कालसर्प एवं द्वादश ज्योतिर्लिंग

कालसर्प योग की जन्मांग में उपस्थिति मात्र से जनसामान्य के मन में आतंक और भय की भावना उदित हो जाती हैं। कालसर्प योग से पीड़ित जन्मांग वाले जातकों का संपूर्ण जीवन अभाव अनवरत अवरोध, निरंतर असफलता, संतानहीनता, वैवाहिक जीवन में अनेक कष... और पढ़ें

ज्योतिषदेवी और देवस्थानउपायज्योतिषीय योगरत्नघरलाल किताबमंत्रग्रहमन्दिर एवं तीर्थ स्थल

मार्च 2013

व्यूस: 17234

विशिष्ट महत्व है काशी के कालभैरव का

विशिष्ट महत्व है काशी के कालभैरव का

राकेश कुमार सिन्हा ‘रवि’

भारत देश की सांस्कृतिक राजधानी और मंदिरों की महानगरी वाराणसी में मंदिरों की कोई कमी नहीं। काशी तीर्थ में उत्तर से लेकर दक्षिण तक और पूरब से लेकर पश्चिम तक एक से बढ़कर एक मान्यता प्राप्त पौराणिक देवालय हैं पर इनकी कुल संख्या कितनी ह... और पढ़ें

देवी और देवस्थानअध्यात्म, धर्म आदिविविधमन्दिर एवं तीर्थ स्थल

जून 2013

व्यूस: 12341

जाग्रत महिमामयी देवी तीर्थ कन्याकुमारी

भारत के दक्षिण भाग में स्थित कन्याकुमारी में बंगाल की खाड़ी, हिंद महासागर एवं अरब सागर का एक ही साथ दर्शन होता है। इसलिए इस स्थान की महिमा ÷सागरतीर्थ' नाम से भी मंडित है। इस सागर के बीच इस नगर की देवी मां कुमारी' का पवित्र मंदिर है... और पढ़ें

देवी और देवस्थानमन्दिर एवं तीर्थ स्थल

जून 2011

व्यूस: 10121

केदारनाथ : पर्वत शिला के रुप में पूजे जाते हैं शिव यहां

पर्वतीय प्रदेश देवभूमि उतरांचल के क्रोड में बसे बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक प्रमुख ज्योतिर्लिंग केदारनाथ का भव्य सौंदर्य देखते ही बनता है। चारों ओर हिमाच्छादित पहाडियां, शीतल मंद बहती बयार ओर उदित होते सूर्य की सुनहरी रश्मियां प... और पढ़ें

देवी और देव

जुलाई 2006

व्यूस: 6612

केदारनाथ

केदारनाथ

फ्यूचर पाॅइन्ट

देवों के देव महादेव शिव की पावन स्थली है केदारनाथ। केदारनाथ मन्दिर की ऐतिहासिक एवं आध्यात्मिक महत्ता, अन्य दर्शनीय स्थल व प्राकृतिक सुन्दरता का चित्र उकेरता आलेख ...... और पढ़ें

देवी और देवस्थानमन्दिर एवं तीर्थ स्थल

आगस्त 2010

व्यूस: 10613

मोक्षदायिनी नगरी काशी

मोक्षदायिनी नगरी काशी

फ्यूचर पाॅइन्ट

वाराणसी विश्वविख्यात दर्शनीय पावन भूमि है। बड़ी प्राचीन मान्यता है कि काशी में मरण होने से मुक्ति हो जाती है। अनेक संत-महात्मा इसी कारण वाराणसी में शरीर त्याग करना चाहते हैं प्रस्तुत है मोक्षदायिनी नगरी वाराणसी की आध्यामिक महत्ता क... और पढ़ें

देवी और देवस्थानअध्यात्म, धर्म आदिमन्दिर एवं तीर्थ स्थल

मार्च 2010

व्यूस: 10533

बिहार का खजुराहो - नेपाली मंदिर

बिहार का खजुराहो - नेपाली मंदिर

राकेश कुमार सिन्हा ‘रवि’

आदि-अनादि काल से सामाजिक प्रकाश स्तम्भ की भांति मंदिरों का अस्तित्व भारतीय समाज में विद्यमान रहा है। समाज को सही, स्वच्छ व् सटीक मार्गदर्शन देने वाले इन देवालयों में प्राकृतिक देवों के अलावा विभिन्न देवी-देवताओं की प्रतिमाएं स्थाप... और पढ़ें

देवी और देवस्थानअध्यात्म, धर्म आदिमन्दिर एवं तीर्थ स्थल

अप्रैल 2013

व्यूस: 8901

द्वादश ज्योतिर्लिंग के प्रतीक श्री पशुपति नाथ

नेपाल में नागमति के किनारे स्थित कांतिपुर में पशुपतिनाथ विराजमान है। पशुपतिनाथ का मंदिर धर्म, कला, संस्कृति की दृष्टि से अद्वितीय है। इस मंदिर के दर्शन से मनुष्य का अगला जन्म पशु योनि में नहीं होता ऐसा लोगों का विश्वास है। चलिए चल... और पढ़ें

