पंच पक्षी का आधार फ्यूचर समाचार के जनवरी 2014 अंक से हम ‘पंच पक्षी के रहस्य’ शीर्षक से एक नये स्तंभ की शुरूआत कर रहे हैं। यह स्तंभ दिसंबर 2014 अंक तक लगातार जारी रहेगा जिसमें हम एक अनोखी किंतु दैनिक गतिविधियों की सफलता में शत-प्रतिशत सहायक एक ऐसी प... और पढ़ेंजनवरी 2014व्यूस: 7698
भोग का प्रदाता श्री तक्षक तीर्थ श्री तक्षक तीर्थ संपूर्ण सर्प जाति के स्वामी का स्थान होने के कारण काल सर्प योग, राहु की महादशा, नागदोष से मुक्तिदायक तीर्थ कहे जाते हैं। सभी मासो की शुक्ल पक्ष की पंचमी व श्रावण पक्ष की पंचमी को श्री तक्षक कुंड में स्नानकर, पूजन,... और पढ़ेंअकतूबर 2009व्यूस: 7530
हस्ताक्षर-एक उतल दर्पण जिस व्यक्ति के हस्ताक्षर का पहला अक्षर काफी बड़ा होता हैं। वह उतनी ही विलक्षण प्रतिभा का धनी, समाज में काफी लोकप्रिय और उच्च पद प्राप्त करने वाला होता हैं। हस्ताक्षर में पहला शब्द बड़ा और बाकी के शब्द सुन्दर और छोटे आकार के होने पर ... और पढ़ेंजून 2012व्यूस: 8988
शनि की साढ़ेसाती व्यक्ति के जन्म के समय चंद्र जिस राशि में हों, उससे बारहवीं राशि में शनि के गोचरवश स्थिति में साढ़ेसाती का पहला चरण शुरू होता हैं. साढ़ेसाती की अवधि के दौरान व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक कष्ट प्राप्त होने की संभावनाएं बढ़ जाती है. सा... और पढ़ेंमई 2009व्यूस: 10327
स्वप्न यात्रा ज्योतिषीय दृष्टिकोण स्वप्न में मनुष्य की रूचि हमेशा से ही हैं। हमारे वेद-पुराण में भी स्वप्न के बारे में जिक्र किया गया हैं। हमारे ऋषि-मुनियों के अनुसार सपनों का आना निद्रा की चतुर्थ अवस्था या रात्रि के अंतिम प्रहार में आए स्वप्न व्यक्ति को भविष्य मे... और पढ़ेंजून 2012व्यूस: 18165
रक्षा बंधन: भाई -बहन के प्रेम का प्रतीक भारतीय संस्कृति इतनी विशाल एवं लचीली है की इसमें हर संस्कृति समाहित होती चली जाती हैं। कश्मीर से कन्याकुमारी तक, सौराष्ट्र से असम तक देखें तो यहाँ के लोग लगभग प्रतिदिन कोई न कोई त्यौहार मनाते मिलेगें। ... और पढ़ेंआगस्त 2012व्यूस: 9706
सुखी दांपत्य के अनिवार्य मेलापक बिंदु धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष प्राप्ति के लिए गृहस्थ आश्रम श्रेष्ठ कहा गया हैं. जो शुभ पाणिग्रहण पर निर्भर हैं. हमारे महाऋषियों ने भारतवर्ष की धार्मिक आवश्यकता तथा भौगोलिक स्थिति-परिस्थितयों को ध्यान में रखकर कुछ नियमों का प्रतिपादन कि... और पढ़ेंअप्रैल 2012व्यूस: 7620
कन्याकुमारी के समुद्र तट से कन्याकुमारी ही वह स्थान है जहां हिंद महासागर का जल भारत माता के चरण धोने को आतुर नजर आता है, यह धर्म स्थल चारों ओर से समुद्र से घिरा हुआ है. यहाँ जाने के लिए स्टीमर या एन्य जल वाहन का प्रयोग किया जा जाता है. इस स्थल के बाद अन्तर्र... और पढ़ेंअप्रैल 2009व्यूस: 10702
क्या आप जानते हैं लिंग - लिंग के पुल्लिंग, स्त्रीलिंग और नपुंसक तीन भेद होते हैं जबकि अन्य भाषाओं में केवल दो ही भेद होते हैं। सन्धि - संस्कृत भाषा की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता है सन्धि। संस्कृत में जब दो शब्द आपस में मिल जाते हैं तो वहाँ सन्धि होने ... और पढ़ेंअकतूबर 2013व्यूस: 6123
रक्षा बंधन (20/21 अगस्त) रक्षा-बंधन का पवित्र पर्व भद्रा रहित अपराह्न व्यापिनी पूर्णिमा में करने का शास्त्र विधान है- ‘‘भद्रायां द्वे न कत्र्तव्ये श्रावणी फाल्गुनी तथा -----।’’ यदि पहले दिन अपराह्न काल भद्रा व्याप्त हो तथा दूसरे दिन उदयकालिक पूर्णिमा तिथि... और पढ़ेंआगस्त 2013व्यूस: 7039
गुरुदेव श्री श्री रविशंकर भारतीय योग दर्शन और आध्यात्मिक क्षेत्र में आज श्री रामदेव जी महाराज, श्री सुधांशु महाराज, श्री श्री साईं बाबा एवं जीने की कला सिखाने वाले श्री श्री रविशंकार का ध्यान, योग एवं सुदर्शन क्रिया ने साधारण जन को।... और पढ़ेंफ़रवरी 2008व्यूस: 6384
कुछ उपयोगी टोटके जन्मकुंडली में बनाने वाले अशुभ योग जातक के कष्टों में वृद्धि करते है. इन्हीं कष्टों से मुक्ति दिलाने में छोटे छोटे उपाय कई बार बड़े कारगर सिद्ध होते है. परन्तु इनके प्रयोग की पूर्ण जानकारी के अभाव में जातक उपायों का लाभ नहीं उठा पा... और पढ़ेंमई 2009व्यूस: 11277