जन्मकुंडली कैसे देखें? जब किसी प्रश्न कुंडली का अध्ययन भाव, भावेश और कारक को मध्य नजर रखते हुए किया जाता है. जिस भाव से प्रश्न सम्बंधित होता है, वह भाव प्रश्न कुंडली का सबसे महत्वपूर्ण भाव होता है. जैसे- विवाह सम्बंधित प्रश्नों में सप्तम भाव महत्वपूर्ण ... और पढ़ेंजुलाई 2009व्यूस: 92047
स्वप्न - अवचेतन मन का एक जाग्रत स्वरूप स्वप्नों की सार्थकता एवं सत्यता पर प्रश्न चिन्ह लगाने के साथ साथ समय समय पर उनकी सटीकता को स्वीकार भी किया गया हैं। और वैज्ञानिक सभी इस बात को स्वीकार करते हैं। की स्वप्नों में पूर्वाभास की अलौकिक क्षमता होती हैं। ... और पढ़ेंजून 2012व्यूस: 9254
सम्मोहन उपचार त्राटक एक ध्यान लगाने की क्रिया है। अतः त्राटक शुरू करने से पूर्व वो सभी कार्य या बातें जो ध्यान लगाने में बाधक हो सकती हैं उनसे छुटकारा पा लीजिए जैसे भूख, प्यास इत्यादि। अत्यंत जरूरी कार्य अवश्य पहले पूरा कर लें ताकि बीच-बीच में ... और पढ़ेंसितम्बर 2013व्यूस: 14099
जन्म कुंडली में हत्या एवं आत्महत्या के योग जन्म के समय के आकाशीय ग्रह योग मानव के जन्म-मृत्यु का निर्धारण करते है। शरीर के संवेदनशील तंत्र के ऊपर शनि, मंगल, राहू-केतु,नेप्चून आदि ग्रहों के प्रभाव में हो तो मन व्यग्रता का अनुभव करता है। दूषित ग्रहों के प्रभाव से मन में कृतघ... और पढ़ेंसितम्बर 2008व्यूस: 33834
आस्था एवं शांति का पर्व मकर संक्रान्ति भारतवर्ष विभिन्न धर्मां एवं त्योहारों का एक सुन्दर संगम स्थल है । यहां विभिन्न धर्म एवं त्योहार आपस में एकता एवं भाईचारा का संदेष देते हैं। आध्यात्मिकता एवं आस्था से जुडे़ हर त्योहार भारतवर्ष में विभिन्न रुपों में मनाये जाते हैं। ... और पढ़ेंदिसम्बर 2013व्यूस: 8239
किस देवता या ग्रह के लिए कौन सा दीप जलाएं जब हम किसी देवता का पूजन करते है तो सामान्यत: दीपक जलाते हैं. वस्तुत: किसी भी पूजा का महत्वपूर्ण अंग हैं दीपक. हमारे मस्तिष्क में सामान्यतया घी अथवा तेल का दीपक जलाने की बात आती है और हम जलाते हैं. जब हम धार्मिक ग्रंथों के अनुसार ... और पढ़ेंमई 2012व्यूस: 70095
पिताश्य की पथरी पिताश्य की पथरी की उपस्थिति अधेडावस्था में पेट दर्द और उदार विकार का एक प्रमुख कारण हैं। इस बिमारी के कारण उठाने वाला दर्द न केवल बर्दाश्त से बाहर होता हैं, बल्कि अपनी चरम सीमा पर कई प्रकार की जटिलताएं भी उत्पन्न कर सकता हैं। यह र... और पढ़ेंअकतूबर 2012व्यूस: 17312
श्री राधाष्टमी व्रत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी श्री राधाष्टमी के नाम से प्रसिद्द है। श्री राधाजी वृषभानु की यज्ञ भूमि से प्रकट हुई थी। वेद तथा पुराणादि में जिनका कृष्ण बल्लभा कहकर गुणगान किया गया है। वे श्री वृन्दावनेश्वरी राधा सदा श्री कृष्... और पढ़ेंसितम्बर 2008व्यूस: 11681
रेकी स्पर्श उपचार चिकित्सा रेकी एक प्रकार का परमात्मा का प्रकाश है, जो हर कार्य संपन्न कर सकता है. रेकी विद्या के प्रयोग से ऊर्जा शक्ति कों हाथों से प्रभावित कर कार्य पूरे किये जा सकते है. रेकी के प्रयोग से असाध्य से असाध्य बीमारी ठीक की जा सकती है. रेकी स्... और पढ़ेंआगस्त 2011व्यूस: 19171
नकसीर नकसीर फूटने के कई कारण हैं। बहुत लोगों की नाक के भीतर अंगुली से कुरेदने की आदत होती हैं। वे नाक में जमे स्त्राव को अंगुली घुमाकर निकालना चाहते हैं। जिससे नाखून से नाक की भीतरी कोमल परत पर चोट लगकर खून बहने लगता हैं। उच्च रक्तचाप क... और पढ़ेंजून 2012व्यूस: 9314
मकान नंबर से जानिए अपने घर को प्रत्येक घर की अपनी एक विशेषता होती है। इनमें से कुछ शांति, शुभ एंव् समृद्धिदायक होते है। जबकि कुछ घरों में आप अकेलापन एवं अशांति महसूस करते है। इसके अतिरिक्त कभी आप किसी पडोसी, मित्र या किसी रिश्तेदार के यहाँ जाते है तो वहाँ भी।... और पढ़ेंसितम्बर 2008व्यूस: 47235
वास्तु पुरुष का प्रादुर्भाव एवं पूजन विधि वास्तु शास्त्र का परिचय एवं वास्तु पुरुष के प्रादुर्भाव के सम्बन्ध में जानकारी हमें प्राचीनतम ग्रंथों, वेदों और पुरानों में विस्तार से मिलती हैं। मत्स्य पुराण, भविष्य पुराण, स्कन्द पुराण गरुड़ पुराण इत्यादि पुराणों का अध्यययन करने... और पढ़ेंदिसम्बर 2012व्यूस: 23045