लाजवाब है शुक्र रत्न हीरा अग्नि पुराण की कथा के अनुसार वृत्रासुर ने देव लोक पर आक्रमण किया तब भगवान् विष्णु की सलाह पर देवराज इन्द्र ने महर्षि दधिची से दान में प्राप्त उनकी हड्डियों से वज्र नामक अस्त्र का निर्माण किया. वस्तुत: दधीचि की ... और पढ़ेंमई 2012व्यूस: 12171
कुबेर का आविर्भाव पूर्व काल में यज्ञदत्त नामक एक ब्राह्मण थे। समस्त वेद-शास्त्रादि का ज्ञाता होने से उन्होंने अतुल धन एवं कीर्ति अर्जित की थी। उनकी पत्नी सर्वगुणसम्पन्न थी। कुछ दिनों के बाद उन्हें एक पुत्र उत्पन्न हुआ, जिसका नाम गुणनिधि रखा गया। बा... और पढ़ेंजनवरी 2014व्यूस: 6862
अग्नि तत्व राशि दशम भाव में सूर्य अगर किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में दशम भाव में सूर्य के साथ मंगल हो और मंगल अस्त न हो तो सोने पर सुहागा. सूर्य के साथ चन्द्रमा हो और चन्द्रमा अस्त हो तो मानसिक रोग अवश्य होता है. साथ-साथ अस्वाभाविक चिन्ताधारा और नेता होते हुए भी ... और पढ़ेंअकतूबर 2009व्यूस: 17154
त्रिक भावों में ग्रहों का फल एवं उपाय आठवां भाव अष्टम भाव उम्र की लम्बाई को मापता है इसलिए इसे मौत का घर, पाताल के अंधेरे का घर कहा जाता है। खोज, आकस्मिक धन, लंबी बीमारी, गहरी चिंता का पता भी इसी भाव से लगाया जाता है। आठवें घर में स्थित विभिन्न ग्रहां का फल लाल किताब ... और पढ़ेंदिसम्बर 2013व्यूस: 6881
श्री राम द्वारा स्थापित ज्योतिर्लिंग रामेश्वरम मंदिर रामेश्वरम भगवान शंकर के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक है। जब भगवान श्री राम सीताजी की खोज में सुग्रीव की सेना के साथ यहाँ आए थे और लंका पर आक्रमण करने के लिए उन्हें समुद्र पार करना था, तब उन्होंने समुद्र से मार्ग चाहा था, परन्तु... और पढ़ेंअप्रैल 2008व्यूस: 24313
क्या है टैरो कार्डो की रूपरेखा भविष्य के फलकथन के लिए टैरो का उपयोग सर्वप्रथम इटली में ताश के खेलों की एक पद्वति से हुआ. टैरो में कुल ७८ कार्ड होते है. ये सर्वप्रथम मुख्यत: दो भागों में बटें होते है.- मेजर आरकाना एवं माइनर आरकाना ... और पढ़ेंमार्च 2012व्यूस: 7824
रुद्राक्ष कहां से और कैसे प्राप्त होता हैं. रुद्राक्ष के वृक्ष सामान्यत: आम के वृक्षों की तरह घने एवं ऊंचे होते हैं. इनकी ऊँचाई ५० फुट से २०० फुट तक होती है. रुद्राक्ष वृक्ष के पत्ते लगभग ३ से ६ इंच तक लम्बे होते हैं. इसके फूल सफेद रंग के तथा फल गोलाकार हरी आभायुक्त नील वर्... और पढ़ेंअप्रैल 2012व्यूस: 10835
घर में फलदार वृक्ष एवं पीपल कलह एवं अशांति का कारण घर का उतर-पूर्व कोना कटा हुआ था जो की आर्थिक हानि, पारिवारिक उन्नति एवं सुख-समृद्धि में बाधक होता हैं। दक्षिण-पश्चिम में शौचालय होना घर के मालिक के स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों तथा अनावश्यक खर्चों का कारण होता हैं।... और पढ़ेंनवेम्बर 2012व्यूस: 9246
हथेली पर ग्रहों का स्थान एक अध्ययन ज्योतिषीय नौ ग्रह सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु सभी को हथेली पर अपना एक पृथक स्थान आवंटित है। आइए जानें हथेली पर ग्रहों की अवधारण... और पढ़ेंनवेम्बर 2010व्यूस: 7905
अचला एवं सुस्थिरा लक्ष्मी का पूजन मां लक्ष्मी की आराधना के अनेक रूप हैं। धन की कामना करने वाले अनेक अवसरों पर उनकी पूजा और आराधना करते हैं। परंतु दीपावली की रात्रि को मां लक्ष्मी की आराधना का विशेष प्रसंग मिलता है। मां लक्ष्मी की आराधना के कई मंत्र हैं। कुछ लोग मा... और पढ़ेंनवेम्बर 2013व्यूस: 8365
क्या आप जानते हैं ? . शनि सौरमंडल का गुरु के बाद दूसरा सबसे बड़ा ग्रह है। गुरु शनि से 20 प्रतिशत बड़ा है। पृथ्वी सौरमंडल में पांचवां सबसे बड़ा ग्रह है। . शनि सौरमंडल के नंगी आंखों से देखे जा सकने वाले पांच ग्रहों में से एक है। . शनि का रिंग सिस्टम बह... और पढ़ेंजनवरी 2014व्यूस: 8483
काल सर्प दोष शान्ति के प्रमुख स्थल काल सर्प योग की शांति के लिए विशेष अनुष्ठान करने का विधि-विधान रहा है. देश में कई ऐसे स्थल हैं जिनकी जानकारी आप लोगों कों सामान्यता नहीं होती है. इस आलेख में कालसर्प दोष की शान्ति से सम्बन्धी सभी प्रमुख स्थलों की जानकारी इस लेख मे... और पढ़ेंअप्रैल 2009व्यूस: 11169