औषाधि स्नान से ग्रह पीड़ा निवारण भारतीय ज्योतिष के अनुसार ९ ग्रहों की मान्यता एवं महत्वता में सूर्य, चन्द्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि के अलावा और है दो ग्रह राहू और केतु। जो आकाश में दिखाई नहीं देते हैं। वस्तुत; ये छाया ग्रह हैं। ... और पढ़ेंजुलाई 2012व्यूस: 12868
इतिहास गवाह है लाल किताब की भविष्यवाणियों का ज्योतिष शास्त्र “ तीसरी आँख “ के रूप में आज भी अपना महत्व बनाए हुए है। इस सदी के महान वैज्ञानिक न्यूटन ने लाल किताब के आधार पर अपनी कुंडली स्वयं निर्मित की थी। न्यूटन को अनुभव हुआ की हस्तरेखा के आधार पर निर्मित कुंडली। ... और पढ़ेंजून 2008व्यूस: 11094
लाल किताब पर आधारित उपाय लाल किताब को अरुण संहिता भी कहा जाता है। मूलरूप से यह संहिता लंकापति रावण ने सूर्य के सारथी अरुण से प्राप्त की थी जो बाद में अरब देश पहुँच गई और वहाँ अरबी और फारसी का जामा ओढ़ लिया। लाल किताब से फलकथन काफी प्राचीन काल से।... और पढ़ेंजून 2008व्यूस: 17899
भारतीय ज्योतिष में नेप्च्यून (वरुण’) का महत्व सूर्य की परिक्रमा करने वाले ग्रहों में नेप्च्यून आठवां ग्रह है। इसकी खोज सितंबर १८४६ ई। में बर्लिन वेधशाला के खगोल वैज्ञानिक जान गाले ने की थी। इसे सर्वप्रथम कुंभ राशि के अंशों पर देखा गया। नेप्च्यून देखने में चमकीले नीले रंग का ह... और पढ़ेंनवेम्बर 2008व्यूस: 13352
कान : श्रवण शक्ति के स्त्रोत आयुर्वेद के अनुसार कान का दर्द वायु विकार से उत्पन्न होता है. कानों की शिराओं से दूषित वायु अपना स्थान बना लेती है, जिससे कानों में विभिन्न प्रकार की ध्वनि उत्पन्न होती है. और दर्द भी होता है. कान के दर्द के अन्य कारण टांसिल की सू... और पढ़ेंआगस्त 2009व्यूस: 18124
कजली तीज व्रत व् पर्व श्रावण मास के शुक्ल पक्ष कि तृतीया को हरियाली तीज या कजली तीज के नाम से जाना जाता है। यह व्रत व् पर्व दोनों ही रूपों में प्रसिद्द है। इसमें परविद्या तृतीया ग्राह्य है। यदि इस तिथि को श्रवण नक्षत्र हो तो इसका महत्व और भी बढ़ जाता है... और पढ़ेंआगस्त 2008व्यूस: 16660
पन्ना बुध रत्न पन्ना धारण करने से त्वचा, दमा आदि व्याधियों का नाश होता है. पन्ने की प्रमुख विशेषता यह है की पन्ना धारण करने से बुध जनित समस्त दोष नष्ट होते है. पन्ना रत्न धारण करने से धारक की बुद्धि, चतुरता में वृद्धि होती है. यह रत्न क... और पढ़ेंजून 2009व्यूस: 14637
शनि का परिचय एवं उपाय शनि और हनुमान का गहरा संबंध है। सामान्यता: शनि की चर्चा में हनुमान का उल्लेख जरुर होता है। वस्तुत: दोनों के संबंध का आधार लंका दहन के समय घटी एक घटना है। जब श्री हनुमान की पूँछ लंका में आग लगा रही थी तो एक करुणापूर्ण चीख सुनाई। ... और पढ़ेंजुलाई 2008व्यूस: 11196
मिरगी दौरे का त्रास ज्योतिष ग्रंथ जातक तत्व के अनुसार मिरगी के कुछ ज्योतिषीय योग जैसे चंद्र और राहु की अष्टम में स्थिति, सूर्य, चंद्र मंगल लग्न और अष्टम भाव में साथ-साथ हो और अशुभ ग्रहों से दृष्ट हो तो मिरगी रोग होता है। विभिन्न लग्नों में मिरगी रोग ... और पढ़ेंअकतूबर 2009व्यूस: 32043
गुरु पूर्णिमा गुरु पूर्णिमा भारतवर्ष में समय-समय पर अलग-अलग देवी-देवताओं की पूजा का विधान है। उन विधानों में गुरु पूजा भी प्रमुख है। इस वर्ष गुरु पूर्णिमा पर्व 22 जुलाई 2013 को मनाया गया। लोग अपने-अपने गुरुओं के स्थानों पर जाते हैं और गुरु पूजा... और पढ़ेंदिसम्बर 2013व्यूस: 8958
कब्ज : खान-पान में सावधानी का अभाव आयुर्वेद और अन्य चिकित्सा प्रणालियों का मानना है कि कब्ज आंतों में बसने वाला वह शैतान है, जो अनेक रोग उत्पन्न करता है। जैसे मधुमेह, कफ विकार, आंत्रशोध, नसों में सूजन, कैंसर और कब्ज के रहते किसी भी रोग का उपचार नहीं हो सकता। प्रस्त... और पढ़ेंअकतूबर 2010व्यूस: 26028
भूत-प्रेतों की रहस्यमयी दुनिया-कारण और निवारण भूत-प्रेत कैसे बनते हैं। इस सृष्टि में जो उत्पन्न हुआ है उसका नाश भी होना है व् दुबारा उत्पन्न होकर फिर से नाश होना है यह क्र्म नियमित रूप से चलता रहता हैं। सृष्टि के इस चक्र से मनुष्य भी बंधा है इस चक्र की प्रक्रिया से अलग कुछ भी... और पढ़ेंसितम्बर 2012व्यूस: 59297