ज्योतिष : रोग एवं उपाय प्राचीन काल में जीवन जीने के भौतिक सुख के साधन कम थे तब रोग व् बीमारियां भी कम हुआ करती थी। जैसे -जैसे मनुष्य ने उन्नति की, भोतिक सुख-सुविधाओं की वस्तुओं में भी वृद्धि हुई, जिससे व्यक्ति आरामदायक जीवन बिताने लगा। ... और पढ़ेंआगस्त 2012व्यूस: 22823
गठिया: जोड़ों का दुश्मन गठिया रोग होने का कारण शरीर में अधिक मात्रा में यूरिक ऐसिड का होना है. जब शरीर में गुर्दों से यूरिक ऐसिड कम मात्रा में उत्सर्जित होता है, या मूत्र त्यागने की क्षमता प्रभावित् होती है. तब यह रोग होने की संभावना रहती है. इस आलेख में... और पढ़ेंजून 2009व्यूस: 17977
वास्तु दोषों को दूर करे फेंगशुई फेंगशुई चीन की एक विद्या है तो पिरामिड मिश्र की देन है. ये दोनों ही मानव कल्याण के लिए है. फेंगशुई दो शब्द-फेंग और शुई से मिलकर बनी है. यह चीन की वास्तु शास्त्रीय पद्वति है. चीनी भाषा में फेंग का अर्थ है, जल और शुई का अर्थ है वायु... और पढ़ेंदिसम्बर 2008व्यूस: 18150
वास्तु सम्मत फ्लैट का चुनाव कैसे करें हर व्यक्ति की इच्छा होती है की छोटा ही सही उसका अपना एक घर हो शहरों व् महानगरों की बढती आबादी के कारण भूमि की उपलब्धता कम होती जा रही है। इस कारण जमीन – जायदाद की कीमतें आसमान छू रही है। अच्छे लाभ के लिए कई बिल्डर ... और पढ़ेंदिसम्बर 2008व्यूस: 8396
कांवड़ियों का अतिप्रिय वैधनाथ धाम मर्यादा पुरुषोतम राम और लंकापति रावण दोनों ने देवघर में शिव को कांवर चढ़ाई थी। तब से आज तक यह परम्परा जारी हैं। कहा जाता है की भगवान् शंकर को कांवर चढाने से विशेष फल प्राप्त होता हैं। ... और पढ़ेंआगस्त 2012व्यूस: 7089
बगलामुखी शाबर मंत्र प्रयोग यदि किसी व्यक्ति विशेष के शत्रु पग-पग पर उस पर हावी होने की, उसे हर प्रकार से नीचा दिखाने की चेष्टा करते हो, उसे बगलामुखी शाबर मंत्र की साधना करनी चाहिए। यदि किसी के शत्रु अस्त आदि लेकर सामने आते हों और उसके सामने प्राण का। ... और पढ़ेंमार्च 2008व्यूस: 48122
धार्मिक क्रियाकलापों का वैज्ञानिक महत्व हमने आपको पिछले अंकों में ऊर्जा के बारे में बताया की हमारे पूरा ब्रह्माण्ड ऊर्जा के प्रवाह पर ही आधारित हैं। ऊर्जा अलग-अलग रंगों की कंपन शक्ति से मिलकर कहीं अधीन, कहीं नकारात्मक रूप में प्रवाह होती रहती हैं।... और पढ़ेंआगस्त 2012व्यूस: 7800
शिव और तंत्र शास्त्र तंत्र शास्त्र शिव प्रणीत है और तीन भावों में विभक्त है-आगम, यामल और मुख्य। यामल तंत्र को शिव और शक्ति की एकता का प्रतीक मानते है। शिव विशुद्ध चैतन्य है और शक्ति विशुद्ध ऊर्जा है। प्रत्येक व्यक्ति में शक्ति कुंडलिनी शक्ति के रूप मे... और पढ़ेंजुलाई 2007व्यूस: 13053
दस महाविद्याओं का संक्षिप्त परिचय व मंत्र दस महाविद्याओं का संक्षिप्त परिचय व मंत्र दाती राजेश्वर महाराज दस महाविद्याओं से सर्वसाधारण परिचित नहीं है और यह भी नहीं जानता कि इन विद्याओं की उपासना से क्या लाभ हो सकता है और उनकी उपासना का विधि-विधान क्या है... और पढ़ेंअकतूबर 2012व्यूस: 11597
कुंडली मिलान तथा वैवाहिक सुख वैवाहिक सुख के लिए कुंडली मिलान - कितना आवश्यक? हिंदू शास्त्रानुसार विवाह एक धार्मिक संबंध है। अन्य जाति वालों के अनुसार एक सामान्य संबंध है और वर्तमान में युवा पीढ़ी की धारणा और भी विपरीत है। यह संबंध बस मन का बंधन रह गया है। समा... और पढ़ेंअकतूबर 2013व्यूस: 11258
कुछ उपयोगी टोटके अगर किसी व्यक्ति को जीवन में किसी प्रकार के मुकद्दमों का सामना करना पड़ रहा हो, तो व्यक्ति हनुमान बाण का पाठ शुक्ल पक्ष के प्रथम मंगलवार से शुरू करें और फिर नियमित रूप से करते रहें. मंगलवार को व्रत रखे और रात को दक्षिण की और सिरहान... और पढ़ेंनवेम्बर 2009व्यूस: 8850
शहद: प्राकृतिक जीवन अमृत आयुर्वेद में शहद को जीवन अमृत बताया गया है। यह कैसे बनता है? शायद मधुमक्खी भी नहीं जानती कि उसके द्वारा इकट्ठा किया गया तरह-तरह के फूलों का पराग कैसे जीवन अमृत का रूप धारण कर लेता है यह एक रहस्य है। लेकिन इस रहस्य को आयुर्वेदाचार्... और पढ़ेंदिसम्बर 2013व्यूस: 9863