गृह सुख व ज्योतिष राधा अग्रवालज्योतिष के नियम गणित के सूत्रों की तरह हैं। गणित में हर सवाल को हल करने के लिए एक सूत्र होता है, ज्योतिष के नियम भी उसी प्रकार हैं। इन्हें स्पष्ट करने के लिए यहां दो उदाहरण प्रस्तुत हैं। एक परिवार के दो लोगों ने जनवरी 2005 में घर... और पढ़ेंज्योतिषज्योतिषीय योगदशाभविष्यवाणी तकनीकगोचरअप्रैल 2008व्यूस: 11171
सूर्य किरण चिकित्सा अविनाश सिंहप्रकृति पंच तत्व प्रधान हैं। यूं माने तो समस्त प्रकृति पांच तत्वों से ही निर्मित हैं। संसार में समस्त प्राणी, वनस्पति आअदि पांच तत्वों से ही निर्मित हैं।... और पढ़ेंस्वास्थ्यउपायविविधजनवरी 2013व्यूस: 7388
सवार्थसिद्धिकारक अभिजित मुहूर्त सीताराम सिंहमनुष्य का जन्म अपने 'प्रारब्ध' (पूर्वजन्म के कर्म फल) अनुसार होता है। अच्छे 'प्रारब्ध' वाले शिशुओं की जन्म कुंडलियों में स्थित बलवान शुभ ग्रह योग उनके जीवन में सुख, सफलता, और समृद्धि प्रदान करते हैं। इसके विपरीत बुरे 'प्रारब्ध' वा... और पढ़ेंज्योतिषमुहूर्तनक्षत्रजनवरी 2011व्यूस: 16165
कब होगा रमेश शास्त्रीआम आदमी पार्टी और कांग्रेस पार्टी के गठबंधन से दिल्ली में जो सरकार बनी है, यह उसी तरह प्रतीत होती है, जैसे कि किसी लड़के, लड़की को उनके ना ना करते हुए भी जबरन विवाह बंधन में बांध दिया जाता है।... और पढ़ेंज्योतिषरत्नवशीकरणमार्च 2014व्यूस: 15655
राहू और केतु का ज्योतिष में महत्व ज्योतिष में राहू और केतु को छाया ग्रह माना गया है। ये राहू और केतु क्या है, और छाया ग्रह से क्या तात्पर्य है? राहू और केतु खगोलीय बिंदु हैं जो चंद्र के पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाने से बनते है। क्योकिं ये केवल कहलाते है। ... और पढ़ेंआगस्त 2008व्यूस: 30139
मुहूर्त में बाधक योगों का निवारण रविवार को पान खाकर, सोमवार को आईने में मुंह देखकर, मंगलवार को गुड, बुधवार को साबुत धनिया, गुरुवार को जीरा, शुक्रवार को दही और शनिवार को काली मिर्च खाकर घर से प्रस्थान करें, अशुभ प्रभावों से रक्षा होगी, तथा कार्य....... और पढ़ेंनवेम्बर 2009व्यूस: 7842
एकाग्रता वर्धन हेतु तंत्र एवं मंत्र आज के युग में तंत्र-मंत्र पर विद्यार्थीगण कम विश्वास करते है। तथा सरस्वती साधान भी आसान नहीं होती। जिसे प्रत्येक कर सके। जनसाधारण तथा कमजोर विद्यार्थियों हेतु एक आसान विधि का वर्णन किया जा रहा है।... और पढ़ेंफ़रवरी 2008व्यूस: 15710
सृष्टि का सृजन और नवसंवत्सर समय भागता हुआ वह कालपुरुष है। जिसके सर के पीछे बाल नहीं है। इस दृष्टांत का तात्पर्य यह है की समय को पकड़ पाना संभव नहीं है क्योकि गतिमान होने के साथ – साथ वह अनंत और असीम है। किन्तु हमारे त्रिकालदर्शी। ... और पढ़ेंअप्रैल 2008व्यूस: 13931
टोटकों द्वारा चमत्कार मानसिक, आर्थिक व शारीरिक कष्टों का निवारण टोटकों के माध्यम से किया जा सकता है. टोटका हो या अन्य कोई उपाय वह तभी फल देता है, जब उपाय करने वाला व्यक्ति पूर्ण विश्वास और श्रद्धा से उपाय करता है. ऐसे ही कुछ लाभकारी टोटकों की जानकारी इ... और पढ़ेंआगस्त 2011व्यूस: 71568
अवाश्यक नहीं है किचन का आग्नेय कोण में होना कोई व्यक्ति यदि घर बनाता है या घर का नवीनीकरण करता है तो चाहता है कि उसका घर वास्तु के अनुसार बने। इसलिए चार बातों का ध्यान विशेष रूप से रखा जाता है कि घर में पूजा का स्थान ईशान कोण में, रसोई घर आग्नेय कोण में, मास्टर बेडरूम। ... और पढ़ेंआगस्त 2008व्यूस: 24977
व्यवसाय, नौकरी, प्रसिद्धि एवं संपन्नता आज के युग में प्रत्येक व्यक्ति के लिये यह जानना की उसकी संतान क्या नौकरी अथवा व्यवसाय करेगी? जीवन में व्यक्ति को कितना धन लाभ एवं प्रसिद्धि मिलेगी. यह जानना बहुत आवशयक हो गया है........ और पढ़ेंअकतूबर 2009व्यूस: 12199
चर्म रोग के ज्योतिषीय कारण - शरीर की चमड़ी का कारक बुध होता है। कुंडली में बुध जितनी उत्तम अवस्था में होगा, जातक की चमड़ी उतनी ही चमकदार एवं स्वस्थ होगी। - कुंडली में बुध पाप ग्रह राहु, केतु या शनि से दृष्टि में या युति के साथ होगा तो चर्म रोग होने के पूरे ... और पढ़ेंजनवरी 2014व्यूस: 31881