देवी और देवस्थानअध्यात्म, धर्म आदिमन्दिर एवं तीर्थ स्थल

फ़रवरी 2010

व्यूस: 8844

महाकुम्भ का महात्म्य

महाकुम्भ का महात्म्य

फ्यूचर पाॅइन्ट

हिन्दुओं के धार्मिक ग्रंथों में अनेक प्राचीन धार्मिक उत्सवों के प्रमाण मिलते हैं। उनमें कुम्भ एवं महाकुम्भ भी हैं। इस अवसर पर भव्य एवं विशाल मेला लम्बे समय तक चलता हैं। जहाँ, मनोरंजन के साथ साथ, मानव चरित्र को आवश्यक विधियों की ओर... और पढ़ें

देवी और देवस्थानअध्यात्म, धर्म आदिपर्व/व्रत

फ़रवरी 2013

व्यूस: 8865

दर्शनीय है भगवती तारापीठ: केसपा

दर्शनीय है भगवती तारापीठ: केसपा

राकेश कुमार सिन्हा ‘रवि’

रत्नगर्भा धरती भारतवर्ष में समय समय पर ऐसे महात्माओं का अवतरण हुआ हैं। जिन्होंने विश्व बंधुत्व और वसुधैव कुटुम्बकम की भावना से ओत प्रोत होकर न सिर्फ भारतीय आदर्शों का पूरी ईमानदारी से अनुपालन व् संरक्षण किया वरन जनकल्याणार्थ कितने... और पढ़ें

देवी और देवस्थानविविधमन्दिर एवं तीर्थ स्थल

फ़रवरी 2013

व्यूस: 8010

सिद्धपीठ ‘रजरप्पा’

सिद्धपीठ ‘रजरप्पा’

राकेश कुमार सिन्हा ‘रवि’

प्रकारान्तर से भारतवर्ष में शक्ति पूजा की विशद् परंपरा रही है। यहां देवी विभिन्न रूपों में युगों-युगों से देवताओं, संतों, ऋषि-मुनियों एवं जनसामान्य द्वारा पूजित इस चराचर जगत् में घटित समस्त कार्यों की हेतु प्रतीत होती हैं। संप... और पढ़ें

देवी और देवस्थानअध्यात्म, धर्म आदिमन्दिर एवं तीर्थ स्थल

अकतूबर 2014

व्यूस: 6774

भगवान श्रीराम की गया यात्रा एवं गया श्राद्ध

राज्याभिषेक होने के बाद राजतंत्र को सृदृढ़ कर प्रजा की रक्षा के लिए विधि व्यवस्था कर भगवान श्रीराम ने तीर्थों की यात्रा की थी। अयोध्या से चलकर पूर्व दिशा के शोराभद्रादि तीर्थों में अवगाहन एवं अपने पितरों का तर्पण पिंड दान करते हुए ... और पढ़ें

देवी और देवस्थानउपायअध्यात्म, धर्म आदिसुखमन्दिर एवं तीर्थ स्थल

अकतूबर 2008

व्यूस: 6190

Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business

लोकप्रिय विषय

करियर बाल-बच्चे चाइनीज ज्योतिष दशा वर्ग कुंडलियाँ दिवाली डऊसिंग सपने शिक्षा वशीकरण शत्रु यश पर्व/व्रत फेंगशुई एवं वास्तु टैरो रत्न सुख गृह वास्तु प्रश्न कुंडली कुंडली व्याख्या कुंडली मिलान घर जैमिनी ज्योतिष कृष्णामूर्ति ज्योतिष लाल किताब भूमि चयन कानूनी समस्याएं प्रेम सम्बन्ध मंत्र विवाह आकाशीय गणित चिकित्सा ज्योतिष Medicine विविध ग्रह पर्वत व रेखाएं मुहूर्त मेदनीय ज्योतिष नक्षत्र नवरात्रि व्यवसायिक सुधार शकुन पंच पक्षी पंचांग मुखाकृति विज्ञान ग्रह प्राणिक हीलिंग भविष्यवाणी तकनीक हस्तरेखा सिद्धान्त व्यवसाय पूजा राहु आराधना रमल शास्त्र रेकी रूद्राक्ष श्राद्ध हस्ताक्षर विश्लेषण सफलता मन्दिर एवं तीर्थ स्थल टोटके गोचर यात्रा वास्तु परामर्श वास्तु दोष निवारण वास्तु पुरुष एवं दिशाएं वास्तु के सुझाव स्वर सुधार/हकलाना संपत्ति यंत्र राशि
और टैग (+)