शेयर बाजार में मंदी-तेजी ग्रहों की गोचर स्थिति सूर्य 16 दिसंबर को 02 बजकर 27 मिनट पर वृश्चिक राशि से धनु राशि में प्रवेश करेगा। मंगल मासभर कन्या राशि में गोचर करेगा। बुध 01 दिसंबर को 10 बजकर 04 मिनट पर तुला राशि से वृश्चिक राशि में प्रवेश करेगा और 05 दिसं... और पढ़ेंदिसम्बर 2013व्यूस: 5172
ग्रह स्थिति एवं व्यापार गोचर फल विचार मासारंभ मं नीच राशि स्थित मंगल का शनि से परस्पर दृष्टि संबंध होना तथा उच्च राशि के शनि का बुध, शुक्र व राहु के साथ चतुग्र्रही योग में होना उग्रवादी तत्वों के उग्र व हिंसक गतिविधियों में बढ़ावा करेगा और अशांति का वाता... और पढ़ेंअकतूबर 2013व्यूस: 5388
शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या एवं दशा के प्रभाव नवग्रहों में शनि को महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। जैमिनी ऋषि के अनुसार कलियुग में शनि का सबसे ज्यादा प्रभाव है। शनि के पिता सूर्य और छाया है, इसलिए इसे छायानंदन भी कहा जाता है। शनि की कहानियां वेद, पुराण और धर्मशास्त्रों में मिलती ... और पढ़ेंजुलाई 2008व्यूस: 17290
वाकसंयम व्रत वाकसंयम यानी वाणी का संयम व्रत भारतीय संस्कृति ही क्या आवरण संपूर्ण संस्कृतियों का पालन करने वाले प्रत्येक मानव मात्र का सर्वश्रेष्ठ व्रत हैं। वाणी एक अमोघ अस्त्र है, जिसके द्वारा विजय श्री का चरण एवं हित-साधन किया जा सकता हैं। दू... और पढ़ेंजून 2012व्यूस: 7935
हृदय रोग हृदय द्वारा रक्त फेफड़ों तक भेजा जाता है जहां रक्त में आक्सीजन घुल जाती है और रक्त में विद्यमान अनुपयोगी वायु के अंश फेफड़ों में आकर श्वांस द्वारा शरीर से बाहर निकल जाते हैं। ... और पढ़ेंफ़रवरी 2012व्यूस: 5838
र्नैृत्य में भूमिगत स्रोत/द्वार: नकारात्मक ऊर्जा का भंडार पिछले माह पंडित जी दक्षिण दिल्ली के समृद्ध क्षेत्र फ्रेन्डस काॅलोनी के एक बंगले का वास्तु परीक्षण करने गए। परिवार में मां और बेटा रहते थे जो कि आर्थिक व मानसिक परेशानियों से गुजर रहे थे। बिना सोचे समझे कई प्रापर्टी खरीदने की वजह स... और पढ़ेंआगस्त 2013व्यूस: 5280
कुछ उपयोगी टोटके छोटे-छोटे उपाय हर घर में लोग जानते हैं परंतु उनकी विधिवत् जानकारी के अभाव में वे उनके लाभ से वंचित रह जाते हैं इस लोकप्रिय स्तंभ में उपयोगी टोटकों की विधिवत् जानकारी दी जा रही है।... और पढ़ेंनवेम्बर 2010व्यूस: 30532
द्वादश राशियों पर राहू का गोचरीय प्रभाव राहू को अंग्रेजी में “ड्रेगन्स हेड” या “असेंडिंग नोड” कहते है। राहू, बुध, शुक्र और शनि से मित्रता तथा सूर्य, चंद्र और मंगल से शत्रुता रखता है। गुरु एवं केतु से इसके सम संबंध है। यह मिथुन राशि में १५ अंश तक उच्च का और धनु में १५ अं... और पढ़ेंआगस्त 2008व्यूस: 10875
बवासीर बवासीर आयुर्वेद में अर्श तथा आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में पाइल्स या हैमोराइड्स नाम से जानी जाती हैं। यह एक आम रोग हैं। इस रोग के लक्षण ७५ प्रतिशत से भी अधिक लोगों में किसी न किसी रूप में पाए जाते हैं। ... और पढ़ेंदिसम्बर 2012व्यूस: 11852
श्री कूर्म जयंती व् व्रत रोग-शोकादि के निवारणार्थ तथा धर्म-अर्थ-काम-मोक्ष रुपी पुरुषार्थो की प्राप्ति हेतु इस दिन प्रात:काल में दैनिक क्रियाकलापों से निवृत होकर बिना कुछ ग्रहण किये, सूर्य नारायण भगवान् व् व्रत के देवता भगवान् विष्णु के अवतार कूर्म भगवान् ... और पढ़ेंमई 2012व्यूस: 7476
श्री गणेषाय नमः गजाननं भूतगणादि सेवितं कपित्थजम्बुफलचारू भक्षणम् उमासुतं शोकविनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम्।। हे गज के सिर वाले, सभी गणों द्वारा पूजित कैथ और जामुन खाने वाले, शोक का विनाश करने वाले पार्वती पुत्र विघ्नेश्वर गणपति मैं आपके च... और पढ़ेंसितम्बर 2013व्यूस: 9275
ग्रह स्थिति एवं व्यापार मासारंभ मंे कालसर्प योग का बनना और सूर्य पर शनि की दृष्टि का होना, यह योग राजनीति में संघर्षमय वातावरण को दर्शाता है। वरिष्ठ राजनीतिज्ञों के लिए यह परेशानी दायक रहेगा लेकिन शनि पर गुरु की दृष्टि होने से समस्याओं में कुछ कमी भी लाए... और पढ़ेंआगस्त 2013व्यूस: 5713