यह भी स्वरूप है शकुन और अपशकुन का अर्द्धरात्रि के बाद उल्लू घर की छत पर बोले तो चोरी होने का संकेत होता हैं। किसी स्त्री के पीछे से उल्लू का स्वर सुनाई पड़े तो वह प्रेत-बाधा से ग्रस्त होती हैं। रात में चमगादड़ सिर से टकराए तो व्यापर में हानि होती हैं। घर में चमगादड... और पढ़ेंजून 2012व्यूस: 34862
भूत प्रेतादि पर विशेष जानकारी जिसके घर में प्रेत बाधा हो तथा कोई भी अतृप्त आत्मा भटकती हो, चाहे वह बदले की भावना से है अथवा किसी ने उसे इस स्थान पर छोड़ा हैं। तब वह विद्रोही आत्मा उपद्रव मचाती है, घर परिवार को दुखी करने लगती है, तो इसका एक अचूक उपाय बता रहे हैं... और पढ़ेंसितम्बर 2012व्यूस: 21164
मोती मोती रत्न की यह प्रमुख विशेषता है की यह रत्न अपने प्राकृतिक रूप में पाया जाता है. अन्य रत्नों की भांति इसे मूल रूप में भी प्रयोग किया जाता है. मोती शीत प्रदान करने वाला रत्न होता है. इसलिए इसे धारण करने से क्रोध शांत रहता है. इसके... और पढ़ेंजून 2009व्यूस: 19939
कुछ उपयोगी टोटके मंदिर में सफेद काले कम्बल तथा धार्मिक पुस्तकों का दान करें। ४० दिन तक प्रतिदिन एक केला गणेश जी के मंदिर में उनके आगे रखने से विद्या के क्षेत्र में आने वाली विध्न बाधाओं में कमी होती है। परीक्षा भवन में प्रवेश करते समय भगवान राम का... और पढ़ेंजून 2008व्यूस: 20682
भूखंड चयन की गणितीय विधि कोई भी भूखंड हर किसी भी व्यक्ति के लिए भवन निर्माण के लिए उपयुक्त नहीं होता हैं। किसी स्थान पर भवन निर्माण उस व्यक्ति और उसके परिवार हेतु फलीभूत होगा भी अथवा नहीं ? यह जानने की कुछ सरल विधियाँ हमारे प्राचीन ग्रंथों में वर्णित की ग... और पढ़ेंदिसम्बर 2012व्यूस: 6983
प्रेतकल्प :गरुड़ पुराण गरुढ़ पुराण में भूत-प्रेतों के विषय में विस्तृत वर्णन उपलब्ध हैं। श्रीमदभागवत पुराण में भी धुन्धुकारी के प्रेत बन जाने का वर्णन आता हैं। भूत-प्रेत की अवधारणा उतनी ही पुराने हैं। जितना की स्वयं मनुष्य हैं। अनेक देशों की लोकप्रिय स्... और पढ़ेंसितम्बर 2012व्यूस: 28882
त्रिक भावों में ग्रहों का फल एवं उपाय भारतीय ज्योतिष में त्रिक भाव अर्थात्- छठे, आठवें और बारहवें भावों को बुरे फल की श्रेणी में रखा गया है। छठा घर झगड़े, मुकदमे, ऋण, बीमारी का घर तो अष्टम भाव मौत का घर, पाताल के अंधेरे का, तो द्वादश भाव व्यय का, मोक्ष का और खुले आकाश... और पढ़ेंसितम्बर 2013व्यूस: 24875
अरिष्ट निवारक महामृत्युंजय महादेव महामृत्युंजय मंत्र का अनुष्ठान जातक को सन्मार्ग पर लेकर जाता है. इस अनुष्ठान से इस काल में भी अनुष्ठान जातक के सभी अरिष्टों का शमन होता है. और साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है. जिसके फलस्वरूप जातक को वांछित फल प्राप्त होते है. ... और पढ़ेंमई 2009व्यूस: 9275
शुभ मुहूर्त में कार्य करने से क्या भविष्य बदल सकता है? एक मुहूर्त किसी के लिए लाभकारी एवं किसी के लिए विनाशकारी हो सकता है। अक्सर यह जिज्ञासा मन में होती है कि शुभ मुहूर्त क्या भविष्य बदल सकता है? इस प्रश्न का उत्तर जानने के लिए इस लेख को पढ़िए... और पढ़ेंअकतूबर 2009व्यूस: 8336
2014 और आपका भारत जनवरी लग्नेश गुरु वक्री है और गुरु सप्तम में है। सत्ता परिवर्तन होगा वायु, जल और अग्नि तत्व के ग्रह लग्न में हैं। बाजार भाव में तेजी, विदेशी मामलों में सुधार नहीं होगा। देश में उथल-पुथल मची रहेगी। फरवरी शुक्र वक्री है। देश की संपत... और पढ़ेंजनवरी 2014व्यूस: 7589
सबहिं नचावत ‘आप’ गोर्साईं अरविंद केजरीवाल आज भारतीय राजनीति को नई दिशा देने वाले बन चुके हैं। देश के लोगों को लगने लगा है कि भारतीय राजनीति में जो शून्य आ गया है उसे अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी भर सकती है। कहते हैं पंखां में जान हो न हो उड़ान तो हौसले से... और पढ़ेंफ़रवरी 2014व्यूस: 8723
शनि भगवान का मंदिर तुरुनल्लूर कराइकल पांडिचेरी तुरुनल्लूर भगवान शनि का पवित्र स्थल है. प्राचीन काल में यह मंदिर जलमार्ग से घिरा था. किन्तु बढते समय के साथ साथ वे जलाशय सूख गए और उन्हें मिटटी से भर दिया गया. आज मंदिर के चारों और .......... और पढ़ेंसितम्बर 2009व्यूस: 7662