कालसर्प योग : कितना शुभ, कितना अशुभ कालसर्प योग आज भी दो मतों से घिरा हुआ है. एक मत के अनुसार कालसर्प योग अशुभ योग है. इसके विपरीत एक अन्य मत के अनुसार कालसर्प योग सफलता की ऊँचाइयां देने वाला योग है. कालसर्प योग का नाम सुनते ही लोग भयभीत हो उठते है. जबकि यह भी पाया ... और पढ़ेंअप्रैल 2009व्यूस: 7588
सम्मोहन उपचार गत महीने अनेकों पाठकों ने सम्मोहन की उपयोगिता के बारे में काफी जानकारी मनागी हैं. आशा है, इस अंक में दी गई जानकारी आपके लिए उपयोगी रहेगी. हम सभी के मन में प्रकृति द्वारा दी गई एक अनूठी शक्ति निहितहै जिसका प्रयोग हम अपने ... और पढ़ेंमई 2012व्यूस: 6944
व्यवसाय में असफलता क्यों कुछ लोग बहुत कम पूंजी से व्यवसाय शुरू करके कुछ ही समय में अरबपति-खरबपति बन जाते है, और उनकी शोहरत भी आसमान छूने लगती है, जबकि वही व्यवसाय उसी समय और भी कई लोग प्रारम्भ करते है लेकिन सफल नहीं हो पाते। इसके कई कारण है। ... और पढ़ेंजून 2007व्यूस: 5647
संतानोत्पत्ति के समय से उपनयनपर्यन्त सांस्कारिक क्रियाएं पुराणों के अनुसार शिशु को दीर्घायु बनाना, उसका रक्षण और भरण-पोषण करना भगवती षष्ठी देवी का स्वाभाविक गुण है. नंदराय जी एवं यशोदा ने जगत के पालक श्री कृष्ण के जन्म के छठे दिन अपने पुत्र के अरिष्ट निवारनार्थ ब्राह्मणों को बुलाकर भगवत... और पढ़ेंअकतूबर 2009व्यूस: 12892
वास्तु बताए कहाँ रखें धन को हर व्यक्ति अपनी मेहनत से कमाए हुए धन की सुरक्षा चाहता है। वह यह भी चाहता है की उसमें दिन प्रतिदिन बढ़ोतरी होती रहे। हर व्यक्ति पैसे, आभूषण मूल्यवान वस्तुएँ, कागजात आदि को सुरक्षित रखने के लिए तिजोरी अलमारी, कैशबाक्श आदि का उपयोग। ... और पढ़ेंजून 2008व्यूस: 6053
शेयर बाजार में मंदी-तेजी सूर्य 16 जुलाई को 15 बजकर 45 मिनट पर मिथुन राशि से कर्क राशि में प्रवेश करेगा। मंगल 5 जुलाई को 1 बजकर 12 मिनट पर वृष राशि से मिथुन राशि में प्रवेश करेगा। बुध 1 जुलाई को 15 बजकर 20 मिनट पर पश्चिमास्त होगा। 18 जुलाई को बुध 19 बजकर 4... और पढ़ेंजुलाई 2013व्यूस: 5352
पं. जवाहर लाल नेहरू का जीवनवृत पिता पं। मोतीलाल जी व दादा गंगाधर नेहरू भारत का स्वर्ग कहलाने वाले कश्मीर के ब्रहमाण परिवार से थे। जवाहर लाल जी के पिता मोतीलाल नेहरू ने अपनी बी।ए। तक की पढ़ाई कानपुर जाकर वहीँ बस गए। वहीँ उन्होंने वकालत की शिक्षा प्राप्त की और शीघ... और पढ़ेंनवेम्बर 2008व्यूस: 16495
मृत्यु भय से मुक्ति दिलाए महामृत्युंजय मंत्र गंभीर रोगों एवं मृत्युतुल्य कष्टों के निवारणार्थ या ईश्वर प्राप्ति हेतु महामृत्युंजय मंत्र का विधिपूर्वक जप करना चाहिए. यह मृतसंजीवनी मंत्र है. इसे रोगनाशक व् शान्तिदायक मंत्र भी माना गया है. ... और पढ़ेंमई 2009व्यूस: 14094
शुक्रास्त में अक्षय तृतीया को गूँज सकती है शहनाइयां खगोलशास्त्र के सिद्धांतानुसार ९ या ९ से कम अंशांतर की दूरी पर सूर्य के समीप जाकर शुक्र अस्त हो जाता है। किन्तु ५ मई को शुक्रास्त होने से २४ कला और ३८ विकला की दूरी शेष है। इसलिए उस दिन शुक्रास्त नहीं होगा। ... और पढ़ेंमई 2008व्यूस: 12537
वैशाख मास माहात्म्य एवं व्रत वैशाख मास सभी मासो में सर्वश्रेष्ट मास है. यह मास भगवान विष्णु को सदा से ही प्रिय रहा है. इस मास में दान और व्रत का पुन्य सभी तीर्थो के दर्शन से अधिक कहा गया है. वैशाख मास में जल की इच्छा रखने वाले को जल, छाया चाहने वाले को छाता औ... और पढ़ेंअप्रैल 2009व्यूस: 16688
माघ स्नान स्नान के लिए प्रयाग, काशी, हरिद्वार आदि प्रमुख तीर्थ स्थल उत्तम माने गए है। यदि इन तीर्थो में नहीं जा सकें तो जहां भी स्नान करें। वहीँ उनका स्मरण करें। इसके अतिरिक्त “पुष्करादीनी तीर्थानि गंगाध्या: रतिस्ताथा आगच्छन्तु पवित्रानी स्... और पढ़ेंजनवरी 2008व्यूस: 7389
देवी के 51 शक्ति पीठ 51 शक्तिपीठों के संदर्भ मं जो कथा प्रचलित है वह यह है कि सती ने अपने पिता के द्वारा शिव का अपमान होने पर यज्ञ कुंड में कूद गईं। शिव सती के वियोग में विह्वल होकर सती का शव अपने सिर पर धारण कर संपूर्ण भूमण्डल पर भ्रमण एवं नृत्य करने... और पढ़ेंअकतूबर 2013व्यूस: 11571