अंकों का जीवन पर प्रभाव जिस तरह ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों की प्रधानता होती है, उसी तरह अंक ज्योतिष शास्त्र में एक से नौं तक की अंकों की प्रधानता होती है। इन्हीं अंकों के माध्यम से किसी भी जातक का मूलांक भाग्यांक, संयुक्तांक ज्ञात कर तुरंत फल-कथन किया जा... और पढ़ेंसितम्बर 2008व्यूस: 8769
पुरुषोतम श्रीराम की कुंडली का विवेचन ज्योतिष विज्ञान की गणना के अनुसार, यदि सूर्य मेष राशि का और चंद्र पुनर्वसु नक्षत्र का हो, तो उस दिन नवमी तिथि का होना असंभव है। ऐसे में तुलसी दास जी का यह दोहा तथ्यपूर्ण है। ... और पढ़ेंअप्रैल 2008व्यूस: 9810
कुछ उपयोगी टोटके प्रात: काल स्नान करके घर से गये हुए प्राणी का नाम एक कागज़ पर लिख कर और एक आटे का दीपक बनाकर उसमें सरसों का तेल भरकर रूई की बाती डालकर उसे जला दें. इस प्रकार से यह क्रिया मंगलवार से प्रारम्भ कर ... और पढ़ेंमार्च 2012व्यूस: 41532
नीम : एक कल्प वृक्ष नीम का वृक्ष हर गली, मुहल्ले, बाग-बगीचे, सड़क किनारे में देखने को मिलता है। शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो जिसने नीम का वृक्ष न देखा हो। भारत वर्ष में नीम हर जगह पाई जाती है। यह एक विशाल वृक्ष है जिसकी ऊंचाई 40 फीट से 60 फीट होती है। ... और पढ़ेंनवेम्बर 2013व्यूस: 16091
प्लेनचिट से करें आत्माओं से बात प्लेनचिट के माध्यम से आत्माओं से संपर्क किया जा सकता है। कुछ आत्माएं जिन्हें शान्ति प्राप्त नहीं हुई है। वे प्लेनचिट के माध्यम से आपको भूत, भविष्य एवं वर्तमान तीनों कालों की जानकारी दे सकती है। आप उनसे अपनी परेशानी का हल प्राप्त क... और पढ़ेंअकतूबर 2006व्यूस: 9953
स्वप्नों द्वारा समस्याओं का समाधान स्वप्न विज्ञान एक बहुत ही प्राचीन विज्ञान है जिसके बारे में अरस्तु और सुकरात जैसे दार्शनिकों से लेकर कार्ल जुंग एवं सिंगमंड फ्रायड जैसे मनोविज्ञानिकों ने वर्णन किया हैं। कुछ वैज्ञानिकों के अनुसार स्वप्न हमारे अवचेतन मन का दर्पण है... और पढ़ेंजून 2012व्यूस: 6900
राजनीति में सफलता के ज्योतिषीय योग प्रश्न: राजनीति में सफल राजनेता बनने के ज्योतिषीय योगों की विस्तृत चर्चा करें। साथ ही योगों के साक्ष्य के रूप में सफल राजनीतिज्ञों की कुंडलियों का समावेश करें। राजनीति दो शब्दों राज$नीति के योग से बना हुआ एक शब्द है जिसका सामान्य ... और पढ़ेंजनवरी 2014व्यूस: 25521
जब उर्मिला ने साधना की श्री हनुमान जी संजीवनी पर्वत लाते समय कुछ समय के लिए, भगवान राम की नगरी अयोध्या में कुछ समय के लिए रुके थे. ऐसे में श्री हनुमान जी को सभी माताओं की स्थिति से अवगत होते हुए, देवी उर्मिला के कक्ष के निकट से गुजरे थे, कक्ष के निकट से... और पढ़ेंमई 2009व्यूस: 11252
कालसर्प दोष निवारण के सरल उपाय कुंडली में कालसर्प योग का निर्माण होने का कारण पूर्व जन्म के कर्मों कों माना जाता है. पितृ शान्ति के अभाव में जन्म कुंडली में यह योग बनता है. कालसर्प योग के दोष निवारण की शान्ति हेतु अनेक उपाय हैं, इस दोष कों दूर करने की सम्पूर्ण ... और पढ़ेंअप्रैल 2009व्यूस: 11877
मंगलवार व्रत मारुती नंदन से प्रार्थना करें की वह इस धर्म कार्य में आपको बल प्रदान करें। संकल्पोपरांत वायुनंदन का षोडशोपचार पूजन करें। पूजा में विशेषकर लाल पुष्प, सिन्दूर, लाल वस्त्र व् आटे का चूरमा बनाकर अर्पित करें। स्वयं भी लाल वस्त्र ही । ... और पढ़ेंफ़रवरी 2008व्यूस: 18415
हस्त रेखाएं व बोलने की कला व्यक्ति के चलने फिरने, उठने बैठने, हंसने बोलने के ढंग से उसके व्यक्तित्व का पता चलता है। जिस प्रकार उठने – बैठने चलने फिरने में या किसी एनी कार्य में शिष्टाचार आवश्यक है, उसी प्रकार हंसने बोलने में मृदुता जरुरी है। ... और पढ़ेंजून 2008व्यूस: 6879
राहु-केतु का योगकारक फल आकाश में जिस स्थान पर चंद्रमा का रास्ता पृथ्वी के रास्ते को काटता है, उस बिंदु को राहु कहते हैं। उससे ठीक 180 Degree सामने स्थित बिंदु को केतु कहते हैं। राहुः सदा चाष्टमन्दिरस्थे रोगान्वितं पापरंत प्रगल्भम्। चैरं कृशं कापुरूषं धना... और पढ़ेंनवेम्बर 2013व्यूस: 12082