अस्पताल में वास्तु नियमों का उपयोग

अस्पताल में वास्तु नियमों का उपयोग  

फ्यूचर समाचार
व्यूस : 5190 | दिसम्बर 2007

अस्पताल में वास्तु नियमों का उपयोग अस्पताल के माध्यम से लोगों को चिकित्सा सुविधा मिलती है। वहीं सिनेमा हाल द्वारा लोगों का मनोरंजन होता है। उसी प्रकार होटल द्वारा खाने-पीने तथा विश्राम का साधन उपलब्ध होता है। अतएव इन तीनों औद्योगिक प्रतिष्ठानों के निर्माण के समय वास्तु के नियमों पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाना चाहिए।

अस्पताल की संरचना: स्वस्थ और निरोग शरीर प्रकृति प्रदत्त वरदान से कम नहीं होता। इसी के द्वारा मनुष्य हर असंभव कार्य भी संभव बना देता है। लेकिन आज के दूषित वातावरण, दूषित जल, खाद्य प्रसंस्करण तथा मिलावटी सामग्री के कारण स्वस्थ जीवन जीना मुश्किल होता जा रहा है।

इसी कारण रोगों, दवाओं और अस्पतालों की संख्या में दिनोंदिन वृद्धि होती जा रही है। रोज जगह-जगह नर्सिंग होम, अस्पताल, स्वास्थ्य केंद्र आदि खुलते रहते हैं। ऐसे संस्थानों का निर्माण भी वास्तु नियमों द्वारा किया जाना चाहिए क्योंकि यहां क्षण-प्रतिक्षण मरीजों का आना जाना लगा रहता है। इनके निर्माण के लिए वास्तु शास्त्र के प्रमुख नियम निम्नलिखित हैं। 

1. पूर्वोत्तर दिशा में अस्पताल शुभ होता है। 

2. रोगियों का प्रतीक्षालय दक्षिण दिशा में होना चाहिए।

3. रोगियों को देखने के लिए डाॅक्टर का कमरा अस्पताल के उत्तर दिशा में होना चाहिए।

4. डाॅक्टर को मरीजों की जांच आदि पूर्व अथवा उत्तर दिशा में बैठकर करनी चाहिए।

5. रोगियों की भर्ती के लिए कमरे उत्तर, पश्चिम अथवा वायव्य कोण में बनवाने चाहिए।

6. अस्पताल में पानी की व्यवस्था ईशान कोण में होनी चाहिए।

7. अस्पताल का कैश काउंटर दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना चाहिए तथा आदान-प्रदान के लिए खिड़की उत्तर या पूर्व की ओर खुलनी चाहिए।

8. शल्य चिकित्सा कक्ष अस्पताल के पश्चिम दिशा में बनवाना चाहिए। इस कक्ष में जिस रोगी का आपरेशन करना हो, उसे दक्षिण दिशा में सिर करके लिटाएं।

10. अस्पताल का शौचालय दक्षिण या पश्चिम में तथा स्नानघर पूर्व या उत्तर दिशा में बनवाना चाहिए।

11. अस्पताल की दीवारों का रंग सफेद अथवा हल्का नीला होना चाहिए।

12. अस्पताल में रोगियों के बिस्तर सफेद तथा ओढ़ने वाली रजाई, कंबल आदि लाल रंग के होने चाहिए क्यांिे क यह रगं स्वास्थ्यवर्धक होता है।

13. वाहनों के लिए पार्किंग स्थल पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखना चाहिए। आपातकाल कक्ष की व्यवस्था वायव्य कोण में होनी चाहिए।

जन्म कुंडली के विश्लेषण के लिए बात करें देश के प्रसिद्ध ज्योतिषियों से केवल फ्यूचर पॉइंट पर



Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.