लाल किताब के अनुसार कुंडली विश्लेषण कैसे करें ? लाल किताब के अनुसार कुंडली विश्लेषण किए जाने पर यह महत्वपूर्ण है की उसमें दोषों का निवारण कैसे करें यह भी कम महत्वपूर्ण नहीं है। जैसे – भाव १ में यदि भाव १० का शत्रु ग्रह बैठ जाए तो यह टेवा अंधे ग्रहों का देवता होता है। ... और पढ़ेंजून 2008व्यूस: 13868
दुर्लभ को सुलभ डाॅ. बिन्देश्वर पाठक भारत के एक महान मानवतावादी समाज सुधारक हैं जो विगत 40 वर्षों से सुलभ इंटरनेशनल समाज सेवा संगठन के द्वारा पूरे विश्व में विख्यात हो गये और अपनी बुद्धि, लग्न व साहस से गांधी जी द्वारा शुरू किये गये दुर्लभ अभियान... और पढ़ेंआगस्त 2013व्यूस: 6547
दैनिक फलादेश विधि प्रश्न: दैनिक, मासिक, वार्षिक तथा आजीवन फलित करने के लिये ज्योतिष के विभिन्न पहलुओं जैसे- दशा, योग, गोचर, अष्टकवर्ग, के. पी. पद्धति, जैमिनी, वर्षफल, लाल किताब या अन्य किसी पद्धति का प्रयोग किस प्रकार किया जाना चाहिए, उदाहरण सहित व... और पढ़ेंअकतूबर 2013व्यूस: 11312
दरिद्रा कहाँ-कहाँ रहती है ? समुद्र-मन्थन के समय हलाहल के निकलने के पश्चात् दरिद्रा की, तत्पश्चात् लक्ष्मी जी की उत्पत्ति हुई। इसलिये दरिद्रा को ज्येष्ठा भी कहते हैं। ज्येष्ठा का विवाह दुःसह ब्राह्मण के साथ हुआ। विवाह के बाद दुःसह मुनि अपनी पत्नी के साथ विचरण... और पढ़ेंनवेम्बर 2013व्यूस: 6908
वास्तु एवं फेंगशुई सुख एवं बेहतर जीवन का आधार यह बात साबित हो चुकी है की वास्तु एवं फेंगशुई हमारे सुखी एवं बेहतर जीवन का आधार हैं। यदि प्रचुर संशाधन के बावजूद भी हमारे जीवन का कोई पक्ष पीड़ित है अथवा सुखमय नहीं है तो कहीं न कहीं हमारे घर का वास्तु इसके लिए जिम्मेवार हो सकता ह... और पढ़ेंदिसम्बर 2012व्यूस: 6447
तंत्र में प्रयुक्त शब्दों की धारक -मारक शक्ति तंत्र के छ: प्रयोगों- मारण, वशीकरण, उच्च्चाटन आदि छ: कार्मिक प्रयोगों में कुछ मनोवृतिसूचक सांकेतिक शब्दों का प्रयोग किया जाता हैं। ये शब्द हैं- नम: स्वाहा, वौषट, हुम और फट। अंत: करण की शान्त अवस्था में नम: शब्द का प्रयोग किया जाता... और पढ़ेंअकतूबर 2012व्यूस: 9629
पारद सामग्री पारद सामग्री घर, व्यवसाय, वाहन आदि में रखने से उसकी दैवीय शक्ति जातक कों लाभ प्रदान करती है. घर में पारद सामग्री रखना ज्यादा उचित होता है. पारद सामग्री का हमेशा ही न्यूनतम होता है, जिसे छूते ही उसकी गुणवता का आभास हो जाता है. पार... और पढ़ेंआगस्त 2009व्यूस: 11984
क्या कहता है चातुर्मास मंथन हिन्दू पंचांग के अनुसार श्रावण मास वर्ष का पांचवा महिना होता हैं। एस माह को आध्यात्मिक दृष्टि से बहुत शुभ माना जाता हैं इस माह से ही चातुर्मास का आरम्भ होता हैं। चातुर्मास का शबैद्क अर्थ है चार माह।... और पढ़ेंआगस्त 2012व्यूस: 9596
सूर्य उपासना का महापर्व छठ यह पर्व संपूर्ण बिहार और उर प्रदेश के पूर्वी क्षेत्रों में बड़ी श्रद्धा से मनाया जाता है जिसमें संतान एवं सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए भगवान् सूर्य देव की आराधना की जाती है। यह पर्व बहुत ही साफ-सफाई और निष्ठा के साथ मनाया जाता ह... और पढ़ेंदिसम्बर 2013व्यूस: 5428
क्या वास्तु है ज्योतिषीय उपाय का विकल्प प्रश्न: यदि किसी जातक की समस्या का निदान ज्योतिषीय उपायों से भी संभव नहीं हो पा रहा हो तो क्या वास्तु दोष सुधार या उपाय द्वारा उन समस्याओं का समाधान हो सकता है? यदि हां तो कैसे? विस्तृत जानकारी दें। हां, वास्तु दोष या सुधार द्वारा... और पढ़ेंदिसम्बर 2013व्यूस: 7503
काल सर्प योग कष्टकारक लेकिन ऐश्वर्यदायक योग राहू और केतु को इस नभ मंडल के दो बिंदुओं कि संज्ञा दी गई है। दूसरे शब्दों में राहू और केतु कि धुरी पर ही संपूर्ण नभ मंडल भ्रमण कर रहा है। यदि जन्मांक में राहू और केतु को बिन्दू मानकर राहू से केतु तक या फिर केतु से राहू तक एक सीधी ... और पढ़ेंआगस्त 2008व्यूस: 17424
होलिका दहन की बेला होली पर्व होलिका दहन फाल्गुन शुक्ल पक्ष पूर्णिमा में सायं काल के बाद भाद्रारहित शुभ लग्न में संपन्न किया जाता है। इस समय में प्रतिपदा या चतुर्दशी नहीं होनी चाहिए। भद्रा में होलिका जलाने से राष्ट्र में विद्रोह हो जाता है। ... और पढ़ेंमार्च 2008व्यूस: 7242