुंगभद्रा नदी के तटपर अनुपम नगर में समस्त वेदों का विषेषज्ञ श्रोत-स्मार्त कर्म में निपुण आत्मदेव ब्राह्मण अपनी प्यारी कुली... और पढ़ें
देवी और देवअध्यात्म, धर्म आदि