यही है सदाशिव का प्राच्य पूजन केंद्र भारतवर्ष के पुरातन ऐतिहासिक पर्वतों में एक बराबर के सर्वोच्च शिखर पर अवस्थित इस मंदिर की स्थापना कथा बलिपुत्र बाण से जोड़ी जाती है, जिसे वाणासुर भी कहा गया है। गया, पटना, रेलवे लाइन पर अवस्थित बेलागंज रेलवे। ... और पढ़ेंमार्च 2008व्यूस: 5669
नौकरी या व्यवसाय : कैसे जाने? जन्म कुंडली के योगों में व्यक्ति की नौकरी / व्यवसाय का राज छुपा होता है. जातक के लिए नौकरी करना लाभकारी रहेगा या व्यवसाय करने से जातक कों जीवन में धन-मान की प्राप्ति होगीं. कार्यक्षेत्र के चयन से लेकर, कार्यक्षेत्र के स्तर की व्या... और पढ़ेंजून 2009व्यूस: 73348
चांदी में बने यंत्रों के पूजन से विशेष लाभ चांदी धातु से बने यंत्र अधिक शुभ व शीघ्र फलदायी होते है. यंत्रों से जीवन में आने वाली समस्त विध्न- बाधाओं का शमन होता है. यंत्रों कों धन,समृद्धि, सफलता, यश, मान, व्यवसाय, व्यापार, शिक्षा प्राप्ति और आय स्त्रोतों में वृद्धि के लिए ... और पढ़ेंआगस्त 2011व्यूस: 12319
सूर्य सौरमंडल का केंद्र सूर्य देवता का दूसरा नाम आदित्य भी है, क्योकि सूर्य, देवताओं की माता अदितिं के पुत्र है। माना जाता है की एक बार दैत्यों, दानवों एवं राक्षसों ने संगठित होकर देवताओं के विरुद्ध युद्ध आरम्भ कर दिया और उन्हें पराजित कर उनके। ... और पढ़ेंफ़रवरी 2008व्यूस: 8032
शनि का शुभत्व और कृपा पाएं अधिकांश लोग शनि पीड़ा से ग्रस्त होते हैं शनि पीड़ा की स्थिति में अगर व्यक्ति निम्न उपाय करें तो पीड़ा से मुक्ति तथा शनि कृपा प्राप्त हो जाए।... और पढ़ेंजनवरी 2009व्यूस: 4312
अपने वास्तु विशेषज्ञ से जानिए प्रश्न: मैं अपने घर का नक्शा भेज रही हूं। कृपया इस नक्शे का आकलन कर वास्तु दोष बतायें साथ में उपचार भी ताकि घर को भाग्यशाली बनाया जा सके। मेरा एक प्रश्न यह भी है कि क्या घर से सटे जमीन को खरीदना चाहिए?... और पढ़ेंफ़रवरी 2014व्यूस: 5255
रत्नों की विविधता रत्न भी पत्थर की तरह एक यौगिक हैं. परन्तु प्रकृति ने रत्नों को विशेष गुणों से संपन्न कर मूल्यवान बना दिया. अन्य पत्थर जहां कालांतर में मलिन और भग्न हो जाते हैं वहीँ रत्न अपने चिरयौवन से शताब्दियों शताब्दियों तक देदीप्यमान रहते हैं... और पढ़ेंमई 2012व्यूस: 9639
सम्मोहन उपचार अनेकों लोग विश्व भर में विभिन्न प्रकार की विधाओं और प्रक्रियाओं का विभिन्न कारणों हेतु प्रयोग कर रहे है. सम्मोहन भी इन विधाओं में से एक है. जो की लोग स्वयं व् दूसरों के उपयोग हेतु प्रयोग करते है. यह प्रश्न स्वाभाविक है. ... और पढ़ेंमार्च 2012व्यूस: 10895
विभिन्न जातकों पर राहू-केतु के प्रभाव ब्रहमांड और ज्योतिष दोनों में राहू-केतु को संवेदनशील माना गया है। ज्योतिषीय दृष्टि से राहू जिस राशि में होता है। उससे सातवीं राशि में अर्थात १८० अंशात्मक स्थिति पर केतु होता है । राहू और केतु सूर्य व् चंद्र कि कक्षाओं... और पढ़ेंआगस्त 2008व्यूस: 21863
वर्षा का पूर्वानुमान : ज्योतिषीय दृष्टि से वर्षानुमान के लिए मेदिनीय ज्योतिष में अनेक पद्वतियां हैं। इनमें निम्न विषयों का विश्लेषण किया जाता है। १ संवत्सर २ संवत्सर का राजा ३ मेघेश ४ सूर्य का आर्द्रा प्रवेश ५ मेघ ६ रोहिणी वास ७ स्तंभ ८ नाग ९ त्रिनाडी चक्र १० सप्तनाडी चक्र... और पढ़ेंमई 2006व्यूस: 4773
श्री बगलामुखी महायंत्र आराधना श्री बगलामुखी महायंत्र की साधना उपासना से साधक का वांछित कार्य बिना किसी रुकावट के शीघ्र सिद्ध हो जाता है। शत्रु संहारक भगवती बगलामुखी की शरण में आने मात्र से ही उसे उसके सभी शत्रुओं और बाधाओं से छुटकारा।... और पढ़ेंमार्च 2008व्यूस: 11508
हस्तरेखा और निवेश के अवसर संपत्ति में किया गया निवेश अच्दा परिणाम देगा कि नहीं जानिए हस्तरेखा द्वारा... और पढ़ेंफ़रवरी 2009व्यूस: 4055