वास्तु शास्त्र: मूल सिद्धांत व् उपयोगिता वास्तव में वास्तु शास्त्र में प्रकृति के नियमों और सिद्धांतों के अनुसार किसी भवन का निर्माण कहाँ होना चाहिए या किस दिशा में क्या बनना चाहिए और क्या नहीं बनना चाहिए, इसका मार्गदर्शन होता हैं।... और पढ़ेंदिसम्बर 2012व्यूस: 8425
अनाजों में राजा मंडुआ बाजरे के परिवार का एक सदस्य है। इसके दाने राई के रंग के या फिर काले रंग के होते है। इसका आटा काले रंग का होता है। यह अनाज अफ्रीका में प्राकृतिक रूप से उगता है। भारत में इसका आगमन करीब ३००० वर्ष पहले हुआ था। यह भारत के हर राज... और पढ़ेंजून 2006व्यूस: 6951
वास्तु शास्त्र का वैज्ञानिक दृष्टिकोण वैज्ञानिक तरीके से वास्तुशास्त्र के नियमों का अनुपालन करके किया गया भवन निर्माण हमेशा समृद्धि एवं उन्नति का मार्ग प्रशस्त करता हैं। वैज्ञानिक तरीके से तात्पर्य पंच महाभूतों एवं दिशों का ध्यान रखकर भवन निर्माण से हैं।... और पढ़ेंदिसम्बर 2012व्यूस: 6974
कार्यों में रुकावट देता है, दक्षिण – पश्चिम का द्वार कुछ दिनों पहले दिल्ली के श्री सुशील कुमार गर्ग के घर का वास्तु निरिक्षण किया गया। श्री गर्ग काफी समय से मानसिक तनाव से गुजर रहे थे। उनका कोई भी कार्य पूजा नहीं हो पाता था और उनके स्वास्थ्य में दिन प्रतिदिन गिरावट आती जा रही रही... और पढ़ेंअकतूबर 2008व्यूस: 6695
शंख नाद का महत्व दक्षिणावर्ती शंख का उपयोग पूजा में होता है. भगवान विष्णु जी के हाथ में भी यही शंख है. अत: यह लक्ष्मी प्रिय भी है. ऐसी मान्यता है की जिस जगह दक्षिणावर्ती शंख रहेगा. वहीँ पर लक्ष्मी जी का वास भी होगा....... और पढ़ेंआगस्त 2009व्यूस: 13904
अग्नि तत्व राशि पंचम भाव में सूर्य का फल नौ ग्रहों में से सूर्य को राजा का स्थान प्राप्त हैं. जब व्यक्ति की कुंडली में सूर्य पंचम भाव, अग्नि तत्व राशि स्थित हों तो इस प्रकार बनने वाला ज्योतिषीय योग व्यक्ति के जीवन की घटनाओं को किस प्रकार प्रभावित करना हैं. इस योग से प्रा... और पढ़ेंमई 2009व्यूस: 25539
रूप चतुर्दषी व्रत रूप सौंदर्य प्रदान करने वाला यह व्रत कार्तिक कृष्णपक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। इस दिन अतुलित रूप सौंदर्ययुक्त भगवान गोविंद की षोडशोपचार पूजा का विधान है। प्रस्तुत लेख में रूप चतुर्दशी व्रत का महात्म्य व उससे संबंधित कथा का व... और पढ़ेंनवेम्बर 2010व्यूस: 7469
दूध: अमृत समान औषधि दूध हर जीव का प्रथम आहार है। जीव के जन्म से ही कुदरत ने उसे दूध का आहार प्रदान किया। जीव के जन्म से पहले कुदरत ने माता के स्तनों में दूध का निर्माण किया जो जीव के जन्म पर जीव को उपलब्ध हुआ। दूध की उत्पत्ति जीव के जन्म से ही जुड़ी ... और पढ़ेंआगस्त 2013व्यूस: 15894
संस्कृत कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग हेतु सर्वश्रेष्ठ भाषा संस्कृत अनेक प्राचीन एवं अर्वाचीन भाषाओं की जननी है। आज भी भारत की समस्त भाषाएँ इसी वात्सल्यमयी जननी के स्तन्यामृत से पुष्टि पा रही हैं।... और पढ़ेंअकतूबर 2013व्यूस: 1061
पद (आरूढ़) का विचार महर्षि पाराशर जी के अनुसार:- लग्नाद्यावतिथे राशौ तिष्टेल्लग्नेश्वरः क्रमात। ततस्तवतिये राशे लग्नस्य पद मुच्यते। सर्वेषामपि भावनां ज्ञेयमेवं पदं द्विज। तनुभाव पदं तत्र वुधा मुख्यपदं बिंदुः। जन्म पत्रिका द्वारा भविष्य कथन करने में 1... और पढ़ेंदिसम्बर 2013व्यूस: 10421
राषटपति बनाम भारतीय संविधान प्रणव मुखर्जी भारत के १३ वें राष्ट्रपति बन गए और १३ नवम्बर को दुनिया में अशुभ माना जाता हैं। यूरोप और पश्चिम में ऐसे कई देश है जहां पर १३ नंबर का मतलब होता हैं। दुर्भाग्य, इस नंबर का डर लोगो को सामूहिक अवचेतन मन पर इतना गहरा हो चू... और पढ़ेंसितम्बर 2012व्यूस: 8201
संपूर्ण वास्तु दोष निवारक यंत्र सनातन हिंदू धर्म संस्कृति में प्राचीन युग से ही वास्तु देवता की प्रसन्नता के लिए उनकी पूजा का विशिष्ट स्थान रहा है. चाहे नगर निर्माण हो या भवन निर्माण अथवा कर्मकांड के लघु एवं बृहत् यज्ञानुष्ठान आदि हों, इन सभी कार्यों में सफलता आ... और पढ़ेंदिसम्बर 2008व्यूस: 16864