शिवरात्रि व् होली पर किए जाने वाले विशिष्ट प्रयोग दरिद्रता नाशक उपाय करने से दरिद्रता का नाश और घर में लक्ष्मी का वास होता है। शिवरात्रि वाले दिन मसूर की दाल की ढेरी पर सात कौडियां व एक लघु शंख स्थापित करें। इस क्रिया में आपका मुंह पूर्व दिशा की और होना चाहिए। ... और पढ़ेंफ़रवरी 2008व्यूस: 8984
या देवी सर्व भूतेषू : व्यक्ति में शक्ति का उदय खुद पर और किसी परम शक्ति पर पूरा विशवास होना, उसके उप नजदीक, आसन-बैठना रहना, मनोवृति को स्थिर करना ही शक्ति की उपासना हैं. खुद पर पूरा विशवास पुख्ता करने और अपनी सोच को सरल और शुभ मार्ग पर आगे बढाने का नाम शक्तिपर्व नवरात्र ... और पढ़ेंमई 2012व्यूस: 10388
पिरामिड वास्तु प्रश्न- शयन कक्ष के साथ शौचालय क्यों नहीं रखना चाहिए ? उत्तर - शयन कक्ष के साथ शौचालय नहीं रखना चाहिए अन्यथा ऋणात्मक उर्जा के प्रभाव से नाना प्रकार के कष्टांे का सामना करना पड़ता है। यदि शयन कक्ष के साथ शौचालय हो तो निम्नांकित चित... और पढ़ेंसितम्बर 2013व्यूस: 6572
प्रेतादि शक्तियों का रहस्य व् प्रभाव संसार के समाज के सभी वर्गों व् धार्मिक मान्यताओं में अदृश्य शक्तियों अर्थात भूत-प्रेतादि जैसी शक्तियों के अस्तित्व को अपने अपने अंदाज से स्वीकार किया गया हैं। ऐसी मान्यता है की आत्मा अजर -अमर है जो मनुष्यों के मरणोपरांत भी नष्ट नह... और पढ़ेंसितम्बर 2012व्यूस: 10767
वास्तुशास्त्र का महत्त्व एवं परिचय अथर्वेद का एक उपवेद है. स्थापत्य वेद. यह उपवेद ही हमारे वास्तु शास्त्र का आधार है. परमपिता परमात्मा की असीम कृपा से ब्रह्मा जी को जब सृष्टि की रचना का कार्य सौंपा गया, तो ब्रह्मा जी ने अपने चारों मुखों से चार वेड उत्पन्न किए तथा व... और पढ़ेंदिसम्बर 2008व्यूस: 8345
सफल वैवाहिक जीवन और शुभ मुहूर्त विवाह के समय वर के लिए सूर्य का बलवान और शुभ होना अति आवश्यक है. सूर्य के बलवान होने से दाम्पत्य जीवन में पति का पत्नी पर प्रभाव व नियंत्रण रहता है. दोनों में वैचारिक सामंजस्य रहता है एवं जीवन में कठिन समय में संघर्ष करने की क्षमत... और पढ़ेंआगस्त 2009व्यूस: 9187
मंदिर से उत्पन्न वास्तु दोष : कारण और निवारण वास्तु शास्त्र के सिद्धांत के अनुसार किसी भवन के आस-पास किसी देवी या देवता का मंदिर शुभ नहीं होता. यहाँ भवन की किस दिशा में किस देवी या देवता के मंदिर का प्रभाव अशुभ होता है. इसका संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत है.... ... और पढ़ेंदिसम्बर 2009व्यूस: 25482
अच्छे स्वास्थ के लिए अपनाएं हर्बल उत्पाद बिना कुछ पलों का जीवन भी कठिन है। ह्रदय हमारे शरीर में आक्सीजन युक्त रक्त के संचार जैसा महत्वपूर्ण कार्य करता है। रक्त का संचार कार्डियोंवैस्कुलर प्रणाली का एक जटिल हिस्सा है। रक्त के परिसंचरण में अथवा इससे जुडी प्रणाली में कोई अन... और पढ़ेंसितम्बर 2008व्यूस: 7674
दिवाली या काल रात्रि दिवाली को पौराणिक ग्रंथों में कालरात्रि का नाम दिया गया है जो की अशुभ रात्रि का प्रतीक है जिससे यह प्रश्न उठता है की जो रात्रि अशुभ हैं उसमें लक्ष्मी पूजन का विधान क्यों हैं? इस प्रश्न का समाधान 'तांत्रिक रहस्य' में दिया गया है। '... और पढ़ेंअकतूबर 2011व्यूस: 10845
पिरामिड एक अनोखा यंत्र पिरामिड की आकृति की खोज, मनुष्य के पुरातन ज्ञान-विज्ञान की एक अनोखी मिसाल हैं, जिसकी विश्वसनीयता आज भी मंदिर्यों, मस्जिदों, बौद्ध, मठों, गुरुद्वारों आदि की त्रिभुजाकार व् वर्तुलाकार मीनारों की परम्परागत रूपरेखाओं व् मिस्र के पिराम... और पढ़ेंजुलाई 2012व्यूस: 12005
शंख एक उपाय अनेक मोती शंख कों रात्रि में पानी से भरे किसी कांच के बर्तन में रखे. प्रात: उस पानी कों पी लें. यह क्रिया रोज करें, चेहरे पर चमक व कांति आएगी और आँतों के रोग दूर होते है. इसके अतिरिक्त इस शंख कों रोज चेहरे पर हल्के –हल्के फेरने से चेहर... और पढ़ेंआगस्त 2009व्यूस: 8989
पुत्रदा एकादशी श्रीगणेश संकटों से उबारने वाले देवता है और संकष्टी चतुर्थी व्रत की महिमा सर्वविधित है। जब कोई भारी कष्ट में हो, संकटों और मुसीबतों से घिरा हों, या किसी अहित की आशंका हो, तो संकष्टी चतुर्थी का व्रत करने से अतिशय लाभ होता है। कहा जा... और पढ़ेंनवेम्बर 2008व्यूस: 7198