लाल किताब के द्वादश भावों में शनि के उपाय शनि को काल भैरव अर्थात न्याय का स्वामी माना गया है। इसे सूर्य पुत्र भी कहा गया है। इसके प्रभाव अन्य ग्रहों की तुलना में दीर्घकालीक होते है,क्योकिं बहुत मंद गति से चलने वाला ग्रह है। इसका घनत्व भी अन्य ग्रहों की तुलना में अधिक है। ... और पढ़ेंजुलाई 2008व्यूस: 10657
ऐश्वर्य और सौंदर्य की रेखाएं कर्म यज्ञ के जीवन से स्वप्नों का स्वर्ग मिलेगा या यूं कहें कि मेहनत से जीवन सौंदर्य और ऐश्वर्य से भर जाएगा। हर कोई इन बातों को सुनता है समझता है तथा अपनी शक्ति अनुसार मेहनत करके कर्म करके जीवन को सुंदर बनाना चाहता है। आज जो चर्चित... और पढ़ेंदिसम्बर 2013व्यूस: 8985
ग्रहफल एवं राशिफल जब कोई ग्रह अपनी निश्चित राशि अर्थात वह राशि जिसका वह स्वामी गिना जाता है या ऊंच-नीच फल की ठहराई हुई राशि या अपने पक्के घर की बजाय किसी दूसरी राशि में जा बैठे या किसी दूसरे ग्रह का साथी हो जाए।... और पढ़ेंजुलाई 2012व्यूस: 10459
समस्या समाधान प्रश्न: क्या मेरी सरकारी नौकरी लगेगी? यदि नहीं तो किस क्षेत्र में कार्य करने से सफलता प्राप्त होगी? अंशुल पौरुष, बिजनौर 25.12.1990, 11ः19, उŸार प्रदेश उत्तर: आपकी कुंडली में सरकारी नौकरी मिलने के योग हैं, परंतु इसके लिए आपको काफी ... और पढ़ेंसितम्बर 2013व्यूस: 8207
जियोपैथिक स्ट्रेस व अन्य नकारात्मक ऊर्जाए पिछले अंक में चर्चा की गई थी कि हर सजीव या निर्जीव वस्तु में अपनी एक ऊर्जा होती है। उस अंक में आपको सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा के विषय में भी अवगत कराया गया था। हर अंक में आपको नकारात्मक ऊर्जा उपकरणों के बारे में कुछ जानकारी देन... और पढ़ेंजुलाई 2013व्यूस: 9407
मां देवी शारदा का धाम-मैहर प्राचीन काल से ही भारत अपनी धार्मिक एवं सांस्कृतिक धरोहर के लिए विश्वविख्यात रहा है। माना भी जाता है की “चार कोस पर पानी बदले, आठ कोस पे वाणी, भारत में विभिन्न धर्मों के मानने वाले हैं। और उनके अलग-अलग आराध्य देव और प्रतीक है। हि... और पढ़ेंसितम्बर 2008व्यूस: 19412
भिन्न मानसिकता की भिन्न लिखावट प्रत्येक व्यक्ति की लिखावट एक समान नहीं होती, क्यों? ‘क्यों’ ही हस्ताक्षर विज्ञान के अध्ययन का मुख्य विषय है। विभिन्न मनुष्यों में अलग-अलग प्रवृत्तियां या सोचने एवं काम करने का तौर-तरीका अलग-अलग होता है। इसी से उनके चरित्र का निर्... और पढ़ेंफ़रवरी 2014व्यूस: 6520
टैरो कार्ड द्द्वारा जानिए अपने मन का हाल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चौदस तिथि को रूप चौदस एवं नरक नाशिनी चतुर्दशी कहा जता हैं ये दिन दिवाली से एक दिन पहले आता हैं। और कहते है की इस दिन श्री कृष्ण ने नरकासुर का संहार किया था।... और पढ़ेंनवेम्बर 2012व्यूस: 8752
वातावरण को अनुकूल बनाने में श्रीयंत्र का सहयोग एक समारात्मक ऊर्जा से भरपूर वातावरण व्यक्ति को अधिक सफलता प्रदान करता है। धर, व्यवसाय, कार्यालय एवं गाड़ी आदि में इस यंत्र की स्थापना से लाभ पाया जा सकता है।... और पढ़ेंनवेम्बर 2009व्यूस: 5203
श्री सीता नवमी व्रत परम पवित्र वैशाख मास में शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि, पुष्य, नक्षत्र, मंगलवार को मध्याह्न काल मंं शुभ मांगलिक बेला में संतान प्राप्ति की कामना से यज्ञ की भूमि तैयार करने के लिए राजा जनक हल से भूमि जोत रहे थे। उसी समय पृथ्वी से विदेहवं... और पढ़ेंमई 2008व्यूस: 10307
महाशिवरात्रि व्रत एवं कथा महा शिवरात्रि का व्रत फाल्गुन कृष्ण त्रयोदशी को किया जाता है। कुछ लोग चतुर्दशी को भी यह व्रत करते है। माना जाता है की सृष्टि के प्रारम्भ में इसी विधि को मध्य रात्रि में भगवान शंकर का ब्रह्मा से रूद्र के रूप में अवतरण हुआ था ... और पढ़ेंनवेम्बर 2008व्यूस: 9717
शारदीय नवरात्र आश्विन शुक्ल प्रदिपदा से नवमी तक शारदीय नवरात्र (नौ रात) होते हैं। इनमें मां भगवती दुर्गा देवी के प्रीत्यर्थ उनकी स्तुति पूजा, व्रत आदि किए जाते हैं। शारदीय नवरात्रों में नौ दिन बड़ा ही उत्सव मनाया जाता है। मां भगवती की प्रतिमाओं ... और पढ़ेंदिसम्बर 2013व्यूस: 7367