श्री गंगा नवमी व्रत गंगा भारत भूमि की जीवनदायिनी जलधारा हैं। गंगा अवतरण की कथा प्रसिद्द हैं। लेकिन त्रेता युग में महर्षि अत्री और उनकी परम तपस्विनी पत्नी अनुसूया की तपस्या ने एक नया रूप धारण करके नवमी के दिन अत्री गंगा के रूप में दर्शन दिया।... और पढ़ेंआगस्त 2012व्यूस: 7677
२०१२ के वर्षमान में एक सैकेंड की वृद्धि इस वर्ष ३० जून २०१२ के दिन के समयमान में खगोल वैज्ञानिकों द्वारा एक सैकेंड की वृद्धि दर्ज की गई हैं। इसका प्रमुख कारण है की इस दिन पृथ्वी ने साधारण दिनों की अपेक्षा अपनी धुरी पर एक चक्कर पूरा करने में एक सैकेंड अधिक लिया।... और पढ़ेंआगस्त 2012व्यूस: 6106
वास्तु के अनुसार औद्धोगिक परिसर पश्चिम के तरफ की चारदीवारी ९०० के कंक्रीट एवं पत्थर के बने होने चाहिए. उअत एवं पूर्व के और की चारदीवारी कंटीले तारा से भी बनाई जा सकती हैं. इसका मुख्य कारण उतर एवं पूर्व क्षेत्र को हल्का एवं खुला हुआ रखना हैं. क्योंकि ईशान क्षेत्र... और पढ़ेंसितम्बर 2012व्यूस: 5599
मित्रता किन से करें जानिए हस्त रेखाओं द्वारा रिश्तों की बुनियाद विश्वास से बनाती है। यह विश्वास रिश्तों की तरह दोस्ती में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अगर आप किसी अच्छे मित्र की तलाश में है या कोई आपकी तरफ दोस्ती का हाथ बढाता है। तो आप अवश्य चाहेंगे की वह मित्रता पर। ... और पढ़ेंअप्रैल 2008व्यूस: 8303
तारक मंत्र एवं “राम” नाम की महिमा हमारा जीवन सौभाग्य और दुर्भाग्य की अनुभूतियों से भरा है। कभी हमें सौभाग्य का अनुभव होता है और कभी दुर्भाग्य का। सौभाग्य हमें निश्चित रुप से अच्छा लगता है। परन्तु दुर्भाग्य किसी को अच्छा नहीं लगता है। ... और पढ़ेंअप्रैल 2008व्यूस: 44015
राहू-केतु जनित योग एवं उपाय ज्योतिष में एक मान्यता के अनुसार राहू को सर्प और केतु कि पूँछ कहा गया है। जो सर्पाकार है और जिसके अंग मुख और पुच्छ दो भागों में विभक्त है, वही राहू का आकार है। यदि किसी कि कुंडली में राहू और केतु के मध्य अन्य ग्रह हों तो वह। ... और पढ़ेंआगस्त 2008व्यूस: 29305
कुछ उपयोगी टोटके शुक्लपक्ष के प्रथम शुक्रवार को हत्था-जोड़ी को सिंदूर में चांदी व् ग्यारह लौंग सहित, धूप, दीप दिखा कर अपनी तिजोरी में चांदी की डिबिया में रखें तो धन दिन दूना रात चौगुना बढता है। प्रतिदिन स्नान के पश्चात दर्शन व प्रार्थना भी कर लें त... और पढ़ेंआगस्त 2008व्यूस: 9605
महान संत दलाई लामा दलाई लामा एक उपाधि है। जो किसी विशेष व्यक्ति को प्रदान की जाती है। यह विशेष व्यक्ति बोद्ध धर्म के गिलगू संप्रदाय का आध्यात्मिक नेता होता है। दलाई लामा के संबंध में यह विश्वास किया जाता है। की ये तुल्कुओं की लंबी परंपरा का वर्तमान ... और पढ़ेंदिसम्बर 2008व्यूस: 8083
वास्तु और अंक ज्योतिष अंक ज्योतिष का वास्तु में बहुत महत्व है। वास्तु प्राप्ति के लिए व्यक्ति का प्रथम होता है की किस नंबर का मकान या दूकान मेरे लिए शुभ रहेगा। अंकों की शक्ति को नकारा नहीं जा सकता। अंक ज्योतिष में अंकों द्वारा किसी भी व्यक्ति, घटना ... और पढ़ेंदिसम्बर 2008व्यूस: 12168
मोबाइल फोन का प्रयोग कुंडली में शुक्र और मंगल का योग चर राशियों में हो तथा तृतीय भाव या इसके स्वामी से इसका सम्बन्ध बनता हो, तो जातक “शोमैन्शिप” यानी दिखावे के लिए इसका प्रयोग करता है। यदि चंद्र और मंगल का यहीं सम्बन्ध बन जाए तो व्यापार के लिए प्रयोग।... और पढ़ेंफ़रवरी 2008व्यूस: 11692
प्रथम सेतुपति गुह एवं रामेश्वरम श्री रामचंद्र जी ने गुह को रामनाथपुरम का प्रथम “सेतुपति” बनाकर उनका राज्याभिषेक के समय गुह जिस चट्टान पर बैठे थे वह रामनाथ पुरम के रामलिंग पर बैठे थे वह रामनाथ पुरम के रामलिंग विलास महल में आज भी सुरक्षित है। ... और पढ़ेंफ़रवरी 2008व्यूस: 5752
मरे में भी जान फूंक देता है। प्राणायाम कहने का अभिप्राय यह की प्रत्येक मनुष्य को ईश्वर की ओर से सीमित् सांस मिली हुई है। किसी को लाभ सांस, किसी को करोड, किसी को दस करोड और किसी को सौ करोड। सौ करोड पूर्णायु। ... और पढ़ेंजनवरी 2008व्यूस: 6874